उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बीजेपी प्रवक्ता के विवादित और कथित ‘अपमानजनक' टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को हिंसा भड़क गई थी. विवादित बयान के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने के दौरान दो समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके. इस शांत कराने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा. इस हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले में तीन प्राथमिकी दर्ज की है.
दो FIR पुलिस की तरफ़ से जबकि एक FIR घायल व्यक्ति की तरफ़ से लिखी गई है. 40 लोगों को नामज़द किया गया है और 100 से ज़्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गई है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्यवाही होगी. कानपुर हिंसा में 13 पुलिसकर्मी और दोनों पक्षों के 30 लोग घायल हुए हैं. वीडियो फ़ुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है.
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पुलिस ने बताया कि कानपुर के परेड चौराहे, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में हिंसा हुई थी, वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सघन निगरानी बढ़ा दी गई है. इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है, जिसमें 12 कंपनी और एक प्लाटून पीएसी शामिल है. आज 11 बजे तक राष्ट्रपति कोविंद क़ानपुर में ही रहेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के कमिश्नर से फ़ोन पर बात कर स्थिति का जायज़ा लिया है.
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा, "...36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. वीडियो के आधार पर और लोगों की पहचान की जा रही है." उन्होंने आगे कहा, "साजिशकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को या तो जब्त कर लिया जाएगा या ध्वस्त कर दिया जाएगा."
कानपुर में शुक्रवार को कथित तौर पर बाजार बंद को लेकर विभिन्न समुदायों के दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. पुलिस ने बताया कि इलाके में हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ लोगों ने दुकानों को बंद कराने की कोशिश की जिसका दूसरे समूह ने विरोध किया.
जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा था. मामले में आगे की जांच की जा रही है.
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लखनऊ में एडीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर के सभी अल्पसंख्यक सदस्यों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें तथा उपद्रवियों को पहचानने में पुलिस की मदद करें. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि हर हाल में शांति व्यवस्था बनाये रखें.
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