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This Article is From Jul 05, 2017

कार लोन चुकाने के लिए बन गया जानवर, चार साल की बच्ची को किया अगवा, जलाकर मार डाला

कार के लिए लिया गया कर्ज़ चुकाने की खातिर न सिर्फ चार साल की एक मासूम बच्ची को अगवा किया, बल्कि उसे बेरहमी से जलाकर मार डाला, और उसके शव को भी गाड़ दिया, ताकि उसकी पोल नहीं खुल पाए, और फिर खुद उसकी तलाश में जुटे रहने का ढोंग करता रहा.

कार लोन चुकाने के लिए बन गया जानवर, चार साल की बच्ची को किया अगवा, जलाकर मार डाला
प्रतीकात्मक चित्र
  • पुणे के दिघी में शुभम जामनिक ने चार-वर्षीय तनिष्का को अगवा किया
  • फिरौती से कार लोन चुकाने के इरादे से दोस्त के साथ मिलकर किया था अगवा
  • पुलिस ने बच्ची का शव बरामद किया, दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
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हमारे मुल्क में कर्ज़ नहीं चुका पाने की सूरत में किसानों द्वारा खुदकुशी कर लेने की ख़बरें आम हैं, लेकिन पुणे में एक ऐसे दुर्दांत शख्स की ख़बर मिली है, जिसने कार के लिए लिया गया कर्ज़ चुकाने के लिए न सिर्फ चार साल की एक मासूम बच्ची को अगवा किया, बल्कि उसे बेरहमी से जलाकर मार डाला, और उसके शव को भी गाड़ दिया, ताकि उसकी पोल नहीं खुल पाए, और फिर वह खुद भी उसकी तलाश में जुटे रहने का ढोंग करता रहा.

समाचार वेबसाइट 'मिड-डे.कॉम' के मुताबिक, कार लोन चुकाने के लिए पांच लाख रुपये जुटाने की खातिर पुणे में दिघी इलाके के चहोली में रहने वाले शुभम जामनिक ने 28 जून को अपने मकान मालिक अमोल अरुड़े की चार-वर्षीय बेटी तनिष्का अरुड़े को अगवा किया था. बच्ची का शव अकोला में बरामद हुआ, और उसके बाद शुभम और उसके दोस्त तथा अपराध में सहयोगी प्रतीक सताले को गिरफ्तार किया गया.

बच्ची के पिता अमोल को इस बात का पूरा भरोसा था कि यह किसी अनजान व्यक्ति का काम नहीं हो सकता, क्योंकि उनका दावा है कि उनकी बेटी कभी अजनबियों के साथ कहीं नहीं जाती थी. उन्होंने यह भी कहा कि शुभम के अपराधी होने का पता चलने पर वह हैरान रह गए थे, क्योंकि वह भी बच्ची के गायब होने के बाद उसे तलाश करने में मदद कर रहा था.

वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, दिघी पुलिस थाने में सब-इंस्पेक्टर हरीश माने ने बताया कि जब चार दिन तक वे हर मुमकिन जगह पर बच्ची को तलाश कर चुके थे, और उसके पिता की ज़िद लगातार बनी हुई थी कि यह कारनामा किसी अनजान व्यक्ति का नहीं हो सकता, तब पुलिस को शुभम पर शक हुआ. सब-इंस्पेक्टर के अनुसार, शुभम ने कार के लिए बैंक से कर्ज़ा लिया था, और वह उसे चुका नहीं पा रहा था, सो, उसने फिरौती वसूलने की साजिश रचकर बच्ची को अगवा कर लिया.

लेकिन अगवा किए जाने के बाद तनिष्का ने उनका विरोध करना बंद नहीं किया था, इसलिए उसे चुप कराने की खातिर उन्होंने बच्ची के मुंह पर प्लास्टिक बैग लपेट दिया, और कार में डालकर अकोला के मुर्तिजापुर ले गए, जहां उन्होंने तनिष्का को एक बोरे में डालकर उसे आग लगा दी. इसके बाद उन्होंने अधजले शव को एक सुनसान इलाके में गाड़ दिया. सब-इंस्पेक्टर हरीश माने ने यह भी बताया है कि बच्ची के शव को पुणे लाया जा रहा है.

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