प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
मुंबई में वर्ष 2016 में बलात्कार के दर्ज हुए कुल प्रकरणों में से 72 फीसदी मामलों में नाबालिग लड़कियां पीड़िता थीं. मुंबई में कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर प्रजा फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 में शहर में बलात्कार के कुल 628 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 455 यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के तहत दर्ज किए गए.
इसने बताया कि वर्ष 2015 में बलात्कार के 712 मामले दर्ज हुए जिनमें से 448 पीड़िताएं नाबालिग थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच शहरभर के थानों में 15,867 आपराधिक मामले दर्ज हुए. वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 17,539 था. इस हिसाब से दर्ज मामलों में 17 फीसदी की कमी आई है.
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रिपोर्ट में बताया गया है कि बलात्कार के मामलों में भी कमी आई है. जहां 2016-17 में बलात्कार के 576 मामले दर्ज हुए वहीं 2015-16 में इन मामलों की संख्या 728 थी. इसी तरह से 2015-16 में छेड़छाड़ के 2,145 मामले दर्ज किए गए जबकि 2016-17 में यह संख्या घटकर 2,103 हो गई.
हत्या के मामलों में भी 17 प्रतिशत की कमी देखी गई है. 2015-16 में 170 हत्या के मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2016-2017 में कत्ल के 141 प्रकरण दर्ज हुए. रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने से विभिन्न सत्र अदालतों से फैसला आने में औसतन 21.3 महीने का वक्त लगा जबकि हत्या के मामले में इस प्रक्रिया में 24.7 महीने का समय लगा.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसने बताया कि वर्ष 2015 में बलात्कार के 712 मामले दर्ज हुए जिनमें से 448 पीड़िताएं नाबालिग थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच शहरभर के थानों में 15,867 आपराधिक मामले दर्ज हुए. वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 17,539 था. इस हिसाब से दर्ज मामलों में 17 फीसदी की कमी आई है.
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हत्या के मामलों में भी 17 प्रतिशत की कमी देखी गई है. 2015-16 में 170 हत्या के मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2016-2017 में कत्ल के 141 प्रकरण दर्ज हुए. रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने से विभिन्न सत्र अदालतों से फैसला आने में औसतन 21.3 महीने का वक्त लगा जबकि हत्या के मामले में इस प्रक्रिया में 24.7 महीने का समय लगा.
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