राम जेठमलानी
- जेठमलानी नेवी अफसर केएम नानावटी का केस लड़ चुके हैं
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारों की भी पैरवी
- स्मलिंग के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के वकील थे
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नई दिल्ली:
जाने-माने वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने अपने 94वें जन्मदिन से पहले वकालत से रिटायरमेंट लेते हुए अपने सात दशक लंबे करियर को अलविदा कह दिया. देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक माने जाने वाले जेठमलानी ने कई हाईप्रोफाइल और विवादित केस लड़े हैं. संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा है कि वह भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे. हालांकि जेठमलानी खुद एक नहीं बल्कि कई बार भ्रष्ट नेताओं और अपराधियों की तरफ से केस लड़ चुके हैं. यहां हम आपके कुछ ऐसे ही मामलों के बारे में बता रहे हैं:
पढ़ें: राम जेठमलानी से जुड़ी 25 अनसुनी बातें
जेठमलानी देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह का बचाव कर चुके हैं. सतवंत सिंह और केहर सिंह दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे. राम जेठमलानी ने दोनों को बचाने के लिए केस लड़ा था. हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी. इस केस को लड़ने की वजह से जेठमलानी की आलोचना भी हुई थी.
जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन की भी पैरवी कर चुके हैं. यह केस मद्रास हाईकोर्ट में चला था. आरोपियों की ओर से वकील के तौर पर पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रक़ैद में तब्दील कराया.
इसके अलावा जेठमलानी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार और घोटाले में शामिल कई नेताओं के वकील भी रह चुके हैं. हवाला स्कैम में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों पर पैसे लेने का आरोप लगा था. बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी पर भी आरोप लगा था. तब उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. जेठमलानी ने आडवाणी की ओर से उनका केस लड़ा था. साल 2015 में जेठमलानी ने कहा था कि आडवाणी उनकी वजह से ही हवाला केस जीते थे.
जेठमलानी ने 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पैरवी की थी.
जेठमलानी आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे.
यूपीए 2 के कार्यकाल में 2जी घोटाला सामने आया था. जेठमलानी ने आरोपी और डीएमके नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के बचाव में पैरवी की. 2जी का मामला अभी अदालत में चल रहा है.
जेठमलानी ने अवैध खनन घोटाले के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा समेत 12 अन्य आरोपियों की पैरवी की थी. यह मामला सीबीआई की ओर से दर्ज किया गया था.
केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र केस बेहद चर्चित मामला है. नानावटी नेवी अफसर थे, जिन्होंने अपनी पत्नी के प्रेमी को गोली मार दी थी. उन्होंने खुद सरेंडर कर अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था. वे तीन साल जेल में रहे. जेठमलानी ने उनका केस लड़ा और उन्हें रिहा करा लिया था. आपको बता दें कि इसी विषय पर फिल्म 'रुस्तम' बन चुकी है, जिसके एक्टर अक्षय कुमार थे.
तस्करी के एक मामले में मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान को बचाने के लिए जेठमलानी ने पैरवी की थी. फिल्म 'वन्स अपॉन ए टाइम न इन मुंबई' हाजी मस्तान पर ही बनी थी.
जेठमलानी ने शाहबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री और वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पैरवी की थी.
संसद पर हमले के आरोपी कश्मीरी आतंकी अफजल गुरु के मामले में भी जेठमलानी ने पैरवी की थी. अफजल को अदालत ने फांसी की सजा दी थी जिसके खिलाफ जेठमलानी ने केस लड़ा. लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
यौन उत्पीड़न के अलग-अलग मामलों में आसाराम बापू जेल में बंद है. उनके बचाव में जेठमलानी केस लड़ चुके हैं. आसाराम का मामला अभी भी अदालत में चल रहा है.
हाई प्रोफाइल जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी ने हत्या के आरोपी मनु शर्मा का अदालत में बचाव किया था.
जेठमलानी अदालत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी बचाव कर चुके हैं. दरअसल, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पहले तो जेठमलानी ने कहा था कि वो फ्री में केस लड़ेंगे लेकिन बाद में उन्होंने इसके लिए 3.42 करोड़ रुपये की फीस मांगी.
पढ़ें: राम जेठमलानी से जुड़ी 25 अनसुनी बातें
जेठमलानी देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह का बचाव कर चुके हैं. सतवंत सिंह और केहर सिंह दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे. राम जेठमलानी ने दोनों को बचाने के लिए केस लड़ा था. हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी. इस केस को लड़ने की वजह से जेठमलानी की आलोचना भी हुई थी.
जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन की भी पैरवी कर चुके हैं. यह केस मद्रास हाईकोर्ट में चला था. आरोपियों की ओर से वकील के तौर पर पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रक़ैद में तब्दील कराया.
इसके अलावा जेठमलानी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार और घोटाले में शामिल कई नेताओं के वकील भी रह चुके हैं. हवाला स्कैम में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों पर पैसे लेने का आरोप लगा था. बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी पर भी आरोप लगा था. तब उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. जेठमलानी ने आडवाणी की ओर से उनका केस लड़ा था. साल 2015 में जेठमलानी ने कहा था कि आडवाणी उनकी वजह से ही हवाला केस जीते थे.
जेठमलानी ने 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पैरवी की थी.
जेठमलानी आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे.
यूपीए 2 के कार्यकाल में 2जी घोटाला सामने आया था. जेठमलानी ने आरोपी और डीएमके नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के बचाव में पैरवी की. 2जी का मामला अभी अदालत में चल रहा है.
जेठमलानी ने अवैध खनन घोटाले के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा समेत 12 अन्य आरोपियों की पैरवी की थी. यह मामला सीबीआई की ओर से दर्ज किया गया था.
केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र केस बेहद चर्चित मामला है. नानावटी नेवी अफसर थे, जिन्होंने अपनी पत्नी के प्रेमी को गोली मार दी थी. उन्होंने खुद सरेंडर कर अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था. वे तीन साल जेल में रहे. जेठमलानी ने उनका केस लड़ा और उन्हें रिहा करा लिया था. आपको बता दें कि इसी विषय पर फिल्म 'रुस्तम' बन चुकी है, जिसके एक्टर अक्षय कुमार थे.
तस्करी के एक मामले में मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान को बचाने के लिए जेठमलानी ने पैरवी की थी. फिल्म 'वन्स अपॉन ए टाइम न इन मुंबई' हाजी मस्तान पर ही बनी थी.
जेठमलानी ने शाहबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री और वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पैरवी की थी.
संसद पर हमले के आरोपी कश्मीरी आतंकी अफजल गुरु के मामले में भी जेठमलानी ने पैरवी की थी. अफजल को अदालत ने फांसी की सजा दी थी जिसके खिलाफ जेठमलानी ने केस लड़ा. लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
यौन उत्पीड़न के अलग-अलग मामलों में आसाराम बापू जेल में बंद है. उनके बचाव में जेठमलानी केस लड़ चुके हैं. आसाराम का मामला अभी भी अदालत में चल रहा है.
हाई प्रोफाइल जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी ने हत्या के आरोपी मनु शर्मा का अदालत में बचाव किया था.
जेठमलानी अदालत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी बचाव कर चुके हैं. दरअसल, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पहले तो जेठमलानी ने कहा था कि वो फ्री में केस लड़ेंगे लेकिन बाद में उन्होंने इसके लिए 3.42 करोड़ रुपये की फीस मांगी.
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