कंबोडिया और तमिलनाडु से संचालित हाई-टेक जबरन वसूली गिरोह के भारतीय मास्टरमाइंड समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है. इस रैकेट का पता सोशल मीडिया के जरिए चला था, पुलिस ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया और कार्रवाई शुरू कर दी. ब्राउजर पॉप-अप विंडो और एडवेयर के जरिए फर्जी पुलिस नोटिस भेजा जाता था. इसमें पीड़ितों को कहा जाता था कि पोर्नोग्राफी देखने के लिए जुर्माना भरना होगा, वरना पुलिस उनकी गिरफ्तारी करेगी. जबरन वसूली के लिए यूपीआई और क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता था. इस अनूठी धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड कंबोडिया, दक्षिण-पूर्व एशिया में है. 20 से ज्यादा खातों के जरिए पैसा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए देश से बाहर जाने का संदेह है.
साइबर सेल के डीसीपी अनियेश रॉय के मुताबिक सोशल मीडिया शिकायत की निगरानी के दौरान यह पाया गया कि कुछ लोगों ने एक नोटिस के बारे में रिपोर्ट किया है. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया कि यह नोटिस उन्हें पुलिस मिला है. जिसमें कहा गया था कि वे पोर्नोग्राफी देख रहे थे जो एक प्रतिबंधित गतिविधि है, इसलिए उनके कंप्यूटर की सभी फाइलों को ब्लॉक कर दिया गया है. इसके लिए उन्हें 3000 रुपये का जुर्माना देने के लिए कहा जाता था. पीड़ितों ने यह भी बताया कि उनकी स्क्रीन पर यह मैसेज तब भी आया जब वे वेब ब्राउजर पर कोई भी अश्लील सामग्री नहीं खोज रहे थे.
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सोशल मीडिया इनपुट के आधार पर केस दर्ज करने के बाद इस मामले में कार्रवाई शुरू की गई. फर्जी पॉपअप नोटिस की तकनीकी जांच से पता चला कि ये विदेश से आ रहे हैं. हालांकि, मनी ट्रेल की जांच में पता चला कि ठगी के पैसे तमिलनाडु में संचालित कई बैंक खातों में जा रहे थे. पुलिस की एक टीम तमिलनाडु गई, जांच में पता चला कि खाते फर्जी पतों पर खोले गए थे. पुलिस टीम ने एक सप्ताह से अधिक समय तक इस इलाके में डेरा डाला और चेन्नई, त्रिची, कोयंबटूर, उधगमंडलम और कई अन्य जगहों के बीच 2,000 किमी से अधिक की यात्रा की और अंत में स्थानीय मास्टरमाइंड बी. धीनुशांत उर्फ धीनू सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार आरोपी धीनुशांत ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया, उसने बताया कि पूरे गोरखधंधे का तकनीकी हिस्सा यानि फर्जी पुलिस नोटिस भेजना और इंटरनेट उपयोग करने वालों का चुनाव उसका भाई बी चंद्रकांत उर्फ चंद्रू करता है जो दक्षिण पूर्व एशिया के कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह के पास वील पोन से काम कर रहा है. पुलिस ने जो लोग गिरफ्तार किए हैं, उनमें गेब्रियल जेम्स ,राम कुमार सेल्वम और बी. धीनुशांत शामिल हैं.
अब तक की गई जांच में पता चला है कि ठगी के पैसे 20 से ज्यादा बैंक खातों में जाते थे, फरवरी, 2021 से जून, 2021 में 30 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का पता चला है. अंदेशा है कि इनके कई और बैंक खातें हैं. गिरफ्तार आरोपी धीनुशांत ने खुलासा किया कि उसका भाई चंद्रू द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बैंकिंग सिस्टम से पैसे निकाले जा रहे थे. पूरे पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए मामले की और जांच की जा रही है.
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