
नवी मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है, जिसमें खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर एक महिला प्रोफेसर को 1 करोड़ 81 लाख 72 हजार 667 रुपये की चपत लग गई. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने उन्हें 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पीड़ित महिला नवी मुंबई के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.
व्हॉट्सएप पर CBI, ED और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भेजे
पीड़ित को अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसमें बताया गया कि दिल्ली में आपके खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायत दर्ज हुई है और आप पर 8 लाख 62 हजार रुपये का टैक्स बकाया है. इसके बाद महिला को व्हॉट्सएप के जरिए CBI, ED और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भेजे गए. आरोपियों ने यह भी कहा कि ‘अमित चौधरी केस' में आपका क्रेडिट कार्ड मिला है और आप पर कड़ी कार्रवाई होने वाली है.
डिजिटल अरेस्ट हुई महिला ने ट्रांसफर किए 1.81 करोड़ रुपये
महिला को डराने के लिए कहा गया कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है. इसके बाद महिला को बताया गया कि उसकी पूरी संपत्ति की जांच की जाएगी और अगर सब कुछ सही पाया गया, तो पैसे वापस किए जाएंगे. डर के मारे महिला ने अपने शेयर मार्केट और अन्य निवेशों की पूरी जानकारी और बैंक खातों के विवरण आरोपियों को दे दिए. आरोपियों ने महिला से कुल 1.81 करोड़ रुपये छह अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए.
क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को दबोचा
कुछ दिन बाद जब महिला को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने नवी मुंबई क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने त्वरित जांच करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. ये आरोपी लोगों को डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर खुद को फर्जी सरकारी अधिकारी बताकर करोड़ों की ठगी कर रहे थे. नवी मुंबई पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे कॉल और मैसेज से सावधान रहें.
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