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SI की वर्दी पहन 2 साल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ली, अफसरों संग घूमी, रौब गांठा... 'मूली देवी' की कहानी चौंका देगी

भोली सूरत वाली 'मूली देवी' उर्फ मोना बुगालिया दो साल तक सब-इंस्पेक्टर बनकर सबको चकमा देती रही, पुलिस की वर्दी पहनकर राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग करती रही, सीनियर पुलिस अफसरों संग फोटो खिंचवाए, सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर रौब गांठा. अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

SI की वर्दी पहन 2 साल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ली, अफसरों संग घूमी, रौब गांठा... 'मूली देवी' की कहानी चौंका देगी
  • 'मूली देवी' दो साल तक राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर बनकर रौब गांठती रही.
  • फर्जी पहचान बनाकर राजस्थान पुलिस अकादमी में दो साल तक ट्रेनिंग ली.
  • मूली देवी का असली नाम मोना बुगालिया है, उसके पिता ट्रक ड्राइवर हैं.
  • मोना ने 2021 में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी, लेकिन फेल होने पर फर्जी SI बन गई.
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जयपुर:

कई बार भोली सूरत के पीछे शातिर चेहरा भी छिपा होता है. मासूम सी दिखने वाली 'मूली देवी' न सिर्फ दो साल तक सब-इंस्पेक्टर बनकर सबको चकमा देती रही, पुलिस की वर्दी पहनकर राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग करती रही, सीनियर पुलिस अफसरों के साथ फोटो खिंचवाए, सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर खुद को असली पुलिसवाली दिखाया. लेकिन कहते हैं न कि झूठ ज्यादा देर नहीं छिपता. मूली देवी की पोल भी खुल गई. अब उसे सीकर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है.

'मूली देवी' का असली नाम मोना बुगालिया है. वह राजस्थान के नागौर जिले के निम्बा के बास गांव की रहने वाली है. पिता ट्रक ड्राइवर हैं. मोना ने 2021 में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं हो पाई. लेकिन पुलिस का रौब और रुतबा इतना भाया कि उसने नकली पहचान बना ली. फर्जी नाम मूली देवी रख लिया. जाली दस्तावेज बनाए. सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया कि उसका पुलिस में सिलेक्शन हो गया है. 

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इसके बाद वह सब-इंस्पेक्टर ट्रेनीज़ के वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल हो गई. खुद को स्पोर्ट्स कोटा के पुराने बैच की कैंडिडेट बताकर राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में घुस गई. दो साल तक RPA के परेड ग्राउंड पर पुलिस की वर्दी में ड्रिल्स में हिस्सा लिया. सीनियर अफसरों के साथ फोटो खिंचवाए. सोशल मीडिया पर मोटिवेशनल वीडियो और रील्स पोस्ट कीं. एक बार तो उसने पब्लिक स्टेज पर IPS अफसरों के साथ खड़े होकर पुलिस की वर्दी में करियर गाइडेंस स्पीच भी दी. इतना ही नहीं, कुछ लोगों को वॉट्सऐप कॉल्स पर धमकाया भी. फर्जी पुलिसवाली की असली पावर दिखाई.

मोना का फर्जीवाड़ा तब सामने आया, जब कुछ ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों को उस पर शक हुआ. उन्होंने सीनियर अफसरों को बताया और फिर इंटरनल जांच शुरू हुई. मोना से पूछताछ हुई तो उसने कबूल कर लिया कि उसने फर्जी पहचान बनाई थी. उसने बताया कि वह अपने परिवार को, अपनी चार बहनों को इंप्रेस करना चाहती थी और पुलिस की पावर का फायदा उठाना चाहती थी. 

2023 में जयपुर के शास्त्री नगर थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. उसके बाद वह फरार हो गई. अब पुलिस ने हाल ही में सीकर से उसे गिरफ्तार किया है. उसके किराए के कमरे की तलाशी में पुलिस को 7 लाख रुपये नकद, पुलिस की तीन वर्दियां, RPA के एग्जाम पेपर और जाली दस्तावेज मिले हैं.

पुलिस ने 'मूली देवी' का असली चेहरा तो बेनकाब कर दिया है, लेकिन सवाल ये है कि RPA जैसे हाई सिक्योरिटी इंस्टिट्यूट में बिना किसी बैकग्राउंड चेकिंग के वह आउटडोर ट्रेनिंग जोन तक कैसे पहुंच गई? पुलिस मामले की गहराई से जांच करने में जुटी है.
 

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