गुरुग्राम की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी मां के साथ बलात्कार करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में मृत्युपर्यंत उम्रकैद की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राहुल बिश्नोई की अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजिका का बेटा होने के नाते दोषी को ‘‘उसकी सुरक्षा करनी चाहिए थी”, लेकिन वह उसका उत्पीड़क बन गया और “एक जानवर की तरह व्यवहार किया” और भयंकर कृत्य को अंजाम दिया, जिसकी वजह से महिला के पास अपनी जान लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.
अदालत ने अपराध की प्रकृति और जिस तरह से उसे अंजाम दिया उस पर गौर करते दोषी को सख्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि दोषी मौत होने तक जेल में रहेगा. पुलिस के मुताबिक, 16 नवंबर, 2020 को पटौदी इलाके के एक गांव में एक महिला ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी. उन्होंने बताया कि महिला के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और आरोप लगाया कि महिला को इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस ने बताया कि उसने कहा कि मृतका का बड़ा बेटा नशे का आदी है और अक्सर परिवार के सदस्यों से झगड़ा करता रहता है.
उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले पति की मौत के बाद महिला की शादी उसके देवर से हुई थी. पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज किया गया. शव के पोस्टमॉर्टम से पुष्टि हुई कि महिला से बलात्कार किया गया है. पुलिस ने बताया कि इसके बाद महिला के बेटे को 21 नवंबर, 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पुख्ता सबूत पेश किए. पुलिस ने बताया कि अदालत में 18 गवाहों ने गवाही दी और आरोपी के खिलाफ आरोप सही साबित हुए.
ये भी पढ़ें : मैं बीजेपी के साथ रहना चाहता हूं, अमित शाह से मिलना चाहूंगा : मुकुल रॉय
ये भी पढ़ें : PM मोदी 25 अप्रैल को सिलवासा में मेडिकल कॉलेज का करेंगे उद्घाटन, दमन में होगा रोड शो
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं