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जबलपुर : दोस्ती में घुला कैसा जहर, लड़की ने अपनी ही सहेली पर फेंका तेजाब, रंजिश या फिर कुछ और

दोस्ती का रिश्ता जो भरोसे और अपनेपने का दूसरा नाम है. दोस्ती आखिर इतनी नफरत में कैसे बदल सकती है कि लड़की अपनी जिगरी सहेली पर तेजाब फेंक उसकी जिंदगी तबाह कर दें.

जबलपुर : दोस्ती में घुला कैसा जहर, लड़की ने अपनी ही सहेली पर फेंका तेजाब, रंजिश या फिर कुछ और
भोपाल:

दांत कांटे दोस्‍ती का दावा और फिर उसमें इतनी जलन कि अपनी ही बेस्‍ट फ्रेंड पर तेजाब फेंक दिया. हम आपको न ही किसी फिल्‍म की स्क्रिप्‍ट सुना रहे हैं और न ही किसी वेबसीरीज के आने वाले शो के बारे में बता रहे हैं. मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसी घटना हुई जिसे करने से पहले शायद दुश्‍मन भी एक बार सोचे. क्‍या आप इस बात पर भरोसा कर सकते हैं कि कोई दोस्‍त सिर्फ इस बात से जलन कर सकता है कि आप उससे अच्‍छी नौकरी करते हो. जबलपुर की इशिता करने लगी थी और इस वजह से उसने अपनी ही दोस्‍त श्रद्धा पर तेजाब फेंक दिया. जबलपुर के ग्‍वारीघाट थाना क्षेत्र में हुई एक घटना के बाद हर कोई एक-दूसरे से सवाल कर रहा है कि आखिर ऐसी क्‍या जलन कि जो इशिता और श्रद्धा हमेशा एक साथ नजर आती थीं, आज अलग हैं.  

आखिर कैसे इशिता, जो कभी श्रद्धा की हर खुशी में शामिल रहती थी, उसी ने अपनी बचपन की दोस्त पर तेजाब उड़ेल दिया, और उसकी हंसती-खिलखिलाती जिंदगी को तड़प में बदल दिया. अवधपुरी कॉलोनी की 22 साल की श्रद्धा दास पर उसकी घनिष्ठ सहेली इशिता साहू ने तेजाब फेंककर न सिर्फ उसका चेहरा झुलसा दिया, बल्कि दोस्ती के रिश्तों की यादों को भी राख कर दिया. जो लड़की कभी श्रद्धा की आंखों में सपने देखती थी, वही आज उसकी आंखों में जलन और तमाउम्र का दर्द छोड़ गई. वजह? एक पुरानी रंजिश, शक, ईर्ष्या और शायद वो जहर जो धीरे-धीरे दोस्ती के भीतर पनप रहा था।

शक ने डाल दी पक्की दोस्ती में दरार

दरअसल कुछ साल पहले एक ऐसी घटना हुई, जिसने इस दोस्ती में जहर घोलना शुरू कर दिया. हुआ यूं कि कुछ साल पहले इशिता का अपने बॉयफ्रेंड के साथ बना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस घटना ने इशिता और परिवार की नींद छीन ली. इस मामले से बदनामी इतनी बढ़ी कि उन्हें हर जगह ताने मारे जाने लगे. यहीं से इस दोस्ती में दरार पड़ गई. असल में इशिता को पक्का शक था कि इसके पीछे श्रद्धा का हाथ है बस इसी शक ने दोस्ती के रिश्ते को दुश्मनी में तब्दील कर दिया, ये रंजिश वक्त के साथ और भी गहरी होती चली गई.

करियर और खूबसूरती बनी नफरत की वजह

जब दोनों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही थी, तभी अचानक एक और बात इशिता को चुभने लगी. श्रद्धा को पश्चिम बंगाल की एक नामी कंपनी में नौकरी मिल गई. कभी उसकी पक्की सहेली रही लड़की जो अब उसकी दुश्मन थी. उसकी बढ़ती तरक्की और खूबसूरती से इशिता की ईर्ष्या अब खुलकर बाहर आने लगी. वह हर कीमत पर श्रद्धा को सबक सिखाना चाहती थी. जिसके बाद उसने पूरी साजिश रची.

फर्जी दस्तावेज से खरीदा तेजाब

इशिता ने इंटरनेट खंगाल डाला — एसिड कैसे और कहां से मिलेगा? उसने ज्ञान गंगा कॉलेज के नाम पर फर्जी लेटरहेड तैयार बनवाया. फिर उस पर एक दोस्त से फर्जी हस्ताक्षर भी करवा लिए. जब सिविक सेंटर स्थित अनुप्रास ट्रेडर्स में एसिड मांगा तो दुकानदार ने पहले तो उसे मना किया. तब इशिता ने अपने दोस्त को कॉलेज प्रोफेसर बनाकर दुकानवालों से बात कराई. उसके दोस्त ने कहा — “प्रैक्टिकल के लिए सल्फ्यूरिक एसिड चाहिए,” दुकानदार उनके झांसे में आ गया और एसिड दे दिया.

आखिरी मिलन बना जानलेवा

29 जून की सुबह इशिता ने श्रद्धा को अचानक फोन घुमाया और कहा, “तू तो बंगाल चली जाएगी, आखिरी बार कम से कम मुझसे मिल ले.” श्रद्धा ने हंसकर हामी भर दी. इशिता उसके घर पहुंची, श्रद्धा की मां भी उस वक्त घर पर मौजूद थीं. जैसे ही श्रद्धा गेट पर अपनी सहेली से मिलने आई, तभी मौका देखकर इशिता ने बोतल निकाली और तेजाब सीधे उसके चेहरे पर उंडेल दिया. तेजाब से श्रद्धा की चीखने लगी. तब मां ने दौड़कर उसे बाथरूम में ले जाकर पानी डाला. तेजाब में बुरी तरह झुलसी श्रद्धा की चीखें सुनकर मोहल्ले वाले दहशत में घरों से बाहर निकल आए. लेकिन तब तक मौके का फायदा उठाकर इशिता भाग निकली.

गिरफ्तारी के बाद पूछा — “जिंदा है या मर गई?” पुलिस ने कुछ ही घंटों में इशिता को पकड़ लिया, लेकिन हद तो तब हो गई जब उसने पुलिस से पूछा —

 “क्या वह मर गई? मुझे फांसी होगी क्या?”

इशिता का साथी जिसने तेजाब खरीदने में उसकी मदद की अभी भी फरार है. पुलिस हत्या की कोशिश और एसिड अटैक की धाराओं में केस दर्ज कर जांच कर रही है.

जिंदगी और मौत से लड़ रही श्रद्धा

श्रद्धा का चेहरा, गर्दन और शरीर का ऊपरी हिस्सा 50% तक बुरी तरह झुलस गया है. वह मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में जिंदगी की जंग लड़ रही है. डॉक्टरों ने कहा उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.

मोहल्ले में पसरा सन्नाटा, रिश्तों पर उठा सवाल

जबलपुर की इस घटना ने सबको अंदर तक हिला दिया है. लोग अब आपस में सवाल कर रहे हैं —

 कैसे कोई लड़की अपनी ही पक्की सहेली पर तेजाब फेंक सकती है?
दोस्ती इतनी खतरनाक नफरत में कब बदल जाती है, कोई समझ ही नहीं पाता.

दोस्ती की कहानी अब डरावनी मिसाल

ये कहानी सिर्फ श्रद्धा और इशिता की नहीं है, बल्कि उन तमाम रिश्तों की भी है, जो एक वक्त पर बड़े खूबसूरत होते हैं. ये खूबसूरत रिश्ते कभी उनके लिए जिंदगी भर का दर्द बन जाएंगे, कब ऐसा किसने सोचा था. रिश्ता चाहे जो हो अगर वहां शक, जलन और गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि प्यार की जगह नफरत और तेजाब ले ले तो आदमी पागलपन और जुनून के चक्कर में क्या कुछ कर गुजर जाता है उसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता. भरोसा, अब इतना कमजोर क्यों हो गया कि उसमें तेजाब घुल जाए?

कुछ दिनों पहले यूपी से एक घटना सामने आई थी कि एक लड़के के ट्रेन की चपेट में आने से लड़के की मौत हो गई. इस मौत से लड़के का दोस्त इस कदर टूटा कि उसने भी अपने जिगरी दोस्त के चक्कर में जान दे दी. ये कहानी बताती है कि याराना क्या होता है, हम यहां किसी के चक्कर में जान देने को नहीं कह रहे. दरअसल ये कहानी उस विश्वास और अपनेपन की है, जिससे इंसान हर हाल में निभाता है. एक दोस्त को अपने दोस्त की इतनी कमी खली कि उसने अपनी जान दे दी. दूसरी ओर इशिता की कहानी है जहां उसने अपनी पक्की सहेली की जिंदगी ही तबाह कर दी.

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