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हापुड़ : बीमे के 50 लाख हड़पने के लिए चिता में जला रहे थे पुतला, कफन हटा तो खुल गई पोल

हापुड़ में बीमा के 50 लाख पाने के लिए कारोबारी ने शव की जगह पुतले का अंतिम संस्कार करने की साजिश रची, लेकिन ऐन मौके पर तब पोल खुल गई जब पुतले से कफन हटा.

हापुड़ : बीमे के 50 लाख हड़पने के लिए चिता में जला रहे थे पुतला, कफन हटा तो खुल गई पोल
  • यूपी के हापुड़ में दो कारोबारी ने बीमा क्लेम के लिए प्लास्टिक के पुतले का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की
  • दिल्ली के कपड़ा व्यापारी ने नौकर के नाम पर 50 लाख रुपये का जीवन बीमा करवाकर धोखाधड़ी की साजिश रची
  • आरोपियों ने नौकर की मौत की झूठी कहानी गढ़कर बीमा राशि हड़पने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना चाहा
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हापुड़:

बीमा के 50 लाख पाने के लालच ने दो कारोबारियों को ऐसी साजिश रचने पर मजबूर कर दिया, जिसके बारे में सुनकर हर किसी के पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाएगी. दरअसल यूपी के हापुड़ के ब्रजघाट पर एक कफन में एक शव पहुंचता है, कफन ओढ़े ‘शव' को देखकर सब गंभीर हो जाते हैं और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट जाते हैं. लेकिन जैसे ही कफन हटता है, सामने आता है प्लास्टिक का पुतला. शव की जगह पुतले को देख हड़कंप मच जाता है, कारोबारी भागने की कोशिश करते हैं, और फिर खुलता है एक ऐसा राज़, जिसमें कर्ज, धोखा और बीमा क्लेम की कहानी छिपी थी. दिल्ली के कपड़ा व्यापारी ने नौकर के नाम पर बीमा कराया, झूठी मौत की कहानी गढ़ी और पुतले का अंतिम संस्कार कर बीमे के 50 लाख हड़पने की खतरनाक योजना बनाई. लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और साजिश का पर्दाफाश हो गया.

बीमा क्लेम के लिए रची गई हैरान करने वाली साजिश

दुकान मालिक ने काम करने वाले नौकर अंशुल कुमार के नाम 50 लाख रुपए का बीमा करवाया. नौकर की मौत की झूठी कहानी रचकर ब्रजघाट पर पुतले का अंतिम संस्कार कर के मालिक क्लेम की 50 लाख रकम हड़पना चाहता था. प्लास्टिक के पुतले को मुर्दा बनाकर दिल्ली के दो कारोबारी हापुड़ के ब्रजघाट पर पहुंचे, जहां घाट के कर्मचारियों ने जब कफन का कपड़ा खोला तो उसके अंदर पुतला निकला, जिसे देखकर दोनों कारोबारी भाग खड़े हुए. दोनों कारोबारियों को आसपास खड़े लोगों ने दौड़ कर पकड़ा फिर पुलिस को सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया. पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्होंने नौकर के नाम 50 लाख का बीमा कराया था. अब पुतले का अंतिम संस्कार करके उन्हें यहां से श्मशान घाट की रसीद मिल जाती. इस आधार पर वो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते और क्लेम करके बीमे के 50 लाख रुपए पा जाते.

पुतला देखकर खुली पोल, कारोबारी गिरफ्तार

दिल्ली के कपड़ा व्यापारी कमल सोमानी और आशीष खुराना अब पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी कमल ने बताया कि दिल्ली को करोल बाग में उसकी कपड़े की दुकान है. उसपर 50-55 लाख रुपये का कर्जा हो गया था, दुकान लगातार घाटे में चल रही थी. ऊपर से लगातार ब्याज बढ़ता जा रहा था. जिसके चलते वह डिप्रेशन में था. कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. उसकी दुकान पर अंशुल कुमार पिछले कई सालों से सेल्समैन का काम करता था. करीब एक साल पहले उसने अंशुल से कुछ जरूरी काम के बहाने उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और हस्ताक्षर ले लिए. इन दस्तावेजों के आधार पर उसने टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अंशुल कुमार के नाम से 50 लाख रुपये की जीवन बीमा पाॅलिसी ले ली. सभी प्रीमियम (किस्त) वह स्वयं ही भरता रहा, ताकि पालिसी एक्टिव रहे.

कर्ज में डूबे व्यापारी ने रची थी बीमा फ्रॉड की योजना

21 व 22 नवंबर उसने अपने साथियों को बताया कि अंशुल की तबीयत खराब है, जिसके चलते उसे दिल्ली के हाॅस्पिटल में भर्ती दिखाया गया.  26 नवंबर की रात उसने यह अफवाह फैलाई कि अंसारी हाॅस्पिटल ने अंशुल को मृत घोषित कर दिया है. अस्पताल स्टाफ ने सीलबंद ताबूत देकर कमल और आशीष को सौंप दिया. सीओ स्तुति सिंह ने बताया पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति द्वारा शव का अंतिम संस्कार ना करते हुए डमी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पुलिस पूछताछ में बताया कमल सोमानी के ऊपर 50 लाख का कर्जा था, उसी कर्जे से मुक्ती पाने के लिए उन्होंने अपनी दुकान पर काम करने वाले अंशुल कुमार को बिना बताए एक साल पहले 50, लाख का इंश्योरेंस कराया था. मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आज पुतले का अंतिम संस्कार करने के लिए ब्रजघाट आए थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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