
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 और 31 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ में मेडिकल उपकरण और रिएजेंट खरीद घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई की. यह कार्रवाई कुल 20 ठिकानों पर की गई, जिनमें शशांक चोपड़ा, उनके परिवार के सदस्यों, उनकी फर्म और उनके सहयोगियों के आवासीय और दफ्तरों के ठिकाने शामिल थे. इनमें कुछ छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों के ठिकाने भी शामिल हैं.
इस कार्रवाई के दौरान ED ने 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त की हैं. इसमें बैंक खातों में जमा पैसा, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, डिमैट अकाउंट में मौजूद शेयर और कुछ वाहन शामिल हैं. यह कार्रवाई PMLA की धारा 17 के तहत की गई.
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ED की जांच में सामने आया कि CGMSCL ने मेडिकल उपकरण और रिएजेंट्स की खरीद के लिए जो टेंडर निकाले थे, उन्हें मोक्शित कॉर्पोरेशन ने एक कार्टेल बनाकर और CGMSCL, DHS के अधिकारियों व अन्य फर्मों के साथ मिलीभगत कर हासिल किया. इसके बाद उन्हीं उपकरणों को काफी महंगे दामों पर सरकार को सप्लाई किया गया, जिससे कंपनी ने भारी मुनाफा कमाया और सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
छापेमारी के दौरान ED ने कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेज़ भी जब्त किए हैं, जिनसे कई संदिग्ध लेनदेन, दूसरे लोगों से संबंध और अपराध से कमाई गई रकम के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है. मामले की जांच अब भी जारी है.
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