
- ED ने सितंबर 2025 में हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में 6 ठिकानों पर इंपीरियल ग्रुप के खिलाफ छापेमारी की
- मनविंदर सिंह और उनकी पत्नी की सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और थाईलैंड में बेनामी संपत्तियां
- दुबई की कंपनी United Aerospace DWC LLC के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन, अनसिक्योर्ड लोन और सैलरी पेमेंट्स
डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट ने 19 और 20 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में छह ठिकानों पर छापेमारी की. ये ठिकाने दिल्ली बेस्ड इंपीरियल ग्रुप के चेयरमैन मनविंदर सिंह, उनकी पत्नी सगरी सिंह और उनसे जुड़े लोगों के हैं. ईडी की ये कार्रवाई FEMA के तहत की गई. ईडी की जांच में सामने आया है कि मनविंदर सिंह और उनकी पत्नी ने विदेशों में कई कंपनियों और संपत्तियों में बेनामी निवेश कर रखा है. इनमें सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और थाईलैंड में संपत्तियां और बैंक अकाउंट शामिल हैं.

दुबई की कंपनी के जरिए करोड़ों के लेन-देन
सिंगापुर स्थित Aerostar Venture Pte Ltd और दुबई स्थित United Aerospace DWC LLC में मनविंदर और सगरी सिंह की हिस्सेदारी है. दुबई की कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन, अनसिक्योर्ड लोन और करोड़ों की सैलरी पेमेंट्स का जाल बिछा हुआ है. मई 2025 में दुबई की कंपनी ने 7 करोड़ रुपये का Robinson-66 हेलिकॉप्टर खरीदा, जिसे एक हांगकांग बेस्ड एंटिटी से मिले कर्ज से लिया गया. यह हेलिकॉप्टर हिमाचल के Auramah Valley प्रोजेक्ट के लिए भारत लाया गया.
- 50 लाख रुपये नकद (जिसमें पुराने 500 रुपये के नोट भी शामिल)
- 14,700 अमेरिकी डॉलर की विदेशी करेंसी
- 3 लॉकर सीज
- कई अहम दस्तावेज और बैंक पासबुक्स जब्त
अघोषित संपत्ति की कीमत 80 करोड़
इस दुबई स्थित कंपनी के पास 31 मार्च 2025 तक करीब 38 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति पाई गई. थाईलैंड के कोह समुई में स्थित “Villa Samayra” जिसकी अनुमानित कीमत 16 करोड़ रुपये है. ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कंपनियां और सिंगापुर में विदेशी बैंक अकाउंट्स भी है. ईडी के मुताबिक अब तक जब्त दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड के आधार पर इन अघोषित विदेशी संपत्तियों और खातों की कुल कीमत 80 करोड़ रुपये से अधिक है. छापेमारी के दौरान शिमला के नालदेहरा स्थित Auramah Valley प्रोजेक्ट से ईडी को कैश ट्रांजैक्शन के सबूत भी मिले.

हवाला नेटवर्क से पैसा भेजने का शक
यहां फ्लैट की बिक्री का एक हिस्सा कैश में वसूला जाता था. समानांतर बहीखाते से पता चला कि अब तक 29 करोड़ रुपये नकद लिए जा चुके हैं. ईडी को संदेह है कि यह कैश हवाला नेटवर्क और अन्य माध्यमों से विदेश भेजा जा रहा था. बाद में इन पैसों से विदेशों में बेनामी संपत्तियां खरीदी जाती थीं या फिर घुमा-फिराकर भारत में वापस लाए जाते थे. ईडी ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस नेटवर्क से जुड़े और खुलासे हो सकते हैं.
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