प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
दिल्ली एनसीआर के मानेसर गांव में शुक्रवार को दो युवकों के शव मिले. सुबह करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली कि मानेसर गांव में पुजारी वाली गली में भुदेव शर्मा के किराये के मकानों में एक कमरे में दो व्यक्ति मृत अवस्था में पड़े हैं.
इस सूचना पर थाना मानेसर के निरीक्षक दिनेश कुमार अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे. वहां एक कमरे में दो युवकों के शव पड़े थे और दो देशी पिस्तौल व खोल भी पड़े थे. आशंका है कि इन युवकों की मौत गोली लगने से हुई है .
इस वारदात के घटनास्थल पर गुरुग्राम पुलिस के अन्य उच्च अधिकारी भी पहुंचे तथा फोरेन्सिक टीम, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट आदि को भी घटनास्थल पर बुलाया गया. मामले की गहनता से जांच की गई. मकान मालिक व गांव के अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में घटनास्थल की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करवाई गई तथा भौतिक साक्ष्य भी एकत्रित किए गए. कमरे से बियर की खाली बोतलें व सुल्फा पीने की चिलम भी मिली.
जांच करने पर ज्ञात हुआ कि यह कमरा नारनौल के रहने वाले विक्रान्त ने किराये पर लिया था. उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि लगभग 20 दिन पहले उसके एक दोस्त के माध्यम से दो लड़ेके विकास व सुभाष उर्फ बच्ची यहां रहने आए थे.उन्होंने बताया था कि वे नौकरी की तलाश में यहां आए थे. बीती रात में विक्रान्त अपनी ड्यूटी पर चला गया था. सुबह जब वह आया तो उसने देखा कि कमरा अंदर से बंद था. खिड़की से देखा तो दोनों लड़कों के शव जमीन पर पड़े थे तथा उनके पास ही देशी पिस्तौल भी पड़ी हुई थी.
मृतकों की पहचान विकास पुत्र मोहनलाल निवासी मंगल नगर कालोनी बास रोड, धारुहेड़ा, जिला रेवाड़ी और सुभाष उर्फ बच्ची पुत्र श्रीराम निवासी गांव नारेडी, थाना नांगल चौधरी, जिला महेन्द्रगढ़ के रूप में हुई है.
इस घटना की तफ्तीश के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि विकास व सुभाष दोनों ही अपराधी प्रवृति के थे तथा इनके विरुध्द थाना सदर नारनौल में अक्टूबर 2018 में सीआरपीसी की धारा 302, 323, 341, 365, 34, 506 व 25-54-59 शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. दोनों इस मुकदमे में फरार चल रहे थे.
इस सूचना पर थाना मानेसर के निरीक्षक दिनेश कुमार अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे. वहां एक कमरे में दो युवकों के शव पड़े थे और दो देशी पिस्तौल व खोल भी पड़े थे. आशंका है कि इन युवकों की मौत गोली लगने से हुई है .
इस वारदात के घटनास्थल पर गुरुग्राम पुलिस के अन्य उच्च अधिकारी भी पहुंचे तथा फोरेन्सिक टीम, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट आदि को भी घटनास्थल पर बुलाया गया. मामले की गहनता से जांच की गई. मकान मालिक व गांव के अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में घटनास्थल की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करवाई गई तथा भौतिक साक्ष्य भी एकत्रित किए गए. कमरे से बियर की खाली बोतलें व सुल्फा पीने की चिलम भी मिली.
जांच करने पर ज्ञात हुआ कि यह कमरा नारनौल के रहने वाले विक्रान्त ने किराये पर लिया था. उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि लगभग 20 दिन पहले उसके एक दोस्त के माध्यम से दो लड़ेके विकास व सुभाष उर्फ बच्ची यहां रहने आए थे.उन्होंने बताया था कि वे नौकरी की तलाश में यहां आए थे. बीती रात में विक्रान्त अपनी ड्यूटी पर चला गया था. सुबह जब वह आया तो उसने देखा कि कमरा अंदर से बंद था. खिड़की से देखा तो दोनों लड़कों के शव जमीन पर पड़े थे तथा उनके पास ही देशी पिस्तौल भी पड़ी हुई थी.
मृतकों की पहचान विकास पुत्र मोहनलाल निवासी मंगल नगर कालोनी बास रोड, धारुहेड़ा, जिला रेवाड़ी और सुभाष उर्फ बच्ची पुत्र श्रीराम निवासी गांव नारेडी, थाना नांगल चौधरी, जिला महेन्द्रगढ़ के रूप में हुई है.
इस घटना की तफ्तीश के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि विकास व सुभाष दोनों ही अपराधी प्रवृति के थे तथा इनके विरुध्द थाना सदर नारनौल में अक्टूबर 2018 में सीआरपीसी की धारा 302, 323, 341, 365, 34, 506 व 25-54-59 शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. दोनों इस मुकदमे में फरार चल रहे थे.
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