दिल्ली की अदालत ने 2022 में 80 वर्षीय बीमार महिला से दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 12 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि यह घटना ‘सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर आघात' है. अदालत ने पीड़िता की गवाही पर संज्ञान लिया कि उसने 30 वर्षीय दोषी से हाथ जोड़कर विनती की थी कि वह उसे छोड़ दे. अदालत ने कहा कि अपराधी ने केवल अपनी वासना की पूर्ति के लिए यह कुकृत्य किया.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अंकित, पीड़िता के घर में घुसा जो निचले अंगों के सुन्न होने की वजह से बिस्तर पर थीं. इसके बाद उसने पीड़िता को पीटा, कई बार दुष्कर्म किया और उनका मोबाइल फोन छीनकर भाग गया.
अदालत ने पिछले माह दिए गए अपने फैसले में कहा, ‘‘अपनी विस्तृत गवाही में पीड़िता ने बताया कि वह दोषी के सामने हाथ जोड़ती रही, इसके बावजूद उनके साथ वीभत्स तरीके से दुष्कर्म किया. घटना के तुरंत बाद जब महिला की मेडिकल जांच की गई तो उसके चेहरे, हाथ और छाती पर चोट के निशान पाए गए.''
न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि अपराध क्षणिक आवेग में या किसी मजबूरी में किया गया था. इसके बजाय, मामले के तथ्य बताते हैं कि दोषी ने अपराध ‘‘केवल यौन इच्छा को संतुष्ट करने के लिए किया था, जिसमें पीड़िता को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया.''
अदालत ने उसे घर में जबरन घुसने के लिए पांच साल, चोरी करने के लिए एक साल और चोट पहुंचाने के लिए छह महीने की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि ये सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
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