दिल्ली की इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) पुलिस ने बीते डेढ़ साल में वीज़ा और पासपोर्ट की धोखाधड़ी करने वाले 99 लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस की एयरपोर्ट यूनिट ने 2020 से 2021 के बीच में स्पेशल ड्राइव चलाकर वीज़ा और पासपोर्ट की धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाले 99 लोगों को गिरफ्तार किया है. एयरपोर्ट के डीसीपी विक्रम पोरवाल के मुताबिक हाल ही में तीन एजेंट महबूब खान, महेश कुमार और सैफ बरी को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल चार लोग जिनके नाम वसीम, उस्मान, तनवीर और सलमान हैं, शारजाह होते हुए अर्मेनिया येरवान से फ्लाइट नम्बर G9-467 से आए थे. ये लोग आईजीआई एयरपोर्ट से 24 अगस्त को अर्मेनिया के लिए निकले थे. येरवान एयरपोर्ट पर इन लोगों को वीजा चैक करने के लिए रोका गया और पता लगा कि उनके पास किसी और के वीजा हैं जो फर्जी लग रहे हैं. इमिग्रेशन डिपार्टमेंट की शिकायत पर इन चारों यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में चारों ने खुलासा किया कि अर्मेनिया का फर्जी वीज़ा सैफ नाम के एक एजेंट ने डेढ़ लाख रुपये में बनाया था. इस केस में सेफ गिरफ्तार किया गया. सेफ ने बताया कि उसने वीज़ा गुरुग्राम के रहने वाले महेश नाम के एजेंट से लिए थे, जिसके बाद महेश को भी गिरफ्तार किया गया.
महेश ने बताया कि वह तैमूर नगर में टिकट एजेंट के तौर पर काम करता था और उसे ये फर्जी ई-वीजा महबूब खान नाम के एक एजेंट ने दिए थे. महबूब खान को भी पुलिस ने इसकी निशानदेही पर गिरफ्तार किया. ई-पेपर वीजा को वेरिफिकेशन कराने के लिए संबंधित अथॉरिटी में भेजा गया है.
डीसीपी आईजीआई विक्रम पोरवाल के मुताबिक आरोपी एजेंट महबूब खान ऐसे लोगों की पहचान करता था जो विदेश जाना चाहते हैं. वह उन्हें पासपोर्ट वीजा दिलाने का वादा करता था. महबूब फ़र्ज़ी वीज़ा और पासपोर्ट बनवाने के लिए उस शख्स के डिटेल्स महेश और सेफ को भेजता था. इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड महबूब खान है. इसी के कहने पर सारे एजेंट्स काम करते थे.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने साल 2020 में फ़र्ज़ी वीज़ा और पासपोर्ट के गोरखधंधे में शामिल 55 एजेंटों और उनके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया. इसी ड्राइव में इस साल 31 अगस्त तक ऐसे ही 44 लोगों को पकड़ा गया.
साल 2020 से शुरू की गई इस ड्राइव में 31 अगस्त 2021 तक कुल 99 एजेंटों और मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है जो फर्जी वीजा और पासपोर्ट के जरिए धोखाधड़ी के रैकेट में शामिल हैं. इन एजेंटों तक पहुंचने के लिए एयरपोर्ट पुलिस को देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर छापेमारी करनी पड़ी. एयरपोर्ट पुलिस ने जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया, फोन कॉल्स ईमेल के जरिए पासपोर्ट वीजा दिलाने वाले एजेंटों से सावधान रहें.
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