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चेन्नई में मरीज के बेटे ने डॉक्टर को चाकू घोंपा और चला गया, लोग चीखे- "उसने उसे काट डाला"

डॉक्टर बालाजी हमलावर की कैंसर की मरीज मां का इलाज कर रहे थे. हमलावर अस्पताल में मरीज का अटेंडेंट था और उसको शक था कि डॉक्टर ने गलत दवा लिखी है.

चेन्नई में मरीज के बेटे ने डॉक्टर को चाकू घोंपा और चला गया, लोग चीखे- "उसने उसे काट डाला"
आरोपी विग्नेश को लोगों और सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया.
चेन्नई:

चेन्नई के एक अस्पताल में एक युवक ने डॉक्टर पर कई बार चाकू से वार किए और चाकू फेंककर शांति से बाहर चला गया. जब लोग चिल्लाए कि उसने उसे काट डाला तो सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया. 

हमले के कुछ घंटों बाद एक वीडियो सामने आए जिसमें आरोपी विग्नेश सरकारी कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ऑन्कोलॉजिस्ट और प्रोफेसर डॉ बालाजी जगन्नाथ पर चाकू से हमला करने के बाद जाते हुए दिख रहा है. डॉक्टर बालाजी हमलावर की कैंसर की मरीज मां का इलाज कर रहे थे. हमलावर अस्पताल में मरीज का अटेंडेंट था और उसको शक था कि डॉक्टर ने गलत दवा दी है.

एक वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार, हमले से घायल डॉ बालाजी को पेसमेकर लगा है और उनके माथे, पीठ, कान के पीछे और पेट में चोटें आई हैं. तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि वह आईसीयू में हैं और उनकी हालत स्थिर है.

वीडियो में हमलावर जाता हुआ दिख रहा है. वह अपने जेब से हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू निकालता है. ऐसा लगता है कि चाकू से खून पोंछने की कोशिश करने के बाद वह चाकू को फेंक देता है और चलता रहता है.

वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति यह कहते हुए सुना जाता है, "कम से कम अब तो उसे पकड़ लो." आरोपी कहता है, "क्या होगा अगर तुम्हारे माता या पिता मुसीबत में पड़ जाएं." हंगामे और "उसने उसे काट डाला" की चीखों के बीच गार्ड आरोपी को पकड़ लेते हैं. इसके बाद भीड़ हिंसक हो जाती है और उसे पीटना शुरू कर देती है. एक महिला हस्तक्षेप करती है और लोगों को रोकती है. बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है और आश्वासन दिया है कि ऐसा हमला दोबारा नहीं होगा. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "डॉक्टरों की सेवा सराहनीय है... और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है... सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएगी."

इस घटना ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है. अगस्त में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का केस चर्चा में आया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने अब ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की सिफारिश की है.

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