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ऑटो रिक्शा चलाने वाला आज बना भारतीय क्रिकेट का घातक तेज गेंदबाज, विश्व क्रिकेट में तहलका मचाने को बेताब

Who is Mohammad Juned Khan, इस बार के ईरानी कप 2024 में मुंबई की ओर से एक ऐसे तेज गेंदबाज ने डेब्यू किया जिसने अपनी गेंदबाजी से भविष्य के लिए उम्मीद जगा दी है.

ऑटो रिक्शा चलाने वाला आज बना भारतीय क्रिकेट का घातक तेज गेंदबाज, विश्व क्रिकेट में तहलका मचाने को बेताब
Mumbai Pace Bowler Juned Khan story

Who is Mohammad Juned Khan: ईरानी कप का खिताब मुंबई की टीम जीतने में सफल हो गई है. 27 साल के बाद मुंबई ईरानी कप फिर से जीतने में सफल रही है. फाइनल में रेस्ट ऑफ इंडिया को हराकर मुंबई ने 15वीं बार ईरानी कप 2024 का खिताब अपने नाम करने में सफलता हासिल की. बता दें कि इस बार के ईरानी कप 2024 में मुंबई की ओर से एक ऐसे तेज गेंदबाज ने डेब्यू किया जिसने अपनी गेंदबाजी से भविष्य के लिए उम्मीद जगा दी है. वह गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि जुनैद खान हैं. (Juned Khan Mumbai pace bowler)

कन्नौज के रहने वाले हैं मोहम्मद जुनैद खान

जुनैद खान कन्नौज के रहने वाले हैं. उनके लिए क्रिकेट का सफर काफी संघर्ष भरा रहा है. बता दें कि क्रिकेटर बनने का सपना लिए जुनैद मुंबई पहुंचे थे लेकिन उनके लिए क्रिकेट के मैदान पर जाकर खेलना आसान नहीं था. मुंबई में अपने शरुआती दिनों के दौरान अपना गुजारा करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाना पड़ा था. द हिंदू में छपी रिपोर्ट के अनुसार जुनैद जब मुंबई आए थे तो उनकी उम्र 13 से 14 साल थी. मुंबई में पहले आने के बाद जुनैद ने कान की तलाश की, बाद में उन्हें अपना गुजारा करने के लिए ऑटो रिक्शा भी चलाना पड़ा था. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अपने परिवार की समस्या को दूर करने के लिए जुनैद ने नाबालिग होने के बावजूद ऑटोरिक्शा चलाकर काम करना शुरू किया था. 

ऑटोरिक्शा चलाकर करते थे गुजारा

ऑटोरिक्शा चलाने के क्रम में वो एक बार संजीवनी क्रिकेट अकादमी में पहुंचे थे- जिसे मुंबई के पूर्व विकेटकीपर मनीष बंगेरा चलाते हैं. जो उनके घर के करीब ही था. वह कन्नौज में टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलते थे. ऐसे में वो संजीवनी क्रिकेट अकादमी में खेलने के लिए पहुंचे थे. वहां, बंगेरा ने उन्हें गेंदबाजी करते देखा था. बंगेरा को उनका गेंदबाजी करना अच्छा लगा तो उन्होंने जुनैद को रोज आकर गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने के लिए आमंत्रित किया. जुनैद फिर वहां रोज आकर गेंदबाजी की प्रैक्टिस किया करता था. संजीवनी क्रिकेट अकादमी में ही जुनैद ने पहली बार क्रिकेट गेंद से प्रैक्टिस करनी शुरू की थी. 

अभिषेक नायर ने पहचाना टैलेंट, केकेआर का नेट बॉलर बने

लॉकडाउन के दौरान, भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर (जो उस समय कोलकाता नाइट राइडर्स के सहायक कोच थे) ने उनकी प्रतिभा को पहचाना जब वह पुलिस शील्ड में पीजे हिंदू जिमखाना के लिए खेल रहे थे. द हिन्दु में दिए इंटरव्यू में जुनैद ने कहा कि, "अभिषेक नायर ने मेरी काफी मदद की. आज मैं जो कुछ भी हूं उनकी ही वजह से हूं. अगर वे नहीं होते, तो मैं आज जिस मुकाम पर हूं, नहीं होता. उन्होंने ही मुझे ऑटोरिक्शा चलाना बंद करने और अपना सारा समय क्रिकेट को समर्पित करने के लिए कहा थ. फिर मैंने उनकी अकादमी में ट्रेनिंग लेना शुरू किया था. उन्होंने मुझे पिछले आईपीएल सीजन के लिए केकेआर का नेट बॉलर बनाया था. "

स्थानीय टूर्नामेंट में अपनी गेंदबाजी से मचाया तहलका

इसके बाद जुनैद के करियर में टर्निंग मोड़ उस समय आया जब वो स्थानीय टूर्नामेंट में पीजे हिंदू जिमखाना का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी को प्रभावित करने में सफल रे थे.  जुनेद को संजय पाटिल की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने बुची बाबू और केएससीए टूर्नामेंट के लिए चुना. इन टूर्नामेंट में जुनैद ने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया था.  इन टूर्नामेंट में अच्छा खेल दिखाने के बाद आखिर में उन्हें ईरानी कप में मुंबई के लिए डेब्यू करने का मौका मिला.

डेब्यू फर्स्ट क्लास मैच में ही दिखाया क्लास (Mohammad Juned Khan Career Stats)

हालांकि Juned Khan ने अबतक केवल एक ही फर्स्ट क्लास मैच खेला है. वह भी ईरानी कप के फाइनल में रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ. अपने डेब्यू फर्स्ट क्लास मैच में मोहम्मद जुनैद खान ने विरोधी टीम के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ को आउट करने में सफलता हासिल की थी. जुनैद खान का यह मेडिन फर्स्ट क्लास विकेट था. उनकी गेंदबाजी ने सभी को प्रभावित किया है. अब यहां से जुनैद का आगे का करियर उम्मीद भरा है. देखना होगा कि आने वाले समय में वो घरेलू क्रिकेट में कैसा परफॉर्म करते हैं. 

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