अगर विराट न होते तो अमित मिश्रा का क्या होता?

अगर विराट न होते तो अमित मिश्रा का क्या होता?

अमित मिश्रा ने श्रीलंका सीरिज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया

कुछ फिल्में देखते वक्त जब हमें लगता है कि अब तो 'दी एंड' होने वाला है, तभी अचानक एक मोड़ आता है जो कहानी को और दिलचस्प बना देता है। हमारी जिंदगी में कई बार ऐसा ही ट्विस्ट आता है और वो भी तब जब हमें उसकी सबसे कम उम्मीद होती है। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरिज़ जीतने के बाद शायद क्रिकेटर अमित मिश्रा भी ऐसा ही कुछ सोच रहे होंगे। श्रीलंका में जीत दर्ज करने की भारत की 22 साल पुरानी ख्वाहिश को पूरा करने में अमित मिश्रा का बहुत बड़ा योगदान रहा जिन्होंने आर अश्विन के साथ मिलकर पूरी सीरिज़ में कुल 36 विकेट झटके।

अमित के लिए यह राह आसान नहीं थी, वैसे भी टीम में उन्हें करण शर्मा की जगह रखा गया था जो चोटिल होने के कारण खेल नहीं पाए थे। इसके बाद अमित को यह मौका मिला जिन्होंने इसे दोनों हाथों से पकड़ लिया। उनके मेंटर नरेंद्र हिरवानी की माने तो अमित की इस सफलता के पीछे विराट कोहली का हाथ है जिन्होंने मिश्रा पर तब भरोसा जताया जब दुनिया उन्हें क्रिकेट से सन्यास लेने की सलाह दे रही थी।

बता दें कि मिश्रा ने चार साल के अंतराल के बाद टेस्ट में खेला था, 2011 में इंग्लैड के खिलाफ सीरिज़ में उनके खराब प्रदर्शन के बाद उनके बाद आए खिलाड़ियों को मौका दिया जाने लगा लेकिन वह कहीं पीछे ही रह गए। ऐसे में विराट कोहली का अमित में विश्वास जताना वाकई में किसी खतरा मोल लेने से कम नहीं था लेकिन शायद अच्छे कप्तान की यही निशानी होती है।

पूर्व भारतीय लेग स्पिनर नेरंद्र हिरवानी ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि कुछ कप्तान ज्यादा रिस्क नहीं लेते और कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें खतरा मोल लेने में मज़ा आता है। विराट दूसरी श्रेणी में आते हैं। हिरवानी ने रवि शास्त्री का ज़िक्र करते हुए कहा 'टीम मैनेजमेंट में उनके आने से भी लेग स्पिनर्स को काफी मौका मिलने लगा है। वह मेरे भी पहले कप्तान थे और उनकी कप्तानी में मैंने टेस्ट और वन डे में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था।'

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यह देखना दिलचस्प होता कि क्या विराट और रवि शास्त्री की जोड़ी की बदौलत हमें टीम इंडिया में कुछ और अमित मिश्रा भी देखने को मिलेंगे।