अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में पारी में पूरे 10 विकेट लिए थे (फाइल फोटो)
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले मंगलवार को 47 वर्ष के हो गए. 'जंबो' के नाम से लोकप्रिय कुंबले को 'टीम मैन' माना जाता था. उन्होंने अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम को कई सफलताएं दिलाईं. कुंबले के नाम एक पारी के सभी 10 विकेट (परफेक्ट 10 ) लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. उनके अलावा इंग्लैंड के जिम लेकर ही यह कारनामा कर पाए हैं. वर्ष 1999 में दिल्ली में खेले गए टेस्ट में कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ पारी में सभी 10 विकेट हासिल किए थे. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया ने यह टेस्ट 212 रनों के अंतर से जीता था.
कुंबले के 10 विकेट के रिकॉर्ड के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन कम ही लोगों को यह जानकारी है कि 'जंबो' को इस रिकॉर्ड से वंचित करने के लिए पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने अलग ही योजना बनाई थी. अपनी तूफानी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को कई जीत दिलाने वाले वीरेंद्र सहवाग के अनुसार, कुंबले जब इस रिकॉर्ड के बेहद नजदीक पहुंच गए थे तो क्रीज पर उतरे वकार यूनुस खुद रन आउट होना चाहते थे. वकार ऐसा करके कुंबले को परफेक्ट 10 के रिकॉर्ड से वंचित करना चाहते थे. लेकिन इस टेस्ट में पाकिस्तानी टीम के कप्तान वसीम अकरम ने वकार के सुझाव को नामंजूर कर दिया था.
यह भी पढ़ें: कुंबले के कोच पद छोड़ने पर अजहर बोले- जंबो ने आत्मसम्मान के लिए किया सही फैसला
वीरेंद्र सहवाग के इस खुलासे की बाद में अकरम ने भी इस बात की पुष्टि की थी. अकरम ने कहा था, 'वकार के इस सुझाव पर मैंने उनसे कहा था कि यदि इस गेंदबाज की किस्मत में पारी में 10 विकेट हैं तो इसे कोई वंचित नहीं कर सकता.' अकरम के अनुसार, 'मैंने वकार से कहा कहा था कि मैं किसी भी हालत में कुंबले को अपना विकेट नहीं दूंगा.' लेकिन संयोग देखिए, आखिरकार अकरम ही कुंबले के 10 वें शिकार बने और टीम इंडिया के इस लेग स्पिनर ने यह शानदार रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. दिल्ली टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अकरम 37 रन बनाने के बाद कुंबले की गेंद पर वीवीएस लक्ष्मण को कैच दे बैठे थे. पाकिस्तान की पूरी पारी 207 रन पर समाप्त हो गई थी और कुंबले ने इस पारी के दौरान 74 रन देकर सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे.टेस्ट की पहली पारी में भी कुंबले ने चार विकेट हासिल किए थे. जानें कुंबले से जुड़ी 5 खास बातें...
1. कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को बेंगलुरु में हुआ था. बेहद सटीक गेंदबाजी शुरू से ही उनकी खासियत रही. कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 29.65 के एवरेज से 619 विकेट और वनडे में 30.9 के औसत से 337 विकेट हासिल किए. उन्होंने कोई टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला.
2. कुंबले ने अपने टेस्ट करियर का आगाज अगस्त 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्डट्रेफर्ड में खेला था. इस मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट झटके थे. दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था.
3.अपने वनडे करियर का आगाज उन्होंने अप्रैल 1990 में शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ किया था. मैच में उन्हें एक विकेट हासिल हुआ था.
4.अनिल ने अपना आखिरी टेस्ट मैच अक्टूबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेला था. मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट हासिल किए थे. करियर का आखिरी वनडे मैच उन्होंने बरमुडा के खिलाफ वेस्टइंडीज के क्वींस पार्क ओवल मैदान (वर्ल्डकप 2007) में खेला था. इस मैच में उन्होंने 38 रन देकर तीन विकेट लिए थे. वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण 12 रन देकर छह विकेट रहा. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ यह विश्लेषण दर्ज किया था.
वीडियो: कुंबले और कोहली के विवाद के पीछे की कहानी
5. कुंबले को टीम के प्रति उनके जज्बे के लिए भी जाना जाता था.वर्ष 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में हुए टेस्ट में कुंबले एक बाउंसर पर चोट खा बैठे थे. उनका जबड़ा टूट गया था. जबड़ा टूटा होने के बावजूद वे टीम हित में गेंदबाजी के लिए उतरे थे. अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच भी रहे. बाद में टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ कथित मतभेदों के चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था.
कुंबले के 10 विकेट के रिकॉर्ड के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन कम ही लोगों को यह जानकारी है कि 'जंबो' को इस रिकॉर्ड से वंचित करने के लिए पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने अलग ही योजना बनाई थी. अपनी तूफानी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को कई जीत दिलाने वाले वीरेंद्र सहवाग के अनुसार, कुंबले जब इस रिकॉर्ड के बेहद नजदीक पहुंच गए थे तो क्रीज पर उतरे वकार यूनुस खुद रन आउट होना चाहते थे. वकार ऐसा करके कुंबले को परफेक्ट 10 के रिकॉर्ड से वंचित करना चाहते थे. लेकिन इस टेस्ट में पाकिस्तानी टीम के कप्तान वसीम अकरम ने वकार के सुझाव को नामंजूर कर दिया था.
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वीरेंद्र सहवाग के इस खुलासे की बाद में अकरम ने भी इस बात की पुष्टि की थी. अकरम ने कहा था, 'वकार के इस सुझाव पर मैंने उनसे कहा था कि यदि इस गेंदबाज की किस्मत में पारी में 10 विकेट हैं तो इसे कोई वंचित नहीं कर सकता.' अकरम के अनुसार, 'मैंने वकार से कहा कहा था कि मैं किसी भी हालत में कुंबले को अपना विकेट नहीं दूंगा.' लेकिन संयोग देखिए, आखिरकार अकरम ही कुंबले के 10 वें शिकार बने और टीम इंडिया के इस लेग स्पिनर ने यह शानदार रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. दिल्ली टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अकरम 37 रन बनाने के बाद कुंबले की गेंद पर वीवीएस लक्ष्मण को कैच दे बैठे थे. पाकिस्तान की पूरी पारी 207 रन पर समाप्त हो गई थी और कुंबले ने इस पारी के दौरान 74 रन देकर सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे.टेस्ट की पहली पारी में भी कुंबले ने चार विकेट हासिल किए थे. जानें कुंबले से जुड़ी 5 खास बातें...
1. कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को बेंगलुरु में हुआ था. बेहद सटीक गेंदबाजी शुरू से ही उनकी खासियत रही. कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 29.65 के एवरेज से 619 विकेट और वनडे में 30.9 के औसत से 337 विकेट हासिल किए. उन्होंने कोई टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला.
2. कुंबले ने अपने टेस्ट करियर का आगाज अगस्त 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्डट्रेफर्ड में खेला था. इस मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट झटके थे. दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था.
3.अपने वनडे करियर का आगाज उन्होंने अप्रैल 1990 में शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ किया था. मैच में उन्हें एक विकेट हासिल हुआ था.
4.अनिल ने अपना आखिरी टेस्ट मैच अक्टूबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेला था. मैच की पहली पारी में उन्होंने तीन विकेट हासिल किए थे. करियर का आखिरी वनडे मैच उन्होंने बरमुडा के खिलाफ वेस्टइंडीज के क्वींस पार्क ओवल मैदान (वर्ल्डकप 2007) में खेला था. इस मैच में उन्होंने 38 रन देकर तीन विकेट लिए थे. वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण 12 रन देकर छह विकेट रहा. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ यह विश्लेषण दर्ज किया था.
वीडियो: कुंबले और कोहली के विवाद के पीछे की कहानी
5. कुंबले को टीम के प्रति उनके जज्बे के लिए भी जाना जाता था.वर्ष 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में हुए टेस्ट में कुंबले एक बाउंसर पर चोट खा बैठे थे. उनका जबड़ा टूट गया था. जबड़ा टूटा होने के बावजूद वे टीम हित में गेंदबाजी के लिए उतरे थे. अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच भी रहे. बाद में टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ कथित मतभेदों के चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था.
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