नागपुर टेस्ट जीतने के बाद कप्तान विराट कोहली (फाइल फोटो)
दिल्ली टेस्ट से पहले पिच और दूसरी बातों को तवज्जो दिए जाने से कप्तान विराट कोहली खुश नहीं हैं। टीम इंडिया के सीरीज़ जीत जाने के बावजूद उनका ध्यान दिल्ली में चौथा टेस्ट जीतने पर ही है। वह ज़ोर देकर कहते हैं कि आख़िरी टेस्ट को लेकर टीम के रवैये में थोड़ी भी ढील नहीं दिखाई देगी। दिल्ली टेस्ट में बदलाव के लिए पूछे जाने पर वो कहते हैं 'हम बेहद आक्रमक होकर टेस्ट खेलेंगे। हमारा लक्ष्य फिर जीत हासिल करना है। टेस्ट में बदलाव की गुंजाइश बेहद कम है। क्योंकि बदलाव हार-जीत के आधार पर नहीं हालात के आधार पर किये जाते हैं।'
बतौर कप्तान विराट कोहली के आंकड़े लगातार बेहतर हो रहे हैं। अपने घर में विराट एक बार फिर आक्रमक तेवर में दिखाई दे रहे हैं। दुनिया की नंबर 1 दक्षिण अफ़्रीकी टीम के लिए आन बचाने का ये आख़िरी मौक़ा है। टेस्ट से पहले कप्तान विराट कोहली ने खुल कर इशारा किया कि विनिंग कॉम्बिनेशन में बदलाव की गुंजाइश न के बराबर है।
पहली बार घरेलू मैदान पर कप्तानी
उधर विराट कोहली के लिए यह पहला मौक़ा है जब अपने घरेलू मैदान पर वे टीम की कप्तानी करेंगे। जूनियर क्रिकेट टीम में चयन, अपने पहले रणजी मैच और आईपीएल और कोटला पर खेली गई दूसरी कई बड़ी पारियां विराट की यादों का हिस्सा हैं। बतौर कप्तान भी वे इसे यादगार बनाना चाहते हैं। विराट कोटला पर लगाये गये अपने वनडे शतक (17 अक्टूबर 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 112 रन की पारी) को भी ख़ासकर याद करते हैं। उस मैच में नाबाद शतकीय पारी खेलकर विराट कोहली ने टीम इंडिया को जीत दिलाई थी और मैन ऑफ द मैच भी क़रार दिए गए थे।
बतौर टेस्ट कप्तान मैदान पर उतरने को लेकर विराट बेहद उत्साहित हैं। वह कहते हैं 'मैं बतौर टेस्ट कप्तान पहली बार
इस मैदान पर उतरूंगा। ये मेरे लिए फक्र की बात है क्योंकि आप टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना रखते हैं। टेस्ट कप्तान बनना लक्ष्य नहीं बना सकते।' सीरीज़ में 2-0 से बढ़त के बावजूद विराट ये मानने से इंकार नहीं करते कि भारतीय बल्लेबाज़ मैचों में खुद को ठीक से ढाल नहीं पाए हैं। लेकिन इसे वह फ़िक्र की बड़ी वजह नहीं समझते और कहते हैं कि वह अपनी टीम की बल्लेबाज़ी के बारे में बात कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने माना कि बल्लेबाज़ों ने खुद को ठीक से एप्लाई नहीं किया है।
सीरीज़ में दोनों ही तरफ़ के बल्लेबाज़ों ने अब तक कुल चार अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं। कोटला की पिच पर हो रहे आख़िरी टेस्ट में क्रिकेट फ़ैन्स बल्ले से रन निकलता देखने के लिए मैदान का रुख़ करना चाहेंगे।
बतौर कप्तान विराट कोहली के आंकड़े लगातार बेहतर हो रहे हैं। अपने घर में विराट एक बार फिर आक्रमक तेवर में दिखाई दे रहे हैं। दुनिया की नंबर 1 दक्षिण अफ़्रीकी टीम के लिए आन बचाने का ये आख़िरी मौक़ा है। टेस्ट से पहले कप्तान विराट कोहली ने खुल कर इशारा किया कि विनिंग कॉम्बिनेशन में बदलाव की गुंजाइश न के बराबर है।
पहली बार घरेलू मैदान पर कप्तानी
उधर विराट कोहली के लिए यह पहला मौक़ा है जब अपने घरेलू मैदान पर वे टीम की कप्तानी करेंगे। जूनियर क्रिकेट टीम में चयन, अपने पहले रणजी मैच और आईपीएल और कोटला पर खेली गई दूसरी कई बड़ी पारियां विराट की यादों का हिस्सा हैं। बतौर कप्तान भी वे इसे यादगार बनाना चाहते हैं। विराट कोटला पर लगाये गये अपने वनडे शतक (17 अक्टूबर 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 112 रन की पारी) को भी ख़ासकर याद करते हैं। उस मैच में नाबाद शतकीय पारी खेलकर विराट कोहली ने टीम इंडिया को जीत दिलाई थी और मैन ऑफ द मैच भी क़रार दिए गए थे।
बतौर टेस्ट कप्तान मैदान पर उतरने को लेकर विराट बेहद उत्साहित हैं। वह कहते हैं 'मैं बतौर टेस्ट कप्तान पहली बार
इस मैदान पर उतरूंगा। ये मेरे लिए फक्र की बात है क्योंकि आप टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना रखते हैं। टेस्ट कप्तान बनना लक्ष्य नहीं बना सकते।' सीरीज़ में 2-0 से बढ़त के बावजूद विराट ये मानने से इंकार नहीं करते कि भारतीय बल्लेबाज़ मैचों में खुद को ठीक से ढाल नहीं पाए हैं। लेकिन इसे वह फ़िक्र की बड़ी वजह नहीं समझते और कहते हैं कि वह अपनी टीम की बल्लेबाज़ी के बारे में बात कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने माना कि बल्लेबाज़ों ने खुद को ठीक से एप्लाई नहीं किया है।
सीरीज़ में दोनों ही तरफ़ के बल्लेबाज़ों ने अब तक कुल चार अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं। कोटला की पिच पर हो रहे आख़िरी टेस्ट में क्रिकेट फ़ैन्स बल्ले से रन निकलता देखने के लिए मैदान का रुख़ करना चाहेंगे।
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