
नई दिल्ली:
वीएस लक्ष्मण की अचानक संन्यास लेने की घोषणा करने से विवाद पैदा हो गया है और माना जा रहा है कि इस कलात्मक बल्लेबाज के साथ क्रिकेट बोर्ड और चयन समिति ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने श्रीकांत पर आरोप लगाए कि वह सीनियर के साथ संवादहीनता बनाए रखते हैं।
लक्ष्मण को न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 अगस्त से उनके गृहनगर हैदराबाद में शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की शृंखला के लिए टीम में चुना गया था, लेकिन उन्होंने तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा करके सभी को हैरानी में डाल दिया।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि 134 टेस्ट मैच खेलने और इनमें से कई में देश को जीत दिलाने वाले लक्ष्मण ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने विदाई टेस्ट मैच खेलने का अवसर भी ठुकरा दिया। लक्ष्मण के अचानक संन्यास लेने की घोषणा के पीछे का राज क्या है, यह किसी को पता नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह महान बल्लेबाज पिछले कुछ सप्ताह की घटनाओं से आहत था।
लक्ष्मण ने अपनी तरफ से ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ा कि आखिर उन्होंने संन्यास क्यों लिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और फैसला किया कि यह संन्यास लेने का सही समय है। उनके संन्यास लेने की घोषणा के एक दिन बाद यह बड़ी चर्चा का विषय है कि आखिर उन्हें संन्यास लेने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?
बीसीसीआई ने कहा है कि लक्ष्मण पर संन्यास लेने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं था। बीसीसीआई हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ एक भी मैच नहीं खेलने के उनके फैसले से सकते में है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, हमें वास्तव में कुछ पता नहीं था। हो सकता है कि कुछ हुआ हो, जिसके कारण उन्हें ऐसा फैसला करना पड़ा, लेकिन हमने कभी उन पर दबाव नहीं बनाया था।
उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ पूर्व क्रिकेटरों की अपने कॉलम में नकारात्मक टिप्प्णी से वह आहत हुए हों और ऐसे में बीसीसीआई उनका बचाव नहीं कर सकता था। निश्चित तौर पर वह संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे थे। उनके साथ किसी की भी किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी। शायद वह यह दिखाना चाहते थे कि वह अपनी शर्तों पर संन्यास ले सकते हैं।
एक अन्य पूर्व अधिकारी ने कहा, चयनकर्ताओं ने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ शृंखला के लिए चुना था, इसलिए उन पर दबाव बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने खेलना पसंद क्यों नहीं किया, इसका जवाब वही दे सकते हैं। चयनसमिति के अध्यक्ष के श्रीकांत जो अगले महीने अपना पद छोड़ रहे हैं, को भी लक्ष्मण के संन्यास के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।
श्रीकांत ने कहा, हम उनके तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने के फैसले का सम्मान करते हैं। हम उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हैं। वह टीम प्लेयर थे। उन्होंने पूरे सम्मान के साथ देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने देश के लिए कई मैच जीते। उनका योगदान अमूल्य है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने श्रीकांत पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह सीनियर खिलाड़ियों के साथ संवादहीनता बनाए रखते हैं। गांगुली को इसके साथ ही लगता है कि चयन नीति भारतीय क्रिकेट की प्रगति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, वे भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर टीम का चयन नहीं करते। वे किसी को हटाकर और किसी को शामिल करके संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं। भारतीय क्रिकेट इस तरह से आगे नहीं बढ़ेगा।
यह भी कहा जा रहा है कि टीम चयन के बाद एक चयनकर्ता ने लक्ष्मण को फोन करके कहा कि यह उनकी विदाई शृंखला होगी। इससे यह दिग्गज बल्लेबाज आहत हुआ और उनके संन्यास के लिए यही मुख्य कारण माना जा रहा है। सूत्रों ने कहा, इस तरह से उन्होंने चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया कि वह अपनी शर्तों पर संन्यास लेंगे।
चयनकर्ताओं की सीनियर खिलाड़ियों साथ संवादहीनता रहती है, इसका नमूना पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ एक-दिवसीय शृंखला के दौरान भी देखने को मिला था। टेस्ट क्रिकेट में अच्छी फॉर्म दिखाने वाले राहुल द्रविड़ को दो साल बाद वन-डे टीम में चुना गया, जिसके कारण द्रविड़ को अचानक ही इस प्रारूप से संन्यास लेना पड़ा था। इस तरह से उन्होंने चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया था। लक्ष्मण ने भी द्रविड़ का तरीका अपनाया। उनके संन्यास लेने पर सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, युवराज सिंह सभी ने हैरानी जताई है।
लक्ष्मण को न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 अगस्त से उनके गृहनगर हैदराबाद में शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की शृंखला के लिए टीम में चुना गया था, लेकिन उन्होंने तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा करके सभी को हैरानी में डाल दिया।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि 134 टेस्ट मैच खेलने और इनमें से कई में देश को जीत दिलाने वाले लक्ष्मण ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने विदाई टेस्ट मैच खेलने का अवसर भी ठुकरा दिया। लक्ष्मण के अचानक संन्यास लेने की घोषणा के पीछे का राज क्या है, यह किसी को पता नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह महान बल्लेबाज पिछले कुछ सप्ताह की घटनाओं से आहत था।
लक्ष्मण ने अपनी तरफ से ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ा कि आखिर उन्होंने संन्यास क्यों लिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और फैसला किया कि यह संन्यास लेने का सही समय है। उनके संन्यास लेने की घोषणा के एक दिन बाद यह बड़ी चर्चा का विषय है कि आखिर उन्हें संन्यास लेने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?
बीसीसीआई ने कहा है कि लक्ष्मण पर संन्यास लेने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं था। बीसीसीआई हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ एक भी मैच नहीं खेलने के उनके फैसले से सकते में है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, हमें वास्तव में कुछ पता नहीं था। हो सकता है कि कुछ हुआ हो, जिसके कारण उन्हें ऐसा फैसला करना पड़ा, लेकिन हमने कभी उन पर दबाव नहीं बनाया था।
उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ पूर्व क्रिकेटरों की अपने कॉलम में नकारात्मक टिप्प्णी से वह आहत हुए हों और ऐसे में बीसीसीआई उनका बचाव नहीं कर सकता था। निश्चित तौर पर वह संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे थे। उनके साथ किसी की भी किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी। शायद वह यह दिखाना चाहते थे कि वह अपनी शर्तों पर संन्यास ले सकते हैं।
एक अन्य पूर्व अधिकारी ने कहा, चयनकर्ताओं ने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ शृंखला के लिए चुना था, इसलिए उन पर दबाव बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने खेलना पसंद क्यों नहीं किया, इसका जवाब वही दे सकते हैं। चयनसमिति के अध्यक्ष के श्रीकांत जो अगले महीने अपना पद छोड़ रहे हैं, को भी लक्ष्मण के संन्यास के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।
श्रीकांत ने कहा, हम उनके तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने के फैसले का सम्मान करते हैं। हम उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हैं। वह टीम प्लेयर थे। उन्होंने पूरे सम्मान के साथ देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने देश के लिए कई मैच जीते। उनका योगदान अमूल्य है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने श्रीकांत पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह सीनियर खिलाड़ियों के साथ संवादहीनता बनाए रखते हैं। गांगुली को इसके साथ ही लगता है कि चयन नीति भारतीय क्रिकेट की प्रगति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, वे भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर टीम का चयन नहीं करते। वे किसी को हटाकर और किसी को शामिल करके संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं। भारतीय क्रिकेट इस तरह से आगे नहीं बढ़ेगा।
यह भी कहा जा रहा है कि टीम चयन के बाद एक चयनकर्ता ने लक्ष्मण को फोन करके कहा कि यह उनकी विदाई शृंखला होगी। इससे यह दिग्गज बल्लेबाज आहत हुआ और उनके संन्यास के लिए यही मुख्य कारण माना जा रहा है। सूत्रों ने कहा, इस तरह से उन्होंने चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया कि वह अपनी शर्तों पर संन्यास लेंगे।
चयनकर्ताओं की सीनियर खिलाड़ियों साथ संवादहीनता रहती है, इसका नमूना पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ एक-दिवसीय शृंखला के दौरान भी देखने को मिला था। टेस्ट क्रिकेट में अच्छी फॉर्म दिखाने वाले राहुल द्रविड़ को दो साल बाद वन-डे टीम में चुना गया, जिसके कारण द्रविड़ को अचानक ही इस प्रारूप से संन्यास लेना पड़ा था। इस तरह से उन्होंने चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया था। लक्ष्मण ने भी द्रविड़ का तरीका अपनाया। उनके संन्यास लेने पर सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, युवराज सिंह सभी ने हैरानी जताई है।
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