
वीरेंद्र सहवाग अपने क्रिकेट करियर के दौरान गेंदबाजों के लिए खौफ का पर्याय बने (फाइल फोटो)
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कहा-अहम बात यह है कि ढीली गेंद को आप किस तरह मारते हैं
दुनियाभर के गेंदबाजों के लिए वीरू खौफ का पर्याय बने रहे
104 टेस्ट में आठ हजार से अधिक रन बनाए, जिसमें 23 शतक हैं
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It is not always the words we say, that have the biggest effect. It is usually how we say them.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 6, 2017
वीरेंद्र सहवाग ने एक ट्वीट के जरिये बताया है कि क्रिकेट खेलते हुए उन्होंने किस मूल बात पर यकीन किया. ट्विटर पर 'वीरू ज्ञान' देते हुए उन्होंने लिखा, 'ऐसा हमेशा नहीं होता कि आपके कहे गए शब्द बड़ा असर छोड़ते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी बात को किस तरह से कहते हैं.' अपनी बात को आगे बढ़ता हुए दिल्ली के इस पूर्व क्रिकेटर ने लिखा, 'यही बात क्रिकेट में भी है. आमतौर पर कमजोर गेंद हमारे ऊपर प्रभाव नहीं छोड़ती. महत्वपूर्ण यह है कि हम इसे किस तरह से मारते हैं.'Similarly in cricket, it is usually not a poor delivery that has an effect, it is usually how we smash them :) https://t.co/36iCwFHrp5
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 6, 2017
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गौरतलब है कि 38 वर्षीय सहवाग ने 104 टेस्ट में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल रहे. वनडे में भी इस खिलाड़ी ने 251 वनडे में 8273 रन बनाए जिसमें 15 शतक और 38 अर्धशतक शामिल रहे. 19 टी20 मैचों में वीरू ने 394 रन बनाए जिसमें 68 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा. सहवाग वर्ष 2007 में टी20 वर्ल्डकप और 2011 में क्रिकेट वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे.
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