मुंबई:
फिटनेस की समस्याओं से उबर चुके सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग और तेज गेंदबाज ज़हीर खान की श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी तय है, जिसका चयन बुधवार को किया जाएगा।
सहवाग और ज़हीर चोट के कारण मार्च में हुए एशिया कप टूर्नामेंट में नहीं खेल सके थे, और वे दोनों 30 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए एकमात्र टी-20 मैच में भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे। एशिया कप में भारतीय टीम फ्लॉप रही थी, और जोहानेसबर्ग में वर्षा से बाधित टी-20 मैच भी टीम इंडिया हार गई थी, सो, इन दोनों की वापसी से श्रीलंका दौरे के लिए भारत की वन-डे और टी-20 टीम में कुछ बदलावों की उम्मीद है। सहवाग के आने से मध्यक्रम से एक बल्लेबाज को कम करना होगा, और संभावना है कि बंगाल के मनोज तिवारी को बाहर किया जा सकता है।
वैसे फिलहाल यह तय नहीं है कि हाल में राज्यसभा के सदस्य बने सचिन तेंदुलकर श्रीलंका के दौरे पर जाएंगे या नहीं। चयन समिति के सूत्रों के अनुसार, बुधवार को होने वाली पांच-सदस्यीय चयन समिति की बैठक में जब क्रिकेट बोर्ड समन्वयक संजय जगदाले खिलाड़ियों की उपलब्धता और फिटनेस की चिंताओं की जानकारी देंगे, तभी तस्वीर साफ हो सकेगी। यदि सचिन 21 जुलाई से शुरू हो रही शृंखला में नहीं खेलने का फैसला लेते हैं तो रहाणे को तीसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका मिल सकता है।
यह भी देखना होगा कि ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह की टीम में वापसी हो पाती है या नहीं, जो लंबे समय से खराब फॉर्म के कारण बाहर हैं। श्रीलंका की कम उछाल वाली और स्पिनरों की मददगार पिचों पर उन्हें मौका दिया जा सकता है। एशिया कप और दक्षिण अफ्रीका में खेलने वाली टीम में राहुल शर्मा भी शामिल थे, लेकिन हरभजन की वापसी पर उन्हें बाहर किया जा सकता है। उधर, रविचंद्रन अश्विन की जगह टीम में पक्की है। दूसरी ओर, तेज गेंदबाजी के क्षेत्र में ज़हीर और उमेश यादव की उपलब्धता के मायने हैं कि विनय कुमार, प्रवीण कुमार, अशोक डिन्डा और इरफान पठान में से दो को बाहर होना होगा।
आईपीएल में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले रवीन्द्र जडेजा भी टीम में जगह बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वैसे, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी यूसुफ पठान ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। जडेजा के लिए फायदेमंद यह है कि वह बाएं हाथ के गेंदबाज हैं, जबकि पठान ऑफ-स्पिनर के रूप में पांचवां विकल्प हैं। हरभजन के चुने जाने पर सुरेश रैना और रोहित शर्मा भी कामचलाऊ स्पिनर की भूमिका निभा सकते हैं।
चयन समिति के दो सदस्यों सुरेन्द्र भावे और नरेन्द्र हीरवानी ने वेस्ट इंडीज़ में भारत-ए टीम के खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी देखा है, लिहाजा चयनकर्ता उनकी रिपोर्ट के आधार पर नए चेहरों को भी मौका दे सकते हैं। भारत-ए के कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने चार-दिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, और उन्हें टेस्ट क्रिकेट के अनुकूल माना जाता है। मध्य प्रदेश के जलज सक्सेना ने अच्छे हरफनमौला के रूप में पहचान बनाई है, और मध्यम तेज गति के गेंदबाज के रूप में भुवनेश्वर कुमार के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
21 जुलाई से शुरू होने वाली एक-दिवसीय शृंखला में 4 अगस्त तक भारत और श्रीलंका के बीच पांच मैच खेले जाएंगे, और उसके बाद 7 अगस्त को दौरे का एकमात्र टी-20 मैच खेला जाएगा।
सहवाग और ज़हीर चोट के कारण मार्च में हुए एशिया कप टूर्नामेंट में नहीं खेल सके थे, और वे दोनों 30 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए एकमात्र टी-20 मैच में भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे। एशिया कप में भारतीय टीम फ्लॉप रही थी, और जोहानेसबर्ग में वर्षा से बाधित टी-20 मैच भी टीम इंडिया हार गई थी, सो, इन दोनों की वापसी से श्रीलंका दौरे के लिए भारत की वन-डे और टी-20 टीम में कुछ बदलावों की उम्मीद है। सहवाग के आने से मध्यक्रम से एक बल्लेबाज को कम करना होगा, और संभावना है कि बंगाल के मनोज तिवारी को बाहर किया जा सकता है।
वैसे फिलहाल यह तय नहीं है कि हाल में राज्यसभा के सदस्य बने सचिन तेंदुलकर श्रीलंका के दौरे पर जाएंगे या नहीं। चयन समिति के सूत्रों के अनुसार, बुधवार को होने वाली पांच-सदस्यीय चयन समिति की बैठक में जब क्रिकेट बोर्ड समन्वयक संजय जगदाले खिलाड़ियों की उपलब्धता और फिटनेस की चिंताओं की जानकारी देंगे, तभी तस्वीर साफ हो सकेगी। यदि सचिन 21 जुलाई से शुरू हो रही शृंखला में नहीं खेलने का फैसला लेते हैं तो रहाणे को तीसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका मिल सकता है।
यह भी देखना होगा कि ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह की टीम में वापसी हो पाती है या नहीं, जो लंबे समय से खराब फॉर्म के कारण बाहर हैं। श्रीलंका की कम उछाल वाली और स्पिनरों की मददगार पिचों पर उन्हें मौका दिया जा सकता है। एशिया कप और दक्षिण अफ्रीका में खेलने वाली टीम में राहुल शर्मा भी शामिल थे, लेकिन हरभजन की वापसी पर उन्हें बाहर किया जा सकता है। उधर, रविचंद्रन अश्विन की जगह टीम में पक्की है। दूसरी ओर, तेज गेंदबाजी के क्षेत्र में ज़हीर और उमेश यादव की उपलब्धता के मायने हैं कि विनय कुमार, प्रवीण कुमार, अशोक डिन्डा और इरफान पठान में से दो को बाहर होना होगा।
आईपीएल में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले रवीन्द्र जडेजा भी टीम में जगह बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वैसे, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी यूसुफ पठान ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। जडेजा के लिए फायदेमंद यह है कि वह बाएं हाथ के गेंदबाज हैं, जबकि पठान ऑफ-स्पिनर के रूप में पांचवां विकल्प हैं। हरभजन के चुने जाने पर सुरेश रैना और रोहित शर्मा भी कामचलाऊ स्पिनर की भूमिका निभा सकते हैं।
चयन समिति के दो सदस्यों सुरेन्द्र भावे और नरेन्द्र हीरवानी ने वेस्ट इंडीज़ में भारत-ए टीम के खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी देखा है, लिहाजा चयनकर्ता उनकी रिपोर्ट के आधार पर नए चेहरों को भी मौका दे सकते हैं। भारत-ए के कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने चार-दिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, और उन्हें टेस्ट क्रिकेट के अनुकूल माना जाता है। मध्य प्रदेश के जलज सक्सेना ने अच्छे हरफनमौला के रूप में पहचान बनाई है, और मध्यम तेज गति के गेंदबाज के रूप में भुवनेश्वर कुमार के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
21 जुलाई से शुरू होने वाली एक-दिवसीय शृंखला में 4 अगस्त तक भारत और श्रीलंका के बीच पांच मैच खेले जाएंगे, और उसके बाद 7 अगस्त को दौरे का एकमात्र टी-20 मैच खेला जाएगा।
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