विज्ञापन
This Article is From Dec 30, 2014

विमल मोहन की कलम से : विराट कोहली के 'तेवर' कर रहे हैं नए ट्रेंड की शुरुआत

विमल मोहन की कलम से : विराट कोहली के 'तेवर' कर रहे हैं नए ट्रेंड की शुरुआत
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

मेलबर्न टेस्ट के दौरान चौथे दिन जब मिचेल जॉनसन के आउट होने पर विराट कोहली ने स्लेजिंग की तो ज़्यादातर जानकारों को यहां तक कि उन्हें पसंद करनेवाले कई पूर्व भारतीय क्रिकेटरों को उनका यह अंदाज़ कुछ ख़ास पसंद नहीं आया।

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने यहां तक कहा कि विराट के इस तेवर का जवाब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ दूसरे तरीके से दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है विराट कोहली में ऑस्ट्रेलियाई स्लेजिंग का जवाब देने की काबिलियत हो, लेकिन उनके रवैये से
पूरी टीम को मुश्किल हो सकती है इसलिए टीम को ध्यान में रखते हुए वह जो कर रहे हैं उन्हें शायद वैसा नहीं करना चाहिए।

क्लासिक क्रिकेट यानी टेस्ट मैचों को पसंद करने वाले ज़्यादातर फ़ैन्स ये भी मानते हैं कि इस जेंटलमैन्स गेम में फ़ोकस क्रिकेट
पर ही होना चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हमेशा से स्लेजिंग में माहिर रहे हैं। वहां खेलने वाली सभी टीमों को इस मुश्किल का
सामना करना पड़ता है इसलिए विराट कोहली ने इससे निपटने का, जो आक्रामक तरीका अपनाया है वह कई जानकारों की
नज़र में सीमा को लांघने जैसा है।

यहां तक कि राहुल द्रविड़ जैसे क्रिकेटर भी ऑस्ट्रेलियाई स्लेजिंग का जवाब देते रहे हैं, लेकिन जिस अंदाज में विराट कोहली पेश
आ रहे हैं कहीं वह हद से ज़्यादा तो नहीं? ये सवाल शायद टीम की कामयाबी की कसौटी पर परखा जाए। जहां तक
विराट कोहली का सवाल है मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उनकी 115, 141, 19, 1 और 169 रनों की पारियों के बाद उन पर सवाल
उठाना आसान नहीं।उनका बल्ला जमकर बोल रहा है और उनकी ज़ुबान को उनके हौसले के पंख लग गए हैं।

यह भी याद रखना होगा कि विराट उस जेनेरेशन नेक्स्ट की नुमाइंदगी करते हैं, जो यह ऐलान करने से नहीं डरता कि उसकी गर्लफ़्रेंड का नाम क्या है? मैच के दौरान अर्द्धशतक और शतक ठोक कर अपनी गर्लफ़्रेंड की ओर फ्लाइंग किस भेजते वक्त भी उसे किसी और बात की परवाह नहीं रहती। इस पीढ़ी को ये डर नहीं कि बुरे वक्त में ये नाकाम होने पर मीडिया उसके पीछे पड़ सकता है या दोस्त ताने दे सकते हैं। ये पीढ़ी सामने आये मौके का भरपूर फ़ायदा उठाना जानती है। तभी दर्शकों के स्टैंड में खड़े कई लोग विराट की पारी 'किंग कोहली' की पारी कहकर उनका अभिवादन करते हैं।

कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी अपने चेहरे के भावों के नहीं पढ़ने देते, लेकिन अपनी रणनीति से विपक्षी टीमों पर हावी रहते हैं। टीम इंडिया के भावी कप्तान का तेवर माही से एक कदम आगे है, जो कुछ अंदर है वही चेहरे पर है और उसमें हारने या दबने जैसी कोई बात नहीं। यह तेवर टीम इंडिया को कहां ले जाएगा, इसका फ़ैसला सिर्फ़ एक सीरीज़ से नहीं हो सकता।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com