सुनील गावस्कर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
यह 1971 की बात है। टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था। इस दौरे को लेकर कोई बड़ी उम्मीद नहीं की जा रही थी, क्योंकि उस वक्त़ वेस्टइंडीज टीम काफी ताक़तवर मानी जाती थी। भारत के लिए वेस्टइंडीज को हराना सिर्फ मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन था। 1948 से लेकर 1967 के बीच भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांच टेस्ट सीरीज खेली गई थीं और सभी वेस्टइंडीज ने जीती थी। सीरीज जीतना तो बहुत दूर की बात... भारत इन 19 सालों में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाया था। इन 19 सालों में दोनों टीमों के बीच 24 टेस्ट मैच खेले गए थे। वेस्टइंडीज को 12 मैचों में जीत मिली थी, जबकि 12 मैच ड्रा रहे थे। सिर्फ इतना नहीं, भारत के खिलाफ आखिरी 15 मैचों में वेस्टइंडीज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मैचों में जीत हासिल की थी।
पहला टेस्ट मैच, इस खिलाड़ी ने लगाया दोहरा शतक
जब वेस्टइंडीज टीम इतनी शानदार फॉर्म में थी और अपने घरेलू मैदान पर खेल रही थी तब टीम इंडिया से जीत की उम्मीद करना अंधेरे में तीर मारने जैसा थी। फिर 6 मार्च 1971 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच हुआ। टॉस हारने के बाद टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 36 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे। अब बल्लेबाजी करने दिलीप सरदेसाई मैदान पर उतरे। एक छोर को सरदेसाई संभाले हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते जा रहे थे। 75 रन पर टीम इंडिया के पांच विकेट गिर चुके थे, लेकिन सरदेसाई हार मानने वाले नहीं थे। चारों तरफ शानदार शॉर्ट्स खेलते हुए सरदेसाई ने सबको हैरान कर दिया था। छठें विकेट के लिए सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच 137 रन की साझेदारी हुई। सिर्फ इतना ही नहीं नौवें विकेट के लिए सरदेसाई और इरापल्ली प्रसन्ना के बीच में 122 रन की साझेदारी हुई थी। इस मैच में सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए। यह पहली बार था जब टीम इंडिया की तरफ से किसी खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ठोंका था। इस टेस्ट मैच को टीम इंडिया ड्रॉ कराने में कामयाब हुई थी।
दूसरे टेस्ट में सरदेसाई का शतक, टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीता पहला मैच
6, मार्च 1971 को दोनों टीमों के बीच क्वींस पार्क ओवल में दूसरा टेस्ट मैच खेला गया। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 214 रन बनाए थे। इस टेस्ट मैच में दिलीप सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 112 रन बनाए। सरदेसाई की शानदार पारी के वजह से भारत पहली पारी में 352 रन बना पाया। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी सिर्फ 261 रन सिमट गई। वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच जीतने के लिए अब भारत के सामने एक सुनहरा मौक़ा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच जीतने के लिए टीम इंडिया को दूसरी पारी में सिर्फ 124 रन की जरुरत थी। टीम इंडिया ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। दूसरी पारी में भारत सिर्फ तीन विकेट गवां कर जीत के लक्ष्य तक पहुंच गया।
एक नए हीरो का पदार्पण
इस मैच में टीम इंडिया के लिए और एक हीरो का पदार्पण हुआ। इस टेस्ट मैच के जरिए सुनील मनोहर गावस्कर ने अपना क्रिकेट करियर शुरू किया। गावस्कर ने पहली पारी में 65 रन की शानदार पारी खेली और दूसरे पारी में 67 रन पर नॉटआउट रहते हुए टीम इंडिया को जीत दिलवाई। इस मैच को जीतकर भारत ने इतिहास रचा। 23 सालों में वह पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच जीता वह भी उसी के मैदान पर।
तीसरे टेस्ट में गावस्कर साबित हुए हीरो, मैच रहा ड्रॉ
तीसरे टेस्ट मैच में गावस्कर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया था। पहली पारी में वेस्टइंडीज के 363 के जवाब में टीम इंडिया ने 376 रन बनाए थे और टीम इंडिया के तरफ से सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने शानदार 116 रन की पारी खेले थे। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने 307 पर अपना पारी घोषणा कर दिया और दूसरी पारी में भारत बिना विकेट खोएं 123 रन बनाते हुए मैच को ड्रा करने में कामयाब हुया।भारत की तरफ से दूसरी पारी में सुनील गावस्कर ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाए थे।
चौथे टेस्ट में गावस्कर और सरदेसाई ने ठोके शतक
चौथे टेस्ट को भी टीम इंडिया ड्रा कराने में कामयाब हुआ था। पहली पारी में शानदार खेलते हुए वेस्टइंडीज ने 501 का विशाल स्कोर खड़ा किया था। भारत की शुरुआत काफी खराब रही, सिर्फ 70 रन पर टीम इंडिया 6 विकेट गवां दिए थे, लेकिन दिलीप सरदेसाई शानदार बल्लेबाजी करते हुए 150 रन बनाया। सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच सातवें विकेट के लिए 176 रन कि साझेदारी हुई और भारत अपने पहली पारी में 347 रन तक पहुंच गया। दूसरे पारी में वेस्टइंडीज 180 रन पर अपनी पारी की घोषणा कर दी थी। भारत के तरफ से दूसरी पारी में सुनील गावस्कर शानदार खेलते हुए 117 रन पर नॉटआउट रहते हुए इस मैच को ड्रा कराने में कामयाब हुए।
आखिरी टेस्ट में गावस्कर का दोहरा शतक
भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांचवां टेस्ट मैच। वेस्टइंडीज को इस मैच को जीतकर अपना लाज बचाना था, जबकि भारत को इस मैच को ड्रा रखकर इतिहास रचना था। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने गावस्कर के शानदार शतक के बदौलत पहली पारी में 360 रन बनाया था। गावस्कर ने 124 रन का पारी खेली। सरदेसाई ने भी 75 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज शानदार खेलते हुए अपनी पहली पारी में 526 रन बना दिए, जिसके वजह से भारत के ऊपर दवाब बढ़ गया, लेकिन इस दवाब का दवा गावस्कर के हाथ में था। दूसरी पारी में गावस्कर शानदार बल्लेबाजी करते हुए दोहरा शतक ठोकते हुए 220 बनाए और भारत का स्कोर 427 तक पहुंचा गया। अब वेस्टइंडीज को मैच जीतने के लिए दूसरी पारी में 262 रन कि जरुरत थी, लेकिन हाथ में सिर्फ 40 ओवर थे। वेस्टइंडीज ने तेज खेलने की कोशिश जरूर कि लेकिन इन 40 ओवरों में आठ विकेट पर सिर्फ 165 रन बना पाया और मैच ड्रा हो गया। इस ड्रा के साथ भारत ने इतिहास रचा और 23 सालों में पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ 1-0 से टेस्ट सीरीज जीता।
पहला टेस्ट मैच, इस खिलाड़ी ने लगाया दोहरा शतक
जब वेस्टइंडीज टीम इतनी शानदार फॉर्म में थी और अपने घरेलू मैदान पर खेल रही थी तब टीम इंडिया से जीत की उम्मीद करना अंधेरे में तीर मारने जैसा थी। फिर 6 मार्च 1971 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच हुआ। टॉस हारने के बाद टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 36 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे। अब बल्लेबाजी करने दिलीप सरदेसाई मैदान पर उतरे। एक छोर को सरदेसाई संभाले हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते जा रहे थे। 75 रन पर टीम इंडिया के पांच विकेट गिर चुके थे, लेकिन सरदेसाई हार मानने वाले नहीं थे। चारों तरफ शानदार शॉर्ट्स खेलते हुए सरदेसाई ने सबको हैरान कर दिया था। छठें विकेट के लिए सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच 137 रन की साझेदारी हुई। सिर्फ इतना ही नहीं नौवें विकेट के लिए सरदेसाई और इरापल्ली प्रसन्ना के बीच में 122 रन की साझेदारी हुई थी। इस मैच में सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए। यह पहली बार था जब टीम इंडिया की तरफ से किसी खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ठोंका था। इस टेस्ट मैच को टीम इंडिया ड्रॉ कराने में कामयाब हुई थी।
दिलीप सरदेसाई (फाइल फोटो)
दूसरे टेस्ट में सरदेसाई का शतक, टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीता पहला मैच
6, मार्च 1971 को दोनों टीमों के बीच क्वींस पार्क ओवल में दूसरा टेस्ट मैच खेला गया। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 214 रन बनाए थे। इस टेस्ट मैच में दिलीप सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 112 रन बनाए। सरदेसाई की शानदार पारी के वजह से भारत पहली पारी में 352 रन बना पाया। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी सिर्फ 261 रन सिमट गई। वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच जीतने के लिए अब भारत के सामने एक सुनहरा मौक़ा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच जीतने के लिए टीम इंडिया को दूसरी पारी में सिर्फ 124 रन की जरुरत थी। टीम इंडिया ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। दूसरी पारी में भारत सिर्फ तीन विकेट गवां कर जीत के लक्ष्य तक पहुंच गया।
एक नए हीरो का पदार्पण
इस मैच में टीम इंडिया के लिए और एक हीरो का पदार्पण हुआ। इस टेस्ट मैच के जरिए सुनील मनोहर गावस्कर ने अपना क्रिकेट करियर शुरू किया। गावस्कर ने पहली पारी में 65 रन की शानदार पारी खेली और दूसरे पारी में 67 रन पर नॉटआउट रहते हुए टीम इंडिया को जीत दिलवाई। इस मैच को जीतकर भारत ने इतिहास रचा। 23 सालों में वह पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच जीता वह भी उसी के मैदान पर।
तीसरे टेस्ट में गावस्कर साबित हुए हीरो, मैच रहा ड्रॉ
तीसरे टेस्ट मैच में गावस्कर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया था। पहली पारी में वेस्टइंडीज के 363 के जवाब में टीम इंडिया ने 376 रन बनाए थे और टीम इंडिया के तरफ से सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने शानदार 116 रन की पारी खेले थे। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने 307 पर अपना पारी घोषणा कर दिया और दूसरी पारी में भारत बिना विकेट खोएं 123 रन बनाते हुए मैच को ड्रा करने में कामयाब हुया।भारत की तरफ से दूसरी पारी में सुनील गावस्कर ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाए थे।
चौथे टेस्ट में गावस्कर और सरदेसाई ने ठोके शतक
चौथे टेस्ट को भी टीम इंडिया ड्रा कराने में कामयाब हुआ था। पहली पारी में शानदार खेलते हुए वेस्टइंडीज ने 501 का विशाल स्कोर खड़ा किया था। भारत की शुरुआत काफी खराब रही, सिर्फ 70 रन पर टीम इंडिया 6 विकेट गवां दिए थे, लेकिन दिलीप सरदेसाई शानदार बल्लेबाजी करते हुए 150 रन बनाया। सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच सातवें विकेट के लिए 176 रन कि साझेदारी हुई और भारत अपने पहली पारी में 347 रन तक पहुंच गया। दूसरे पारी में वेस्टइंडीज 180 रन पर अपनी पारी की घोषणा कर दी थी। भारत के तरफ से दूसरी पारी में सुनील गावस्कर शानदार खेलते हुए 117 रन पर नॉटआउट रहते हुए इस मैच को ड्रा कराने में कामयाब हुए।
आखिरी टेस्ट में गावस्कर का दोहरा शतक
भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांचवां टेस्ट मैच। वेस्टइंडीज को इस मैच को जीतकर अपना लाज बचाना था, जबकि भारत को इस मैच को ड्रा रखकर इतिहास रचना था। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने गावस्कर के शानदार शतक के बदौलत पहली पारी में 360 रन बनाया था। गावस्कर ने 124 रन का पारी खेली। सरदेसाई ने भी 75 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज शानदार खेलते हुए अपनी पहली पारी में 526 रन बना दिए, जिसके वजह से भारत के ऊपर दवाब बढ़ गया, लेकिन इस दवाब का दवा गावस्कर के हाथ में था। दूसरी पारी में गावस्कर शानदार बल्लेबाजी करते हुए दोहरा शतक ठोकते हुए 220 बनाए और भारत का स्कोर 427 तक पहुंचा गया। अब वेस्टइंडीज को मैच जीतने के लिए दूसरी पारी में 262 रन कि जरुरत थी, लेकिन हाथ में सिर्फ 40 ओवर थे। वेस्टइंडीज ने तेज खेलने की कोशिश जरूर कि लेकिन इन 40 ओवरों में आठ विकेट पर सिर्फ 165 रन बना पाया और मैच ड्रा हो गया। इस ड्रा के साथ भारत ने इतिहास रचा और 23 सालों में पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ 1-0 से टेस्ट सीरीज जीता।
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