यह ख़बर 02 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

त्रिकोणीय शृंखला : भारत की दूसरी हार, श्रीलंका ने 161 रन से दी शिकस्त

खास बातें

  • 349 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के विकेट लगातार गिरते रहे और पूरी टीम 44 ओवर की पांचवीं गेंद पर 187 रन पर आउट हो गई।
किंग्स्टन:

प्रेरणादायी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अनुपस्थिति में भारत को त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट शृंखला में उपुल थरांगा की बड़ी पारी से विशाल स्कोर खड़ा करने वाले श्रीलंका के हाथों 161 रन की करारी हार झेलनी पड़ी।

भारतीय टीम ने खेल के हर विभाग में लचर प्रदर्शन किया। उसने पहले श्रीलंका को बड़ा स्कोर खड़ा करने का मौका दिया और बाद में उसके बल्लेबाज दबाव झेलने में नाकाम रहे। श्रीलंका ने थरांगा (नाबाद 174) और माहेला जयवर्धने (107) के बीच पहले विकेट के लिए 213 रन की साझेदारी की मदद से एक विकेट पर 348 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में भारतीय टीम 44.5 ओवर में 187 रन पर ढेर हो गई।

भारत की यह लगातार दूसरी हार है, जिससे उसकी फाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है। भारत को फाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले अपने दोनों मैच जीतने होंगे। मेजबान वेस्टइंडीज नौ अंक लेकर तालिका में शीर्ष पर है, जबकि श्रीलंका के पांच अंक हैं। भारत को अभी अपना खाता खोलना है। भारत शुक्रवार को वेस्टइंडीज और सोमवार को श्रीलंका से भिड़ेगा। थरांगा ने 159 गेंदों पर 19 चौकों और तीन छक्कों की मदद से बेहतरीन पारी खेली तथा कैरेबियाई सरजमीं पर सबसे बड़ी पारी का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने सातवीं बार 200 से अधिक रन की साझेदारी करके रिकी पोंटिंग के रिकॉर्ड की बराबरी की। थरांगा और जयवर्धने दोनों के कैच छूटे। जयवर्धने को 25 रन तथा थरांगा को दो और 91 रन के निजी योग पर जीवनदान मिले।

भारतीय बल्लेबाजों ने अपने विकेट इनाम में दिए। सुरेश रैना (33), मुरली विजय (30), शिखर धवन (24) और दिनेश कार्तिक (22) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए। विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पहले दस ओवरों में एक विकेट पर 28 रन बनाकर खुद को दबाव में ला दिया।

रोहित शर्मा (5) आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने नुवान कुलशेखरा की गेंद पर शार्ट मिडविकेट पर एंजेलो मैथ्यूज को कैच थमाया। भारतीयों के लिए गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा था और ऐसे में उसने धवन और कप्तान विराट कोहली (2) के विकेट लगातार ओवरों में गंवा दिए। धवन ने रंगना हेराथ (37 रन देकर तीन विकेट) की गेंद पर डीप मिडविकेट पर थरांगा को कैच दिया, जबकि कोहली ने अगले ओवर में लेसिथ मालिंगा की गेंद को हुक करके फाइन लेग पर मैथ्यूज के हाथों में गेंद पहुंचाई। मालिंगा ने इसके दो ओवर बाद विजय को बोल्ड करके 19 ओवर की समाप्ति पर भारत का स्कोर चार विकेट पर 70 रन कर दिया।
विकेटकीपर कार्तिक और रैना ने पांचवें विकेट के लिए 63 गेंदों पर 53 रन जोड़े। कुमार संगकारा ने हेराथ की गेंद पर कार्तिक को स्टंप आउट करके यह साझेदारी तोड़ी। रैना ने भारत को वापसी दिलाने की कोशिश की, लेकिन वह भी रन आउट हो गए। इसके बाद जडेजा को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं चल पाया।

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थरांगा और जयवर्धने की साझेदारी भारत के खिलाफ पहले विकेट के लिए श्रीलंका की ओर से सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले थरांगा ने 15 दिसंबर 2009 को राजकोट में तिलकरत्ने दिलशान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ 188 रन की साझेदारी की थी। थरांगा ने इस बीच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 5000 रन भी पूरे किए। पहली बार कप्तानी कर रहे कोहली के लिए टॉस जीतने के अलावा कुछ भी अनुकूल नहीं रहा। उनका पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला भी गलत साबित हुआ। क्षेत्ररक्षकों ने उन्हें निराश किया। विजय ने शुरू में ही जडेजा की गेंद पर जयवर्धने का आसान कैच छोड़ा। थरांगा जब 91 रन पर थे इशांत की गेंद पर उमेश यादव ने उनका आसान कैच टपकाया। जयवर्धने ने शुरू में रन बनाने का जिम्मा उठाया जबकि थरांगा उनका साथ देते रहे। जयवर्धने हालांकि शतक जमाने के बाद अधिक देर तक नहीं टिक पाए। रविचंद्रन अश्विन ने इस अनुभवी बल्लेबाज को शार्ट थर्डमैन पर यादव के हाथों कैच कराया। थरांगा अपना 13वां वनडे शतक पूरा करने के बाद अधिक आक्रामक हो गए। भुवनेश्वर कुमार की जगह टीम में लिए गए शमी अहमद पर उन्होंने लगातार तीन चौके लगाए। उन्होंने और मैथ्यूज ने जडेजा को भी नहीं बख्शा। श्रीलंका ने अंतिम दस ओवरों में 124 रन बटोरकर डेथ ओवरों में भारतीय गेंदबाजों की नाकामी उजागर की।