
- बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए एक प्रतिष्ठित पूर्व क्रिकेटर के चयन की चर्चा प्रमुख हितधारकों के बीच चल रही है
- रोजर बिन्नी का 70 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण नियमों के तहत कार्यकाल समय से पहले समाप्त हो गया है
- सितंबर की वार्षिक आम बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल चेयरमैन के पदों पर चुनाव और नियुक्ति की संभावना है
बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसपर लगातार बहस जारी है. जारी उठापटक के बीच खबर सामने आ रही रही है कि एक शीर्ष क्रिकेटर इस पद पर काबिज हो सकता है. यही नहीं इस रेस में उस शख्स को सबसे आगे भी बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर वह क्रिकेटर इस पद को संभालने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है, तो किसी और लोकप्रिय प्रशासक को यह पद दिया जा सकता है.
आपको बता दें कि पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बाद पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. मगर उनका कार्यकाल समय से पहले ही समाप्त हो चुका है. क्योंकि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत पदाधिकारियों की अधिकतम आयुसीमा 70 साल ही है. बिन्नी 19 जुलाई को 70 साल के हो चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें नियम के मुताबिक समय से पहले अपने पद को छोड़ना पड़ा है.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड सितंबर के अंत में होने वाली वार्षिक आम बैठक में कुछ शीर्ष पद दांव पर लगे होंगे जिसमें बोर्ड अध्यक्ष और इंडियन प्रीमियर लीग चेयरमैन का पद शामिल है. आईपीएल के मौजूदा अध्यक्ष अरुण धूमल के छह साल पूरे होने के बाद तीन साल के अनिवार्य (कूलिंग ऑफ) ब्रेक पर जाने की पूरी संभावना है. उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में कई नामों पर चर्चा हो रही है.
फिलहाल देवजीत सैकिया अपने पद पर बने रहेंगे जिन्होंने संयुक्त सचिव (दो साल और तीन महीने) और सचिव (नौ महीने) के तौर पर कुल मिलाकर तीन साल पूरे कर लिए हैं. संयुक्त सचिव रोहन गौंस देसाई और प्रभतेज भाटिया भी अपने पद पर बने रहेंगे जिनका पदाधिकारी के रूप में यह पहला साल है.
आईपीएल अध्यक्ष पद के लिए मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव संजय नाइक और वर्तमान बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के नाम चर्चा में हैं, हालांकि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. अगर कांग्रेस नेता शुक्ला एक बार फिर आईपीएल अध्यक्ष बनते हैं, तो बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और राज्य के भाजपा नेता राकेश तिवारी बीसीसीआई उपाध्यक्ष पद के दावेदार बन सकते हैं.
एजीएम सितंबर के आखिरी हफ्ते में होने की उम्मीद है. सिर्फ कुछ पद ही दाव पर होंगे और इस साल के चुनाव बीसीसीआई के अपने नियमों के अनुसार होंगे. राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम लागू होने में अभी कुछ समय लग सकता है जिससे बीसीसीआई इतना लंबा इंतजार नहीं करेगा. जुलाई में अपना 70वां जन्मदिन पूरा कर चुके रोजर बिन्नी वर्तमान संविधान के अनुसार दोबारा नहीं चुने जा सकते.
सबसे दिलचस्प चुनाव बीसीसीआई अध्यक्ष का होगा क्योंकि हितधारक बिन्नी की जगह किसी बड़े भारतीय खिलाड़ी को चाहते हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, 'महत्वपूर्ण हितधारकों के बीच यह धारणा है कि एक प्रतिष्ठित क्रिकेटर को हमेशा अध्यक्ष चुना जाना चाहिए. सौरव गांगुली एक सम्मानित भारतीय कप्तान थे और रोजर बिन्नी भारत के पहले विश्व कप विजेता नायक थे. हालांकि कितने प्रतिष्ठित क्रिकेटर इस शीर्ष पद काबिज होने में दिलचस्पी लेंगे, यह एक बड़ा सवाल है.'
शुक्ला का मामला भी दिलचस्प है. उपाध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 2020 में शुरू हुआ था और लोढ़ा संविधान के अनुसार उनके पास अभी एक साल बाकी है. लेकिन इसमें एक पेच है. अगर राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम 2026 में अगली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले लागू हो जाता है तो राज्यसभा सांसद को अनिवार्य रूप से (कूलिंग ऑफ) ब्रेक लेने की जरूरत नहीं होगी. (भाषा इनपुट के साथ)
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