भारतीय टीम के वनडे विशेषज्ञ सुरेश रैना का कहना है कि उनकी टीम को टेस्ट शृंखला में मिली करारी शिकस्त को भूलकर सोमवार से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली वनडे सीरीज में अपनी क्षमता दिखाकर इस पर कब्जा करना होगा।
रैना ने 'बीसीसीआई डॉट टीवी' से कहा, टीम इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है और अब हमारे लिए जज्बे को दिखाने का समय है। इस तरह की हार के बाद कभी-कभार आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन जब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं, तो आपको इसके लिए रास्ता निकालने के लिए जूझना होता है।
उन्होंने कहा, नए खिलाड़ी टीम में ताजगी लेकर आएंगे, जिससे टेस्ट के लिए जो खिलाड़ी यहां थे, उन्हें दोबारा सकारात्मकता हासिल करने में मदद मिलेगी। वे अपनी गलतियों से सबक लेने की कोशिश कर रहे हैं और हम इसमें नया जज्बा डालेंगे। भारत को टेस्ट सीरीज में 1-3 की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी, जिसमें से अंतिम दो टेस्ट में हार केवल तीन दिन के अंदर मिली थी।
रैना ने कहा कि वह हमेशा शिविर में सकारात्मकता और उत्साह लाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, मैं टीम में हमेशा मैदान के अंदर और बाहर हंसी खुशी का माहौल बरकरार रखने की कोशिश करता हूं। जब विकेट गिरता है, तो मैं गेंदबाज या क्षेत्ररक्षक के पास दौड़कर जाने वाला पहला खिलाड़ी होता हूं। छोटी-छोटी चीजें जैसे फाइन लेग या थर्ड मैन पर गेंदबाज के पास दौड़कर जाना और उसका स्वेटर लेकर आना, टीम के माहौल में बड़ा अंतर पैदा कर सकती है।
रैना ने कहा, यह चीज फैलने वाली होती है, क्योंकि जब एक खिलाड़ी ऐसा करना शुरू करता है, तो दूसरा भी ऐसा ही करता है। और इससे पहले कि आपको पता चले, पूरी टीम ऊर्जा और जज्बे से भरी होती है। इस ऊर्जा को बनने में थोड़ा समय लगता है - कभी चार ओवर, तो कभी-कभार 10 ओवर। उन्होंने कहा, इस तरह का माहौल बनाने के लिए किसी को अगुवाई करनी होती है और अतिरिक्त प्रयास करना होता है। हर कोई अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी के बारे में सोच रहा होता है।
रैना ने कहा, अगर मैं वहां सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देने के लिए खड़ा रहूं, तो हर कोई भावनाओं में बह रहा होगा। लेकिन अगर मैं जाकर किसी को थपथपाऊंगा, तो जब मैं कुछ अच्छा करूंगा, तो वह भी आएगा और ऐसा ही करेगा। इससे मैदान में एक सकारात्मक वातावरण बनता है, जिससे आप हल्का महसूस करते हैं और अपने चारों ओर सभी का उत्साह बढ़ाते हो। यही चीज मेरे हाथों में है और पिछले 10 साल से मैं ऐसा ही कर रहा हूं।
इंग्लैंड के खिलाफ अपनी तैयारियों के बारे में रैना ने कहा कि उन्होंने सचिन तेंदुलकर से 'टिप्स' ली है। उन्होंने कहा, वह (तेंदुलकर) वहां बैडमिंटन खेलने आए थे और अर्जुन (तेंदुलकर का बेटा) वहां नेट पर अभ्यास करता था। सचिन पाजी उसे कुछ टिप्स देने के लिए आए। मैं उनके पास गया और मैंने उनसे पूछा कि इंग्लैंड में क्या चीजें करनी चाहिए। रैना ने कहा, मैंने उनसे काफी बातें कीं, विशेषकर मानसिक पक्ष के बारे में। मैंने वहां बीकेसी पर प्रवीण आमरे सर के साथ भी अपनी बल्लेबाजी के विभिन्न पहलुओं पर काम किया।
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