भारत और इंग्लैंड के बीच जारी सीमित ओवरों की श्रृंखला में शामिल क्रिकेटरों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए सात दिनों के कठिन पृथकवास से नहीं गुजरना होगा क्योंकि शनिवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार वे एक बायो-बबल (Bio Bubble) (जैव-सुरक्षित माहौल) से दूसरे में जाएंगे. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इसके साथ ही साफ कर दिया कि आईपीएल (IPL 2021) से जुड़े किसी भी व्यक्ति को फिलहाल टीका लगाने की योजना नहीं है क्योंकि भारत सरकार ने एक ऐसी प्रणाली बनायी है जिसका वर्तमान में पालन किया जा रहा है.
#VIVOIPL salutes the new Indian spirit that is eager to innovate and rewrite the rulebook.
— IndianPremierLeague (@IPL) March 14, 2021
Will history be created yet again this IPL?
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एसओपी के मुताबिक, ‘भारत बनाम इंग्लैंड श्रृंखला के लिए बनाए गए बबल में शामिल खिलाड़ी पृथकवास को पूरा किया बिना अपनी फ्रैंचाइजी टीम में शामिल हो सकते हैं.'इसके मुताबिक, ‘श्रृंखला के समापन के बाद अगर वे बस या चार्टर्ड उड़ान से सीधे टीम होटल में जाते हैं और उनकी यात्रा व्यवस्था सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) संतुष्ट होते है तो ऐसे खिलाड़ी पृथकवास या आरटी पीसीआर जांच के बिना टीम बबल में प्रवेश कर सकते हैं.' एसओपी में कहा गया कि फिलहाल सरकार ने एलीट एथलीटों के टीकाकरण पर कुछ भी निर्देश नहीं दिया है.
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एसओपी मुताबिक, ‘भारत में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े लोगों को टीका लगाया गया. अब 60 वर्ष से अधिक या शारीरिक परेशानी का सामना कर रहे 45 से 59 वर्ष के बीच के व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है. अभी तक एलीट एथलीटों सहित अन्य समूहों के टीकाकरण की अनुसूची की घोषणा नहीं की गयी है.'बीसीसीआई हर फ्रेंचाइजी टीमों के साथ चार सुरक्षा अधिकारी (बबल इंटिग्रिटी प्रबंधक) नियुक्त करेगा, जो आईपीएल की पूरी अवधि के दौरान संबंधित टीमों के बबल में रहेंगे और उनके साथ यात्रा करेंगे. इन अधिकारियों को काम फ्रेंचाइजी के किसी भी सदस्य द्वारा बायो बबल तोड़ने की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देने की होगी. फ्रेंचाइजी मालिक और परिवार के सदस्य सात दिनों के पृथकवास के दौरान तीन बार आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव आने के बाद बायो-बबल में प्रवेश कर सकेंगे. बायो-बबल और स्टेडियम में आम लोगों और मीडियाकर्मियों को प्रवेश की मंजूरी नहीं होगी.
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