
मैदान हो या मैदान के बाहर, पूर्व ओपनर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) एकदम आक्रामक बैटिंग करते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से लेफ्टी बल्लेबाज श्रीसंत (Sreesanth) के साथ मैदानी झड़प को लेकर चर्चा में हैं, तो अब उन्होंने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कई अहम बातें कही हैं. और इन्हीं में ए बड़ी बात युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को लेकर है.गंभीर ने कहा है कि भारत ने साल 2011 विश्व कप जीता. सभी ने देखा कि युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, लेकिन युवी को उनके हक का श्रेय कभी नहीं मिला. युवराज ने तब विश्व कप में 362 रन बनाए और साथ ही 15 विकेट भी उन्होंने लिए थे. साथ ही, युवराज ने चार मैचों में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड भी जीता था. यह वह कारनामा है, जो साल 1996 के संस्करण में श्रीलंका के अरविंद डि सिल्वा और 1999 में लांस क्लूजनर ही कर सके हैं.
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गंभीर ने एक हालिया इंटरव्यू में कहा कि आप जानते हैं. युवराज सिंह साल 2011 विश्व कप में प्लेयर ऑफ दू टर्नामेंट रहे थे, लेकिन कितने लोग इस बारे में बात करते हैं. सवाल है कि ऐसा क्यों है? शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास अच्छी पीआर एजेंसी नहीं है. संभवत: अंडररेटिड (कम करके आंकना) शब्द एक गलत शब्द है. वास्तव में इसे कम करके दिखाया जाता है. अगर आप ऐसा लोगों को नहीं दिखाओगे, तो वे इस बारे में नहीं जानेंगे. आप केवल एक ही शख्स को दिखाते रहते हैं और फिर यह ब्रांड बन जाता है.
फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 97 रन बनाने वाले गंभीर ने कहा कि अगर आप हर समय एक ही शख्स को दिखाते रहते हैं और बाकियों को कम करके दिखाया जाता है, तो फिर एक ही शख्स सुर्खियों में रहेगा. इससे बाकी खिलाड़ियों को उनके हक का वह श्रेय नहीं मिलेगा, जिसके वे हकदार हैं. गंभीर ने कहा कि अगर अगर आज मेरे पास मशीनरी है और मैं दो लोगों को चुनता हूं जहां मैं एक शख्स को सवा दो घंटे दिखाता हूं और बाकी को केवल दस मिनट, तो जाहिर है कि ज्यादा दिखने वाला शख्स ब्रांड बन जाएगा. पूर्व बल्लेबाज बोले कि तब आप यह मत कहिए कि जब हम किसी दूसरे को दिखाते हैं, तो हमें टीआरपी नहीं मिलती क्योंकि दूसरा शख्स ब्रांड नहीं है. जब आप दूसरे शख्स को नहीं दिखाते, तो आप उस शख्स को अहमियत नहीं देते. गंभीर बोले कि जब तक आप दूसरे शख्स को अहमियत नहीं देंगे, तो वह खुद का महत्व नहीं समझेगा. बहरहाल, खत्म हुए विश्व कप में एक अच्छी बात हुई. और मैं यह देखकर खुश हूं कि हम बैटिंग पसंद से एक बॉलिंग पसंद देश बन चुके हैं. मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को उनकी कड़ी मेहनत का इनाम मिल रहा है.
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