लंदन:
शेन वॉटसन (नाबाद 80) की तेज अर्द्धशतकीय पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने किया ओवल मैदान पर बुधवार को इंग्लैंड के साथ शुरू हुए एशेज-2013 के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भोजनकाल तक एक विकेट पर 112 रन बना लिए।
वॉटसन ने अपनी तेज पारी में 77 गेंदों का सामना करते हुए 15 चौके और एक छक्का लगाया है। उन्होंने 66 रन सिर्फ चौकों और छक्कों की मदद से बनाए हैं।
डेविड वार्नर (6) का विकेट 11 रन के कुल योग पर गिर जाने के बाद वॉटसन ने सलामी बल्लेबाज क्रिस रोजर्स (नाबाद 21) के दूसरे विकेट के लिए 24.4 ओवरों में 101 रनों की साझेदारी की है।
रोजर्स ने 87 गेंदों पर तीन चौके लगाए हैं। वार्नर का विकेट जेम्स एंडरसन ने लिया। एंडरसन ने उन्हें विकेट के पीछे मैट प्रायर के हाथों कैच कराया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम इस शृंखला में 0-3 से पीछे चल रही है। वह शृंखला गंवा चुकी है। अब उसका लक्ष्य अंतिम मैच जीतकर बढ़े हुए मनोबल के साथ अगली एशेज शृंखला की तैयारी में जुटना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी जेम्स फॉल्कनर ने इस मैच के साथ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया जबकि इंग्लैंड की ओर से क्रिस वोक्स और साइमन केरिघन अपने करियर का पहला टेस्ट खेल रहे हैं।
वर्ष 1997 के बाद यह पहला मौका है, जब इंग्लैंड ने एक साथ दो ऐसे खिलाड़ियों को मैदान में उतारा है, जो अपने करियर का आगाज कर रहे हैं। इससे पहले इंग्लैंड ने होलिएक भाइयों को एक साथ मैदान में उतारा था।
वॉटसन ने अपनी तेज पारी में 77 गेंदों का सामना करते हुए 15 चौके और एक छक्का लगाया है। उन्होंने 66 रन सिर्फ चौकों और छक्कों की मदद से बनाए हैं।
डेविड वार्नर (6) का विकेट 11 रन के कुल योग पर गिर जाने के बाद वॉटसन ने सलामी बल्लेबाज क्रिस रोजर्स (नाबाद 21) के दूसरे विकेट के लिए 24.4 ओवरों में 101 रनों की साझेदारी की है।
रोजर्स ने 87 गेंदों पर तीन चौके लगाए हैं। वार्नर का विकेट जेम्स एंडरसन ने लिया। एंडरसन ने उन्हें विकेट के पीछे मैट प्रायर के हाथों कैच कराया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम इस शृंखला में 0-3 से पीछे चल रही है। वह शृंखला गंवा चुकी है। अब उसका लक्ष्य अंतिम मैच जीतकर बढ़े हुए मनोबल के साथ अगली एशेज शृंखला की तैयारी में जुटना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी जेम्स फॉल्कनर ने इस मैच के साथ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया जबकि इंग्लैंड की ओर से क्रिस वोक्स और साइमन केरिघन अपने करियर का पहला टेस्ट खेल रहे हैं।
वर्ष 1997 के बाद यह पहला मौका है, जब इंग्लैंड ने एक साथ दो ऐसे खिलाड़ियों को मैदान में उतारा है, जो अपने करियर का आगाज कर रहे हैं। इससे पहले इंग्लैंड ने होलिएक भाइयों को एक साथ मैदान में उतारा था।
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