सौ नंबर की जर्सी के साथ पृथ्वी शॉ
नई दिल्ली:
अब यह तो आप जानते ही हैं कि टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटरों का अंधविश्वास से दशकों पुराना नाता रहा है. कोई कुछ करता है, तो कोई कुछ. हालिया सालों में यह बात खिलाड़ियों के 'जर्सी नंबर खास' के प्रति प्रेम में भी झलकी है. इस बात का सबसे अच्छा और लोकप्रिय उदाहरण हैं पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, जिनकी सिर्फ टीम इंडिया की जर्सी ही नहीं बल्कि कारों और मोटरसाइकिल से लेकर न जाने कितनी चीजों पर नंबर सात का कब्जा है. और अब इस कड़ी में अब नया नाम जुड़ गया है अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप खिताब भारत को जिताने वाले मुंबई पृथ्वी शॉ का, जिनका अंक 100 के प्रति विशेष प्रेम उभरकर सामने आया है. लेकिन यह प्रेम किसी अंधविश्वास से जुड़ा नहीं है.
पृथ्वी शॉ अंडर-19 विश्व कप में बहुत ही बड़ी प्रतिष्ठा के साथ न्यूजीलैंड गए थे. इस प्रतिष्ठा के पीछे वजह थी उनका बचपन के दिनों में स्कूली क्रिकेट में प्रदर्शन और हालिया प्रथण श्रेणी क्रिकेट की परफॉरमेंस, जिसने दिग्गजों को हैरान कर दिया था. पृथ्वी भले ही एक बार को अपनी बड़ी प्रतिष्ठा से न्याय न कर सके हों, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को डर-19 विश्व विजेता बनाने का गौरव हासिल कराया. लेकिन बता दें कि सौ नंबर के प्रति प्रेम की कहानी कुछ और ही है.
यह भी पढ़ें : India vs Australia U19 Final :अंडर-19 विश्व कप चैंपियनों को 'इतना पैसा' इनाम में देगा बीसीसीआई
अगर अंडर-19 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पृथ्वी की 94 रन की पारी को छोड़ दें, तो बाकी के मैचों में उनका प्रदर्शन उनके नाम के अनुरूप नहीं रहा. लेकिन पृथ्वी ने आगे रहकर टीम की अगुवाई की और मैदान पर अपने खिलाड़ियों को प्रेरित करने में कामयाब रहे. बहरहाल, जब सौ नंबर जर्सी पहनने पर पृथ्वी से सवाल किया जाता है, तो इसके पीछे कारण अंधविश्वास नहीं, बल्कि कुछ और ही है.
VIDEO : चार साल पहले पृथ्वी शॉ का इंटरव्यू सुनिए.
पृथ्वी कहते हैं कि बात इतनी सी है कि यह नंबर मुझे पसंद है. हिंदी में 'सौ' मुझे मेरे सरनेम शॉ जैसा आभास कराता है. इसीलिए मैं 100 नंबर की जर्सी पहनता हूं.
I would like to take a moment to thank all of you for your continuous support towards team INDIA and the infinite love and blessings that you sent across. I really feel honored to have captained a miraculous team like this which is more of a family to me and without them this-1/2 pic.twitter.com/FAHEaVrA69
— Prithvi Shaw (@Shaw_Prithvi) February 5, 2018
पृथ्वी शॉ अंडर-19 विश्व कप में बहुत ही बड़ी प्रतिष्ठा के साथ न्यूजीलैंड गए थे. इस प्रतिष्ठा के पीछे वजह थी उनका बचपन के दिनों में स्कूली क्रिकेट में प्रदर्शन और हालिया प्रथण श्रेणी क्रिकेट की परफॉरमेंस, जिसने दिग्गजों को हैरान कर दिया था. पृथ्वी भले ही एक बार को अपनी बड़ी प्रतिष्ठा से न्याय न कर सके हों, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को डर-19 विश्व विजेता बनाने का गौरव हासिल कराया. लेकिन बता दें कि सौ नंबर के प्रति प्रेम की कहानी कुछ और ही है.
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अगर अंडर-19 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पृथ्वी की 94 रन की पारी को छोड़ दें, तो बाकी के मैचों में उनका प्रदर्शन उनके नाम के अनुरूप नहीं रहा. लेकिन पृथ्वी ने आगे रहकर टीम की अगुवाई की और मैदान पर अपने खिलाड़ियों को प्रेरित करने में कामयाब रहे. बहरहाल, जब सौ नंबर जर्सी पहनने पर पृथ्वी से सवाल किया जाता है, तो इसके पीछे कारण अंधविश्वास नहीं, बल्कि कुछ और ही है.
VIDEO : चार साल पहले पृथ्वी शॉ का इंटरव्यू सुनिए.
पृथ्वी कहते हैं कि बात इतनी सी है कि यह नंबर मुझे पसंद है. हिंदी में 'सौ' मुझे मेरे सरनेम शॉ जैसा आभास कराता है. इसीलिए मैं 100 नंबर की जर्सी पहनता हूं.
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