Team India Victory Celebration: बुमराह ने पीएम मोदी के साथ बातचीत में कहा कि मैं जब भी भारत के लिए गेंदबाजी करता हूं, तो बहुत ही अहम स्टेज पर बॉलिंग करता हूं. फिर चाहे नया बॉल हो या पुराना. पीएम ने बुमराह को काटते हुए मजाकिया अंदाज में कहा कि क्या खिचड़ी खाकर मैदान पर जाते हो?, इस प्लेयर ऑफ द सीरीज जस्सी ने हंसते हुए कहा कि नहीं ऐसा नहीं है. जब भी मुश्किल हालात होते हैं, तो मुझे बॉलिंग करनी होती है. टीम की मदद करने पर मुझे बहुत ही अच्छा लगता है. मुश्किल हालात से जब भी मैंच निकाल पाता हूं, तो मुझे खासा कॉन्फिडेंस मिलता है. और मैं इसे आगे लेकर भी जाता हूं. खासकर विश्वकप में कई ऐसे मुश्किल पल आए, जो मुझे ओवर करने थे. मैं खुश हूं कि मैं इन पलों में अपना योगदान दे पाया.
मोदी ने बुमराह से सवाल किया कि मुश्किल हालात में आखिरी ओवर फेंकने के दौरान बड़ा तनाव होता है. ठीक वैसे ही जैसा तनाव बल्लेबाज के लिए 90 के निजी स्कोर के बाद होता है. ऐसे में आप खुद को कैसे संभालते हैं? इस पर बुमराह बोले कि अगर मैं सोचूंगा कि हम हार जाएंगे या फिर मैच में एक्स्ट्रा करना है, तो मैं शायद गलती कर दूंगा, या नर्वस हो जाऊंगा. ऐसे में भीड़ को देखूं, या किसी और को देखूं, तो ऐसे में गलती हो सकती है.पेसर ने कहा कि इन पलों में मैं यही सोचता हूं कि मैं इस समय बेहतर क्या कर सकता हूं. और जब मैंने पहले अच्छा किया है, तो मैं क्या कर सकता हूं. कुल मिलाकर मुश्किल पलों में मैं अच्छे पलों को याद करता हूं कि तब मैंने टीम के लिए क्या किया था. उन पलों को याद कर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं.
ऐसे में तो तनाव रहता होगा कि बिना परांठे के दिन कैसे निकलेगा, पर बुमराह ने कहा कि सर विंडीज में इडली, परांठे कुछ भी नहीं मिल रहे थे. हमें जो मिल रहा था, उसी से हम काम चला रहे थे. लेकिन कुल मिलाकर हालात बहुत ही मजेदार रहे. हम लगातार सफर भी कर रहे थे. पेसर ने कहा कि बतौर टीम बहुत ही अच्छा टूर्नामेंट गया. पहली बार विश्व कप जीते. जीवन में मैं कभी इतना भावुक नहीं हुआ. यह एक बहुत ही गौरव करने वाला एहसास है. इससे बेहतर मैंने आज तक कभी महसूस नहीं किया.
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