यह ख़बर 20 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ट्वेंटी-20 विश्व कप : सुपर-8 में पहुंचा दक्षिण अफ्रीका

खास बातें

  • दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम ने महिंदा राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए ट्वेंटी-20 विश्व कप के ग्रुप-'सी' के एक एकतरफा मुकाबले में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हराकर सुपर-8 में जगह पक्की कर ली है।
हम्बनटोटा:

रिचर्ड लेवी (नाबाद 50) और हाशिम अमला (नाबाद 32) की उम्दा बल्लेबाजी तथा जैक्स कैलिस (15/4) की धारदार गेंदबाजी की बदौलत दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम ने महिंदा राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में गुरुवार को खेले गए ट्वेंटी-20 विश्व कप के ग्रुप-'सी' के एक एकतरफा मुकाबले में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हराकर सुपर-8 में जगह पक्की कर ली है। ट्वेंटी-20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की विकेट के अंतर से यह सबसे बड़ी जीत है।

जिम्बाब्वे द्वारा दिया गया 94 रनों का लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका की मजबूत बल्लेबाजी क्रम के लिए मामूली साबित हुआ। यही कारण था कि सलामी बल्लेबाज लेवी और अमला ने इस लक्ष्य को 12.4 ओवरों में हासिल कर लिया।

अमला 33 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 32 रन बनाकर नाबाद लौटे जबकि लेवी ने 43 गेंदों पर छह चौकों की मदद से नाबाद 50 रन बनाए। जिम्बाब्वे के चार बल्लेबाजों को पैवेलियन की राह दिखाने वाले अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी कैलिस को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

दक्षिण अफ्रीका ने ट्वेंटी विश्व कप इतिहास में विकेट के अंतर से अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। इससे पहले उसने 2007 के पहले संस्करण में जोहानिसबर्ग में वेस्टइंडीज को आठ विकेट से हराया था।

ट्वेंटी-20 विश्व कप में इससे पहले सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट के अंतर से जीत हासिल की है। उसने 2007 में केपटाउन में श्रीलंका को इसी अंतर से पराजित किया था।

दक्षिण अफ्रीका ने 44 गेंदें शेष रहते जीत हासिल की है। इस लिहाज से भी यह जीत उसके लिए एक नया कीर्तिमान बनाती है। यह अंतर गेंद शेष रहने के लिहाज से दक्षिण अफ्रीका की ट्वेंटी-20 विश्व कप में अब तक की सबसे बड़ी और कुल तीसरी सबसे बड़ी जीत है।

इस हार ने जिम्बाब्वे को विश्व कप से बाहर कर दिया है। उसे अपने पहले ही मुकाबले में मेजबान श्रीलंका के हाथों 82 रनों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस तरह ग्रुप-सी से दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका का सुपर-8 में पहुंचना तय हो गया है।

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इससे पहले, जिम्बाब्वे ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट पर 93 रन बनाए। इसमें क्रेग इर्विन के सबसे अधिक 37 रन शामिल हैं। इर्विन ने 40 गेंदों पर चार चौके लगाए।