भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2014-15 खिताब ऑस्ट्रेलिया ने अपने नाम कर लिया है। युवा खिलाड़ियों के साथ खेल रहा भारत 0-2 से टेस्ट सीरीज हार गया। भारत की तरफ से जहां युवा बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया की बाउंस पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं गेंदबाजों ने निराश किया।
भारत इस सीरीज में एक भी मैच जीत नहीं पाया। भारत की तरफ से मोहम्मद शमी और आर. अश्विन के अलावा कोई भी बॉलर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को परेशान नहीं कर पाया। सीरीज में भारत की तरफ से सबसे अच्छी गेंदबाजी करते हुए मोहम्मद शमी ने 15 विकेट लिए, वहीं अश्विन ने 12 विकेट हासिल किए।
उमेश यादव, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे मध्यम गति के गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया की इस टर्निंग पिच का फायदा नहीं उठा पाए। भुवनेश्वर कुमार इस सीरीज में सिर्फ आखिरी टेस्ट खेल पाए, लेकिन उनसे जो उम्मीद थी, वह उस पर खरे नहीं उतरे।
भुवनेश्वर ने जहां चौथे टेस्ट में 42 ओवर बॉलिंग करते हुए 148 रन देकर सिर्फ एक ही विकेट हासिल किया। वहीं उमेश यादव ने तीन मैच में 118.3 ओवर बॉलिंग करते हुए 548 रन देकर 11 विकेट लिए। ईशांत शर्मा ने तीन मैच में 434 रन देकर 9 विकेट लिए, जबकि वरुण आरोन दो मैच खेलते हुए 362 रन देकर पांच विकेट लेने में सफल हुए।
भारत के गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया के रन रोकने में भी नाकामयाब रहे। वरुण आरोन की इकॉनमी 5.64 रही, वहीं उमेश यादव का 4.5 से भी ज्यादा और मोहम्मद शमी ने 4.25 की औसत से रन दिए। सिर्फ अश्विन और ईशांत शर्मा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रोकने में थोड़ा कामयाब हुए और इन दोनों की इकॉनमी चार से कम रही।
दूसरी तरह पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। नैथन लीओन, मिशेल जॉनसन, जोश और हैरिस जैसे गेंदबाज शानदार बॉलिंग करते हुए विकेट लेने के साथ-साथ रन रोकने में भी कामयाब हुए। लीओन ने सीरीज में चार मैच खेलते हुए 23 विकेट झटके और उनकी इकॉनमी 3.50 के करीब रही। वहीं जॉनसन को तीन मैच से 13 विकेट मिले और हैलीवुड ने उतने ही मैचों से 12 विकेट लिए। जहां भारत के गेंदबाज को ऑस्ट्रेलिया ने धो डाला, वहीं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भारत के बल्लेबाजों को बांध के रखने में कामयाब रहे और उनकी इकॉनमी चार रन से भी कम रही।
अगर बल्लेबाजी की बात की जाए तो अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद भी भारत बड़ा स्कोर खड़ा करने नाकामयाब रहा। विराट कोहली, मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे जैसे युवा खिलाड़ियों ने शानदार बल्लेबाजी का नमूना देते हुए सचिन, द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाडियों की कमी पूरी की।
कोहली तो कमाल के खेले और चार मैच से करीब 87 की औसत से 692 रन बनाए, जिसमें चार शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं। मुरली विजय से चार मैच से करीब 61 की औसत से 482 रन बनाए और रहाणे के खाते में चार मैच से 399 रन आए, लेकिन इस सीरीज में जो रन मशीन रहा वह है, ऑस्ट्रेलिया का कप्तान स्टीवन स्मिथ। स्मिथ ने पूरी सीरीज में बेहतरीन बैटिंग करते हुए चार मैच से करीब 128 की औसत से 769 रन बनाए और शानदार चार शतक और दो अर्धशतक ठोके। डेविड वार्नर ने चार मैच से करीब 53 की औसत से 427 रन बनाए, जबकि क्रिस रोजर्स से चार मैच से 417 रन।
अभी तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की 12 सीरीज खेली जा चुकी है। 1996 से शुरू हुई इस सीरीज को भारत ने छह बार जीता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया पांच बार जितने में कामयाबी रही और एक बार सीरीज ड्रॉ रही।
अगर अभी तक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड किसी ने कायम किया है तो वह है सचिन तेंदुलकर। 1996-2013 के बीच सचिन ने 34 मैच खेलते हुए करीब 57 के औसत से 3262 रन बनाए, जिसमें नौ शानदार शतक शामिल हैं। सचिन के बाद रिकी पॉन्टिंग और वीवीएस लक्ष्मण दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। पॉन्टिंग ने 29 मैच खेलते हुए करीब 54 की औसत से 2555 रन बनाए हैं, जबकि लक्ष्मण ने 29 मैच से 2434 रन बनाए हैं।
अगर बॉलिंग की बात की जाए तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की दबदबा रहा है। अनिल कुंबले ने 20 मैच खेलते हुए 111 विकेट लिए हैं। दूसरे नंबर रहे हरभजन सिंह को 18 मैच से 95 विकेट मिले हैं और तीसरे नंबर पर ज़हीर खान ने 19 मैच से 61 विकेट लिए हैं
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