सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को एक बेहद जोरदार झटका देते हुए कहा कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा, ताकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान हुई स्पॉट फिक्सिंग की निष्पक्ष जांच की जा सके।
श्रीनिवासन के हटने पर शिवलाल यादव को बीसीसीआई प्रमुख बनाया जाएगा। वह अभी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष हैं।
वकील के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा, "आप क्रिकेट की साफ-सफाई करने की बात करते हैं, लेकिन गंदगी आपके भीतर भरी हुई है... जब तक एन श्रीनिवासन इस्तीफा नहीं देंगे, हम आपकी कोई बात नहीं सुनेंगे... और अगर आप पद नहीं छोड़ते हैं, तो हम अपना फैसला सुना देंगे..." कोर्ट ने इसके साथ ही बीसीसीआई को दो दिन का वक्त देते हुए मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को तय की है।
दरअसल, आज जस्टिस एके पटनायक तथा जस्टिस फक्कीर मोहम्मद इब्राहीम कालीफुला की दो-सदस्यीय पीठ ने आईपीएल फिक्सिंग मामले की जांच करने वाले जस्टिस मुकुल मुद्गल की रिपोर्ट पर सुनवाई की, जिसमें श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को दोषी बताया गया है।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मुकुल मुद्गल ने सुप्रीम कोर्ट को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ी अपनी रिपोर्ट 10 फरवरी को सौंपी थी। इस मामले पर सुनवाई तो कोर्ट में हुई है, लेकिन अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं आया है, क्योंकि बीसीसीआई ने अभी तक इस जांच रिपोर्ट पर अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं रखा था। बोर्ड आज अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में सौंप रहा है।
हाल ही में एक चैनल ने विंदु दारा सिंह का स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसे चैनल सुप्रीम कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश करना चाहते हैं, लेकिन उसकी इजाजत कोर्ट ने नहीं दी।
कोर्ट विंदु और मयप्पन के आवाज की जांच करने वाली उस फोरेंसिक रिपोर्ट में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है, जो क्राइम ब्रांच ने इन दोनों के खिलाफ पेश की है, हालांकि बीसीसीआई की सबसे बड़ी चिंता विंदु और मयप्पन नहीं बल्कि चेन्नई सुपरकिंग्स की फ्रेंचाइजी है, क्योंकि नियमों के मुताबिक, मयप्पन अगर दोषी है तो टीम को रद्द करना चाहिए और कोर्ट इसके आदेश दे सकता है।
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