सौरव गांगुली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली के नाम कई उपलब्धियां हैं, जो उन्हें महान कप्तान बनाती हैं। उनकी एक बात जो उपलब्धि तो नहीं है, लेकिन उन्हें सर डॉन ब्रैडमैन (Sir Don Bradman) की बराबरी पर खड़ा करती है, वह है आखिरी टेस्ट पारी में खाता नहीं खोल पाना। ब्रैडमैन और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली दोनों के साथ यही हुआ था।
ब्रैडमैन आखिरी पारी में नहीं खोल पाए थे खाता
टेस्ट में 99.94 का औसत रखने वाले सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन अपनी आखिरी पारी में शून्य पर आउट हो गए थे। अगस्त, 1948 में इंग्लैंड के विरुद्ध ओवल में खेले गए मैच में ब्रैडमैन महज दो गेंदे ही खेल पाए थे। उन्हें एरिक होलीज ने बोल्ड किया था। उनके रिकॉर्ड पर नजर डालें तो उन्होंने 52 टेस्ट में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाए थे।
कुछ यूं हुआ और गांगुली हो गए शू्न्य पर आउट
भारतीय खिलाड़ियों में गांगुली की विदाई जीत से तो हुई, लेकिन दादा अपनी आखिरी पारी में खाता भी नहीं खोल सके। हालांकि सौरव ने नवंबर, 2008 में खेले गए नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतक जमाया था। उन्होंने पहली पारी में 85 रन जबकि दूसरी पारी में शून्य का स्कोर बनाया था। उन्हें जैसन क्रेजा ने अपनी ही गेंद पर लपका था। इस मैच में टीम इंडिया ने 172 रन से विशाल जीत दर्ज की थी।
द्रविड़ के साथ 318 रन के साझेदारी का रिकॉर्ड
कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने जून, 1996 को मशहूर मैदान लार्ड्स पर अपने पहले टेस्ट में 131 रन बनाकर टीम में अपनी जगह बनाई थी। लगातार श्रीलंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई 'मैन ऑफ द मैच' का ख़िताब जीतने के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गई थी। 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ 318 रन की साझेदारी की थी, जो आज भी वर्ल्ड कप इतिहास में सर्वाधिक है।
ब्रैडमैन आखिरी पारी में नहीं खोल पाए थे खाता
टेस्ट में 99.94 का औसत रखने वाले सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन अपनी आखिरी पारी में शून्य पर आउट हो गए थे। अगस्त, 1948 में इंग्लैंड के विरुद्ध ओवल में खेले गए मैच में ब्रैडमैन महज दो गेंदे ही खेल पाए थे। उन्हें एरिक होलीज ने बोल्ड किया था। उनके रिकॉर्ड पर नजर डालें तो उन्होंने 52 टेस्ट में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाए थे।
सर डॉन ब्रैडमैन, मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ...(फाइल फोटो)
कुछ यूं हुआ और गांगुली हो गए शू्न्य पर आउट
भारतीय खिलाड़ियों में गांगुली की विदाई जीत से तो हुई, लेकिन दादा अपनी आखिरी पारी में खाता भी नहीं खोल सके। हालांकि सौरव ने नवंबर, 2008 में खेले गए नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतक जमाया था। उन्होंने पहली पारी में 85 रन जबकि दूसरी पारी में शून्य का स्कोर बनाया था। उन्हें जैसन क्रेजा ने अपनी ही गेंद पर लपका था। इस मैच में टीम इंडिया ने 172 रन से विशाल जीत दर्ज की थी।
द्रविड़ के साथ 318 रन के साझेदारी का रिकॉर्ड
कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने जून, 1996 को मशहूर मैदान लार्ड्स पर अपने पहले टेस्ट में 131 रन बनाकर टीम में अपनी जगह बनाई थी। लगातार श्रीलंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई 'मैन ऑफ द मैच' का ख़िताब जीतने के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गई थी। 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ 318 रन की साझेदारी की थी, जो आज भी वर्ल्ड कप इतिहास में सर्वाधिक है।
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