वॉर्न की कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स की टीम IPL के पहले सत्र की विजेता रही थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न (Shane Warne) ने अपनी आत्मकथा ‘नो स्पिन'(Autobiography No Spin) में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)के पहले सत्र के दौरान राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals)टीम से जुड़ी अपनी यादों को साझा करते हुए एक स्टार भारतीय खिलाड़ी के अहंकार, एक युवा को भविष्य का खिलाड़ी बनाने में योगदान और खिलाड़ियों के साथ बिताए अपने हल्के-फुल्के पलों का जिक्र किया है. वॉर्न की कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स की टीम IPL के पहले सत्र की विजेता रही थी. उन्होंने मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया जिससे पता चलता है कि भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खेल सभ्यता में क्या अंतर है. वॉर्न ने अपनी किताब में क्रिकेटर मुनाफ पटेल (Munaf Patel) और रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) से जुड़ी खास बातों के बारे में भी बताया है.
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अपनी आत्मकथा में वॉर्न ने लिखा है, 'मोहम्मद कैफ ने कुछ ऐसा किया जिसका हल तुरंत करना जरूरी था. जब हम राजस्थान रॉयल्स टीम के तौर पर होटल पहुंचे तो सभी खिलाड़ी अपने-अपने रूम की चाबी लेकर चले गए.' उन्होंने बताया, ‘कुछ मिनट बाद जब मैं टीम के मालिकों के साथ रिसेप्शन पर बातचीत कर रहा था तभी कैफ वहां पहुंचे और उन्होंने रिसेप्शनिस्ट से कहा ‘मैं कैफ हूं.'रिसेप्शनिस्ट ने कहा,‘ हां, मैं किस तरह आपकी मदद कर सकता हूं.'कैफ ने फिर से जवाब दिया, ‘ मैं कैफ हूं.'वॉर्न इसके बाद कैफ के पास पहुंचे और उन्होंने कहा,‘मुझे लगता है उन्हें पता है, आप कौन है, आप क्या चाहते है? कैफ ने जवाब दिया, ‘हर खिलाड़ी की तरह मुझे भी छोटा कमरा मिला है.' वॉर्न ने लिखा, इस पर मैंने कहा, ‘आप बड़ा कमरा चाहते है या कुछ और.' उन्होंने फिर से वही जवाब दिया मैं कैफ हूं. मैं सीनियर खिलाड़ी हूं, एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हूं, इस लिए मुझे बड़ा कमरा चाहिए.'
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शेन वॉर्न ने आगे लिखा, ‘मैंने उन्हें (कैफ को) कहा कि हर किसी को एक तरह का ही कमरा मिला है. सिर्फ मुझे बड़ा कमरा मिला है क्योंकि मुझे कई लोगों से मुलाकात करनी होती है. इसके बाद कैफ वहां से चले गए.'उन्होंने कहा, ‘मुझे यह समझने में देर नहीं लगा कि सीनियर भारतीय खिलाड़ी खुद को ज्यादा तरजीह मिलने की उम्मीद करते हैं. इसलिए सबका सम्मान पाने के लिए मुझे सब के लिए एक समान नियम बनाना होगा.'उन्होंने मुनाफ की उम्र पर भी मजाक किया. वॉर्न ने जब मुनाफ से उनकी उम्र के बारे में पूछा तो मुनाफ ने उन्हें कहा, ‘कप्तान, आप मेरी असली उम्र जानना चाहते है या आईपीएल की उम्र.'वार्न ने कहा, ‘मैं सिर्फ जानना चाहता हूं कि आपकी उम्र क्या हैं?' मुनाफ के जवाब ने वॉर्न को प्रभावित किया. मुनाफ ने कहा, ‘मैं 24 का हूं लेकिन मेरी असली उम्र 34 साल है. मैं आपको अपनी आईपीएल उम्र बताऊंगा जो 24 हैं क्योंकि मै यहां ज्यादा समय के लिए खेलना चाहता हूं. अगर मै 34 का रहूंगा तो कोई मेरा चयन नहीं करेगा. जितना अधिक संभव हो मैं 30 साल से कम उम्र का रहना चाहता हूं.' वॉर्न ने इस किताब में रवींद्र जडेजा की अनुशासनहीनता का भी जिक्र किया है. वार्न के मुताबिक, ‘जब से हमने खेल को लेकर उसके रवैये और जोश को देखा तब से उसे पसंद करने लगे. उसमे कुछ ‘करिश्मे' वाली बात थी इसलिए हमने उसे थोड़ी रियायत दे दी लेकिन उसके साथ अनुशासन की समस्या थी जो युवा खिलाड़ियों को गलत मार्ग की ओर ले जाता.'
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वॉर्न ने लिखा, ‘हम कुछ चीजों को नजरअंदाज कर सकते हैं लेकिन कोई बार-बार देर से आए ये मंजूर नहीं और जडेजा लेटलतीफ थे. स्टेडियम में अभ्यास के लिए होटल से बस सुबह 9 बजे निकल गयी लेकिन जडेजा बस में नहीं पहुंचे. वह मैदान भी लेट पहुंचे. वापसी में मैंने बीच रास्ते में बस रुकवाई और और लेट आने वाले खिलाड़ी को वहां से पैदल होटल आने को कहा, इस पर एक खिलाड़ी ने चुटकी ली तो मैंने उसे भी यही सजा दी. इसके बाद कोई खिलाड़ी लेट नहीं करता था.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अपनी आत्मकथा में वॉर्न ने लिखा है, 'मोहम्मद कैफ ने कुछ ऐसा किया जिसका हल तुरंत करना जरूरी था. जब हम राजस्थान रॉयल्स टीम के तौर पर होटल पहुंचे तो सभी खिलाड़ी अपने-अपने रूम की चाबी लेकर चले गए.' उन्होंने बताया, ‘कुछ मिनट बाद जब मैं टीम के मालिकों के साथ रिसेप्शन पर बातचीत कर रहा था तभी कैफ वहां पहुंचे और उन्होंने रिसेप्शनिस्ट से कहा ‘मैं कैफ हूं.'रिसेप्शनिस्ट ने कहा,‘ हां, मैं किस तरह आपकी मदद कर सकता हूं.'कैफ ने फिर से जवाब दिया, ‘ मैं कैफ हूं.'वॉर्न इसके बाद कैफ के पास पहुंचे और उन्होंने कहा,‘मुझे लगता है उन्हें पता है, आप कौन है, आप क्या चाहते है? कैफ ने जवाब दिया, ‘हर खिलाड़ी की तरह मुझे भी छोटा कमरा मिला है.' वॉर्न ने लिखा, इस पर मैंने कहा, ‘आप बड़ा कमरा चाहते है या कुछ और.' उन्होंने फिर से वही जवाब दिया मैं कैफ हूं. मैं सीनियर खिलाड़ी हूं, एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हूं, इस लिए मुझे बड़ा कमरा चाहिए.'
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शेन वॉर्न ने आगे लिखा, ‘मैंने उन्हें (कैफ को) कहा कि हर किसी को एक तरह का ही कमरा मिला है. सिर्फ मुझे बड़ा कमरा मिला है क्योंकि मुझे कई लोगों से मुलाकात करनी होती है. इसके बाद कैफ वहां से चले गए.'उन्होंने कहा, ‘मुझे यह समझने में देर नहीं लगा कि सीनियर भारतीय खिलाड़ी खुद को ज्यादा तरजीह मिलने की उम्मीद करते हैं. इसलिए सबका सम्मान पाने के लिए मुझे सब के लिए एक समान नियम बनाना होगा.'उन्होंने मुनाफ की उम्र पर भी मजाक किया. वॉर्न ने जब मुनाफ से उनकी उम्र के बारे में पूछा तो मुनाफ ने उन्हें कहा, ‘कप्तान, आप मेरी असली उम्र जानना चाहते है या आईपीएल की उम्र.'वार्न ने कहा, ‘मैं सिर्फ जानना चाहता हूं कि आपकी उम्र क्या हैं?' मुनाफ के जवाब ने वॉर्न को प्रभावित किया. मुनाफ ने कहा, ‘मैं 24 का हूं लेकिन मेरी असली उम्र 34 साल है. मैं आपको अपनी आईपीएल उम्र बताऊंगा जो 24 हैं क्योंकि मै यहां ज्यादा समय के लिए खेलना चाहता हूं. अगर मै 34 का रहूंगा तो कोई मेरा चयन नहीं करेगा. जितना अधिक संभव हो मैं 30 साल से कम उम्र का रहना चाहता हूं.' वॉर्न ने इस किताब में रवींद्र जडेजा की अनुशासनहीनता का भी जिक्र किया है. वार्न के मुताबिक, ‘जब से हमने खेल को लेकर उसके रवैये और जोश को देखा तब से उसे पसंद करने लगे. उसमे कुछ ‘करिश्मे' वाली बात थी इसलिए हमने उसे थोड़ी रियायत दे दी लेकिन उसके साथ अनुशासन की समस्या थी जो युवा खिलाड़ियों को गलत मार्ग की ओर ले जाता.'
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वॉर्न ने लिखा, ‘हम कुछ चीजों को नजरअंदाज कर सकते हैं लेकिन कोई बार-बार देर से आए ये मंजूर नहीं और जडेजा लेटलतीफ थे. स्टेडियम में अभ्यास के लिए होटल से बस सुबह 9 बजे निकल गयी लेकिन जडेजा बस में नहीं पहुंचे. वह मैदान भी लेट पहुंचे. वापसी में मैंने बीच रास्ते में बस रुकवाई और और लेट आने वाले खिलाड़ी को वहां से पैदल होटल आने को कहा, इस पर एक खिलाड़ी ने चुटकी ली तो मैंने उसे भी यही सजा दी. इसके बाद कोई खिलाड़ी लेट नहीं करता था.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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