मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा और उमेश यादव इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की ओर से सुपरस्टार बनकर उभरे हैं। किसी का योगदान किसी से कम नहीं। वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया ने अब तक 60 विकेट चटकाए हैं, इनमें से 35 विकेट इन तीनों ने लिए हैं।
इन तीनों ने ऑकलैंड में जिम्बाब्वे के खिलाफ वह मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना भारतीय क्रिकेट में शायद ही किसी को हो। जिम्बाब्वे के खिलाफ मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा और उमेश यादव ने आपस में तीन-तीन विकेट बांट लिए। ये वर्ल्ड कप इतिहास में भारत के लिए पहला मौका है जब उसके तीन गेंदबाज़ों को तीन-तीन विकेट हासिल हुए हैं। ये इतना मुश्किल है कि भारत की ओर से वनडे इतिहास में महज तीसरी बार ऐसा हुआ है।
जाहिर है कि इस वर्ल्ड कप में शमी-उमेश और मोहित की तिकड़ी अब तक अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण रखने में कामयाब हुए हैं। इसका फायदा इन तीनों को भी खूब हुआ है। वर्ल्ड कप से ठीक पहले खेली गई ट्राई सीरीज़ में इन तीनों को महज 6 विकेट हासिल हुए थे, लेकिन अब तक वर्ल्ड कप के 6 मैचों में तीनों मिलकर 35 विकेट झटक चुके हैं।
तेज गेंदबाज़ों की तिकड़ी ने जो 35 विकेट हासिल किए हैं, उनमें करीब आधे शॉर्ट पिच गेंदों के जरिये चटकाए गए हैं।
शॉर्ट पिच गेंदों का इतना बेहतरीन इस्तेमाल इस वर्ल्ड कप में ना तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज कर पाए हैं और न ही दक्षिण अफ्रीका। ये चौंकाने वाला प्रदर्शन इसलिए है क्योंकि भारत के तेज गेंदबाज़ कभी ऐसी गेंदबाजी के लिए नहीं पहचाने गए।
इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में खेले जा रहे वर्ल्ड कप के मुक़ाबलों के दौरान शमी-उमेश और मोहित की तिकड़ी लगातार 145 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाज़ी कर रही है यानी साफ है कि तेजी के साथ साथ लाइन-लेंथ पर मैच दर मैच भारतीय तिकड़ी नियंत्रण रखने में कामयाब हुई है और इसका फायदा टीम इंडिया को मिल रहा है।
अब जब नॉकआउट राउंड शुरू होने वाला है और वर्ल्ड कप का खिताब टीम इंडिया से महज तीन कदम दूर है, तब टीम इंडिया के तीनों तेज गेंदबाज़ की भूमिका बेहद अहम साबित होने वाली है
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