राजीव शुक्ला (फाइल फोटो)।
मुंबई:
पारदर्शिता और नीतियों के मुद्दे पर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन लोढा कमेटी की सिफारिशों को मानने को तैयार है, लेकिन बाकी कई सिफारिशों पर एमसीए सहज नहीं है।
...तो शरद पवार को छोड़नी पड़ेगी कुर्सी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में एमसीए की राय इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि इसके अध्यक्ष हैं कद्दावर नेता शरद पवार। बुधवार को एमसीए मैनेजिंग कमेटी की बैठक में 159 पन्नों की लोढा कमेटी की रिपोर्ट के बारे में चर्चा हुई। दरअसल शरद पवार 75 साल के हैं और अगर लोढा कमेटी की सिफारिशें लागू होती हैं, तो उन्हें भी अपनी कुर्सी छोड़नी होगी। कमेटी ने सुझाव दिया है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के शख्स को बीसीसीआई या उससे संबंधित इकाइयों में प्रशासनिक पद पर नहीं बैठना चाहिए।
बोर्ड को भेजेंगे राय
एमसीए के संयुक्त सचिव पीवी शेट्टी ने कहा " कुछ प्रशासनिक और क्रिकेट ऑपरेशन से जुड़े नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर हम अपनी राय बोर्ड के सुझावों के अनुरूप उनको भेजेंगे।"
हालात के लिए प्रशासक जिम्मेदार नहीं
जब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष से उन हालात के बारे में पूछा गया जिसकी वजह से कोर्ट को बोर्ड में हस्तक्षेप करना पड़ा, तो शरद पवार ने कहा "एक बात साफ है, प्रशासक इस हालात के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।" पवार ने उस सुझाव को भी सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि जो एसोसिएशन वोट का अधिकार खो देते हैं उन्हें अपने स्टेडियम में टेनिस, हॉकी या दूसरे खेलों का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा " यह व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि टेनिस या दूसरे खेलों के मैदान की लंबाई चौड़ाई अलग होती है।''
...तो शरद पवार को छोड़नी पड़ेगी कुर्सी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में एमसीए की राय इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि इसके अध्यक्ष हैं कद्दावर नेता शरद पवार। बुधवार को एमसीए मैनेजिंग कमेटी की बैठक में 159 पन्नों की लोढा कमेटी की रिपोर्ट के बारे में चर्चा हुई। दरअसल शरद पवार 75 साल के हैं और अगर लोढा कमेटी की सिफारिशें लागू होती हैं, तो उन्हें भी अपनी कुर्सी छोड़नी होगी। कमेटी ने सुझाव दिया है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के शख्स को बीसीसीआई या उससे संबंधित इकाइयों में प्रशासनिक पद पर नहीं बैठना चाहिए।
बोर्ड को भेजेंगे राय
एमसीए के संयुक्त सचिव पीवी शेट्टी ने कहा " कुछ प्रशासनिक और क्रिकेट ऑपरेशन से जुड़े नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर हम अपनी राय बोर्ड के सुझावों के अनुरूप उनको भेजेंगे।"
हालात के लिए प्रशासक जिम्मेदार नहीं
जब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष से उन हालात के बारे में पूछा गया जिसकी वजह से कोर्ट को बोर्ड में हस्तक्षेप करना पड़ा, तो शरद पवार ने कहा "एक बात साफ है, प्रशासक इस हालात के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।" पवार ने उस सुझाव को भी सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि जो एसोसिएशन वोट का अधिकार खो देते हैं उन्हें अपने स्टेडियम में टेनिस, हॉकी या दूसरे खेलों का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा " यह व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि टेनिस या दूसरे खेलों के मैदान की लंबाई चौड़ाई अलग होती है।''
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