श्रीलंकाई चयनसमिति सनथ जयसूर्या की अगुवाई में काम कर रही थी (फाइल फोटो)
कोलंबो:
श्रीलंकाई क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर जारी है. जिम्बाब्वे से वनडे सीरीज में मिली हार और फिर भारत के खिलाफ तीनों टेस्ट मैच गंवाने के बाद वनडे सीरीज के भी पहले तीन मैच हारने के बाद सनथ जयसूर्या की अगुवाई वाली श्रीलंकाई चयनसमिति ने इस्तीफा दे दिया है. श्रीलंका के खेल मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार इस पूर्व कप्तान के अलावा रंजीत मदुरासिंघे, रोमेश कालूवितर्णा, असंका गुरुसिंघा और एरिक उपाशांता ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है.
श्रीलंका के एक क्रिकेट अधिकारी के अनुसार बोर्ड ने आज शाम तक इन त्यागपत्र को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है. जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती तब तक वे अपने पद पर बने रहेंगे. यहां तक माना जा रहा है कि त्यागपत्र स्वीकार किये जाने के बाद भी वे छह सितंबर को समाप्त होने वाले भारतीय दौरे तक अपने पद पर बने रहेंगे. भारत उस दिन दौरे का एकमात्र टी20 मैच कोलंबो में खेलेगा.
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इस चयनसमिति का मई में छह महीने का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. अभी यह तय नहीं है कि इससे गुरुसिंघा की स्थिति कहां तक प्रभावित होगी क्योंकि वह श्रीलंका टीम के मैनेजर भी है और उन्हें इस साल अप्रैल में चयन समिति में शामिल किया गया था.
वीडियो : टीम इंडिया ने सीरीज में बनाई अजेय बढ़त
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. इस साल के शुरू में वह बांग्लादेश को घरेलू श्रृंखला में किसी भी प्रारूप में नहीं हरा पायी थी. इसके बाद वह चैंपियन्स ट्राफी के सेमीफाइनल के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाई थी. लेकिन इसके बाद जिम्बाब्वे ने उसे उसकी सरजमीं पर वनडे सीरीज में 3-2 से हराया जबकि भारत ने उसके खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया. अब पांच मैचों की वनडे सीरीज में भी भारत ने 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है. श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला के भी इस्तीफे की मांग की है. रणतुंगा ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पत्र लिखकर कहा है कि श्रीलंका क्रिकेट को ढर्रे पर लाने के लिये वे इस मामले में दखल दें.
श्रीलंका के एक क्रिकेट अधिकारी के अनुसार बोर्ड ने आज शाम तक इन त्यागपत्र को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है. जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती तब तक वे अपने पद पर बने रहेंगे. यहां तक माना जा रहा है कि त्यागपत्र स्वीकार किये जाने के बाद भी वे छह सितंबर को समाप्त होने वाले भारतीय दौरे तक अपने पद पर बने रहेंगे. भारत उस दिन दौरे का एकमात्र टी20 मैच कोलंबो में खेलेगा.
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इस चयनसमिति का मई में छह महीने का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. अभी यह तय नहीं है कि इससे गुरुसिंघा की स्थिति कहां तक प्रभावित होगी क्योंकि वह श्रीलंका टीम के मैनेजर भी है और उन्हें इस साल अप्रैल में चयन समिति में शामिल किया गया था.
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श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. इस साल के शुरू में वह बांग्लादेश को घरेलू श्रृंखला में किसी भी प्रारूप में नहीं हरा पायी थी. इसके बाद वह चैंपियन्स ट्राफी के सेमीफाइनल के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाई थी. लेकिन इसके बाद जिम्बाब्वे ने उसे उसकी सरजमीं पर वनडे सीरीज में 3-2 से हराया जबकि भारत ने उसके खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया. अब पांच मैचों की वनडे सीरीज में भी भारत ने 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है. श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला के भी इस्तीफे की मांग की है. रणतुंगा ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पत्र लिखकर कहा है कि श्रीलंका क्रिकेट को ढर्रे पर लाने के लिये वे इस मामले में दखल दें.
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