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सौंवा अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद तेंदुलकर ने कहा कि इस उपलब्धि के चारों ओर जो हाइप बनी हुई थी, उससे निपटना मानसिक रूप से काफी कठिन था।
उनसे जब पूछा गया कि यह उपलब्धि हासिल करने के बाद कैसा महसूस हो रहा है, क्योंकि इसे शायद कभी हासिल ही नहीं किया जा सकेगा, तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है, लेकिन निश्चित रूप से मेरा 50 किग्रा भार कम हो गया है।’’ तेंदुलकर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मैं इस समय कुछ नहीं सोच सकता। यह मेरे लिए कठिन दौर रहा है। विशेष रूप से कठिन रहा है, क्योंकि मैं ऑस्ट्रेलिया में ठीक-ठाक प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन कभी-कभार लगा कि भाग्य मेरे साथ नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप कितने सैकड़े जड़ते हो, यह मायने नहीं रखता क्योंकि आप हमेशा अपनी टीम के लिए खेलते हो।’’
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं इस उपलब्धि के बारे में नहीं सोच रहा था, मीडिया ने यह शुरू किया था, मैं जहां भी जाता, रेस्तरां, रूम सर्विस, हर कोई 100वें शतक के बारे में बात कर रहा था। यह मानसिक रूप से मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था, क्योंकि कोई भी मेरे 99वें शतक के बारे में नहीं बात कर रहा था।’’
शुक्रवार की पारी, शायद उनकी सबसे धीमी एकदिवसीय पारी, के बारे में बात करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि रन बनाना कठिन था। उन्होंने कहा, ‘‘रन बनाना मुश्किल था, क्योंकि गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी।’’ यह पूछने पर कि वह इस समय अपने युवा प्रशंसकों को क्या कहना चाहेंगे, तो तेंदुलकर ने कहा, ‘‘खेल का लुत्फ उठाओ और अपने सपने को साकार करो। मैंने विश्व कप के लिए 22 साल इंतजार किया है। इसलिए अपने सपने को सच करो।’’
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