चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर की स्ट्रोक्स से भरी 74 रन की विदाई पारी उनके और रोहित शर्मा के शतक से कहीं ज्यादा बेहतर थी, क्योंकि उन्होंने ये रन इतने दबाव में बनाए थे।
पुजारा (113) ने तेंदुलकर के साथ 148 रन की भागीदारी निभाई। उन्होंने कहा, मैं कहूंगा कि सचिन की पारी तीनों की पारियों में सर्वश्रेष्ठ थी। आपको हालात समझने होंगे, जिनमें वह मुंबई में अपना अंतिम मैच खेल रहे थे। उन पर उम्मीदों का काफी दबाव था और दर्शकों के इतने शोर में क्रीज पर ध्यान लगाने में मुश्किल हो रही थी। इस तरह के हालात में संयमित रहना आसान नहीं था।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर के साथ बल्लेबाजी करना 'बेहतरीन अहसास' था, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंतिम पारी हो सकती है। पुजारा ने कहा, ऐसे हालात में ये रन बनाना शानदार था। जब मैंने पदार्पण टेस्ट में अर्धशतक बनाया था, तो वह (तेंदुलकर) दूसरे छोर पर थे, इसलिए आज (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका अंतिम जोड़ीदार बनना) शानदार अहसास था।
तेंदुलकर के तकनीकी गुर के बारे में पूछने पर पुजारा ने कहा, मैं नेट पर अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर रहा था और आउटस्विंगर खेलने में मुझे परेशानी हो रही थी। तेंदुलकर ने मेरी बल्लेबाजी देखी और कहा कि मेरा दायां कंधा थोड़ा ज्यादा खुल रहा है। उन्होंने मुझे थोड़े 'साइड ऑन' की और स्विंग के लिए थोड़े बड़े स्ट्राइड की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैंने अपने नियमित नेट सत्र के बाद उनके गुर पर काम करने की कोशिश की और इससे मदद मिली। भारत के लिए अपने 15 टेस्ट में केवल मुझे ही नहीं, बल्कि मैंने सचिन पाजी की सलाह से कई युवाओं को फायदा मिलते देखा है।
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