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This Article is From Nov 07, 2013

सचिन तेंदुलकर 10 रन बनाकर विवादास्पद फैसले का हुए शिकार

सचिन तेंदुलकर 10 रन बनाकर विवादास्पद फैसले का हुए शिकार
कोलकाता:

ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, जब गुरुवार को वेस्ट इंडीज के खिलाफ 10 के निजी योग पर शेन शिलिंगफोर्ड द्वारा पगबाधा आउट किए तो चारों ओर सन्नाटा छा गया।

दरअसल, सचिन तेंदुलकर खराब अंपायरिंग के शिकार बने। वेस्ट इंडीज के गेंदबाज शिलिंगफोर्ड का प्रदर्शन प्रभावशाली था और उन्होंने भारत की मशहूर बल्लेबाजी लाइनअप को झकझोरने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन तेंदुलकर का भाग्य ने साथ नहीं दिया और अंपायर निजेल लोंग ने उन्हें गलत पगबाधा आउट दिया।

इसमें कोई संदेह नहीं कि शिलिंगफोर्ड ने संन्यास की घोषणा कर चुके तेंदुलकर को अपने 'दूसरा' से चकमा दिया, लेकिन गेंद उनकी जांघ के ऊपरी हिस्से में लगी थी। टीवी रीप्ले से लग रहा था कि गेंद उनके स्टंप के ऊपर से निकल सकती थी। तेंदुलकर ने 10 रन बनाए और वह अच्छी टच में दिख रहे थे। उन्होंने अंपायर की अंगुली उठने से पहले दो चौके लगाए थे।

दर्शकों को एक पल यकीन नहीं हुआ कि सचिन आउट हो गए, लेकिन जब सच का सामना हुआ, तो निराशा के भाव उनके चेहरों पर देखा जा सकते थे। दर्शक सचिन से बड़ी पारी की उम्मीद कर रहे थे। इसके बाद दर्शक पैवेलियन लौट रहे सचिन के सम्मान में खड़े हो गए। सचिन सिर झुकाए अपने स्ट्रोक चयन पर अफसोस करते पैवेलियन लौटे। हर नजर पैवेलियन छोर की ओर थी और हर नजर में सचिन की बल्लेबाजी लम्बे समय तक नहीं देख पाने का अफसोस दिख रहा था। इसके बावजूद दर्शकों ने इस महान खिलाड़ी का तालियों के साथ अभिनंदन दिया।

सचिन जब विकेट पर आए थ, तब का नजारा इससे बिल्कुल उलट था। मुरली विजय का विकेट गिरने के बाद जैसे ही सचिन बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए तो पूरा ईडन गार्डन्स स्टेडियम मानो जी उठा। सुबह के सत्र के शुरुआती 45 मिनट भारत के लिए ठीक नहीं रहे। शिखर धवन और मुरली के सस्ते में आउट होने के बाद चेतेश्वर पुजारा का साथ देने सचिन विकेट पर आए। उस समय ईडन में मौजूद लगभग 40 हजार दर्शकों को मानो इसी पल का इंतजार था। दर्शकों ने सचिन के विकेट पर आते ही जोरदार गर्जना की। यह गर्जना स्टेडियम से एक किलोमीटर दूर एस्पलानेड मेट्रो स्टेशन तक सुनाई दी। मेट्रो और बसों से स्टेडियम तक पहुंच रहे दर्शक इससे उत्साहित हो गए।

जो दर्शक स्टेडियम के बाहर थे, वे समझ गए कि सचिन का आगमन हो चुका है। किसी को भारत के दो विकेट गंवाने का गम नहीं था। स्टेडियम के प्रवेश द्वारों पर तैनात सुरक्षाकर्मी लोगों को जल्दी-जल्दी प्रवेश करने के लिए उत्साहित कर रहे थे। किसी ने मराठी में कहा-सचिन आला रे, तो दर्शकों का एक समूह जोरों से हंस पड़ा। शुरुआती छह गेंदों पर सचिन ने एक रन बनाया। इसके बाद ड्रिंक्स तक उन्होंने दो चौके लगाए। उनके हर रन पर दर्शकों का उत्साह देखने लायक था। चौकों पर तो मानों पूरा स्टेडियम जी उठता था। सचिन अगर भोजनकाल तक विकेट पर रहे होते तो फिर ईडन के खचाखच होने की उम्मीद थी।

बंगाल क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने भी बुधवार को कहा था कि वे गुरुवार को ईडन के लिए सबसे बड़े दिन की उम्मीद कर रहे थे। पहली पारी में भारत की खराब स्थिति को देखते हुए सचिन को दूसरी पारी में भी बल्लेबाजी के लिए आने के आसार हैं और यही उम्मीद दर्शकों को तीसरे या फिर चौथे दिन ईडन तक आने को मजबूर करेगी। सचिन अपने अंतिम रणजी मैच में भी सात रनों पर आउट हो गए थे, लेकिन फिर उन्होंने हरियाणा के रोहतक में हरियाणा के खिलाफ 79 रनों की नाबाद पारी खेलकर मुम्बई को जीत दिलाई थी। ईडन में भी दर्शकों को सचिन से कुछ ऐसी ही पारी की उम्मीद होगी।

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