सचिन तेंदुलकर अपने करियर के अंतिम टेस्ट मैच की पहली पारी में शतक नहीं लगा सके। सचिन ने हालांकि वानखेड़े स्टेडियम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को आउट होने से पहले 74 रनों की शानदार पारी खेली।
यह उनके करियर का 68वां और वानखेड़े में नौवां अर्धशतक है। सचिन बीते 15 साल से वानखेड़े में शतक नहीं लगा सके हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका अंतिम शतक 2 जनवरी, 2011 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दर्ज है।
सचिन ने वानखेड़े स्टेडियम में सबसे अधिक नौ अर्धशतक लगाए हैं। वह हालांकि शतकों के मामले में अपने घरेलू मैदान पर पीछे रह गए हैं। यहां सुनील गावस्कर ने सबसे अधिक पांच शतक लगाए हैं, लेकिन सचिन के नाम यहां सिर्फ एक शतक दर्ज है। गावस्कर के नाम वानखेड़े में आठ अर्धशतक दर्ज हैं। वानखेड़े में सर्वाधिक रनों के मामले में गावस्कर, सचिन से आगे हैं।
गावस्कर ने इस मैदान पर 11 मैचों की 20 पारियों में 56.10 के औसत से कुल 1122 रन बनाए हैं, जबकि सचिन यहां 11 मैचों की 19 पारियों में 921 बनाए हैं। उनका औसत यहां 50.77 का रहा है, जो उनके करियर औसत 53.95 से कम है।
सचिन 38 रनों पर नाबाद रहते हुए विकेट पर आए थे। उन्होंने करोड़ों प्रशंसकों की उम्मीदों को सही साबित करते हुए टीनो बेस्ट की गेंद पर चौके के साथ 50 रन पूरे किए। अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे सचिन के अर्धशतक पूरा करते ही दर्शकों का उत्साह दोगुना हो गया। इसके बाद दर्शकों ने सचिन के हर शॉट का लुत्फ लिया और जब वह आउट हुए तो स्टेडियम में मौजूद हर शख्स ने खड़े होकर इस महान खिलाड़ी को विदाई दी।
सचिन दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है, लेकिन किंवदंती बन चुके इस खिलाड़ी ने अपनी 118 गेंदों की पारी के दौरान 12 आकर्षक चौके लगाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
सचिन के शतक की उम्मीद में सुबह से वानखेड़े के बाहर लम्बी कतारें लगी थीं। हर कोई सचिन से बड़ी पारी की उम्मीद लगाए था। पहले दिन की तुलना में दर्शकों में जबरदस्त उत्साह था। इसका कारण सचिन ही थे, जो दिन की शुरुआत से ही बल्लेबाजी के लिए आने वाले थे। सचिन तेंदुलकर स्टैंड पर पहले दिन से ज्यादा चहल-पहल दिखी। चूंकि कैमरे उधर की तरफ ज्यादा रुख कर रहे थे, लिहाजा आज के दिन दर्शक अधिक तैयारी के साथ पहुंचे थे।
आंकड़ों में सचिन तेंदुलकर
मास्टर ब्लास्टर ने अब तक अपने करियर में 200 टेस्ट मैचों की 329 पारियों में 33 बार नॉटआउट रहते हुए 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए हैं, जिनमें 51 शतक और 68 अर्द्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नॉटआउट 248 रन रहा है, और उन्होंने अपने पूरे टेस्ट करियर में 69 छक्के लगाए हैं। एक फील्डर के रूप में उन्होंने कुल 115 कैच लपके हैं, तथा गेंदबाज के तौर पर 54.00 की औसत से 46 विकेट भी चटकाए हैं।
वैसे, इसके अलावा उन्होंने 463 एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले, जिनकी 452 पारियों में 41 बार नॉटआउट रहते हुए सचिन तेंदुलकर ने 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाए। वन-डे इंटरनेशनल मैचों में उन्होंने कुल 49 शतक और 96 अर्द्धशतक ठोके हैं, और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नॉटआउट 200 रन रहा है। वन-डे मैचों में सचिन तेंदुलकर ने 2,016 चौके और 195 छक्के लगाए हैं। इस फॉरमैट में उन्होंने 140 कैच लपके, तथा गेंदबाज के रूप में 44.48 की औसत से 154 विपक्षी खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटाया।
इनके अलावा मास्टर ब्लास्टर ने अपने करियर में सिर्फ ट्वेन्टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है, जिसमें उन्होंने दो चौकों की मदद से कुल 10 रन बनाए हैं, और एक विकेट लिया है। इस तरह, अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में सचिन तेंदुलकर ने कुल 664 मैचों की 782 पारियों में 74 बार नॉटआउट रहकर 48.53 की औसत से कुल 34,357 रन बनाए हैं, जिनमें 100 शतक तथा 164 अर्द्धशतक शामिल हैं।
चौकों के लिहाज़ से टेस्ट मैचों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन एक-दिवसीय तथा टी-20 मैचों में उन्होंने कुल 2,018 चौके ठोके हैं, जबकि टेस्ट सहित पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में उनके द्वारा लगाए गए छक्कों की संख्या 264 हैं। इसके अलावा उन्होंने कुल 256 कैच लपके, तथा 201 विकेट चटकाए।
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