मीरपुर:
ठीक एक साल चार दिन बाद आखिर में वह घड़ी आ गई, जब लंबे समय से इंतजार कर रहे क्रिकेट प्रेमियों ने सचिन तेंदुलकर के बल्ले से महाशतक बनते हुए देखा। इसके साथ ही क्रिकेट में नया इतिहास बन गया। तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं।
पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ चूकने के बाद तेंदुलकर ने शेरे बांग्ला स्टेडियम में साकिब अल हसन की गेंद पर एक रन लेकर उपलब्धियों का नया शिखर छुआ। इस महान बल्लेबाज ने भी 370 दिन के बाद तिहरे अंक में पहुंचने पर राहत की सांस ली और दर्शकों के साथ-साथ ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। भारतीय खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रूम में खड़े होकर इस महान उपलब्धि को सलाम किया, तो बांग्लादेशी खिलाड़ी भी क्रिकेट के खेल की इस अद्भुत घटना के समय इस महान हस्ती को बधाई देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने इसके लिए 138 गेंद खेली तथा 10 चौके और एक छक्का लगाया।
तेंदुलकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं और फिलहाल कोई भी अन्य बल्लेबाज उनके इस रिकॉर्ड तक पहुंचने की स्थिति में नहीं दिखता है। तेंदुलकर के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक रिकी पोंटिंग (71) के नाम दर्ज हैं और वह भारतीय बल्लेबाज से 29 शतक पीछे हैं। रिकॉर्डों के बादशाह के नाम पर अब टेस्ट क्रिकेट में 51 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 49 शतक दर्ज हैं।
तेंदुलकर ने अपना पहला टेस्ट शतक 14 अगस्त, 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट मैच में लगाया था। तब वह महज 17 साल 107 दिन के थे। उन्हें एकदिवसीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ने के लिए 78 मैच का इंतजार करना पड़ा, लेकिन जब उन्होंने 9 सितंबर, 1994 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में यह मुकाम हासिल किया, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इस स्टार बल्लेबाज ने अपना 25वां और 50वां अंतरराष्ट्रीय शतक भी टेस्ट मैचों में ही लगाया। उन्होंने 25वां शतक अगस्त, 1997 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो और 50वां शतक जिम्बाब्वे के खिलाफ नवंबर, 2000 में नागपुर में लगाया था। अपना 75वां सैकड़ा तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ ही कुआलालम्पुर में एकदिवसीय मैच में जमाया था।
तेंदुलकर को अपना पहला दोहरा शतक जड़ने के लिए लगभग 10 साल का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने यह उपलब्धि अक्टूबर, 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में हासिल की थी। वह जनवरी, 2010 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा सैकड़ा जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वाधिक 20 शतक लगाए हैं। इसके बाद श्रीलंका (17), दक्षिण अफ्रीका (12), इंग्लैंड और न्यूजीलैंड (दोनों नौ), जिम्बाब्वे (आठ), वेस्टइंडीज और पाकिस्तान (सात), बांग्लादेश (पांच), कीनिया (चार) और नामीबिया (एक) का नंबर आता है।
शतकों के लिहाज से 1998 का साल उनके लिए काफी अच्छा रहा। उस साल तेंदुलकर ने 12 शतक जमाए। इसके अलावा उन्होंने 1996, 1999 और 2010 में आठ-आठ तथा 2001 में सात शतक लगाए थे। इस साल यह उनका चौथा अंतरराष्ट्रीय शतक है। तेंदुलकर ने भारत की तरफ जिन 98 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की, उनमें उन्होंने 13 शतक लगाए, लेकिन सबसे ज्यादा सैकड़े उन्होंने मोहम्मद अजहरूद्दीन के कप्तान रहते हुए ठोके। इस दौरान तेंदुलकर के बल्ले से 33 शतक निकले, जबकि सौरव गांगुली की कप्तानी में उन्होंने 24, महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 19, राहुल द्रविड़ की कप्तानी में आठ, अनिल कुंबले की कप्तानी में दो और वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में एक शतक जमाया है।
पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ चूकने के बाद तेंदुलकर ने शेरे बांग्ला स्टेडियम में साकिब अल हसन की गेंद पर एक रन लेकर उपलब्धियों का नया शिखर छुआ। इस महान बल्लेबाज ने भी 370 दिन के बाद तिहरे अंक में पहुंचने पर राहत की सांस ली और दर्शकों के साथ-साथ ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। भारतीय खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रूम में खड़े होकर इस महान उपलब्धि को सलाम किया, तो बांग्लादेशी खिलाड़ी भी क्रिकेट के खेल की इस अद्भुत घटना के समय इस महान हस्ती को बधाई देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने इसके लिए 138 गेंद खेली तथा 10 चौके और एक छक्का लगाया।
तेंदुलकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं और फिलहाल कोई भी अन्य बल्लेबाज उनके इस रिकॉर्ड तक पहुंचने की स्थिति में नहीं दिखता है। तेंदुलकर के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक रिकी पोंटिंग (71) के नाम दर्ज हैं और वह भारतीय बल्लेबाज से 29 शतक पीछे हैं। रिकॉर्डों के बादशाह के नाम पर अब टेस्ट क्रिकेट में 51 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 49 शतक दर्ज हैं।
तेंदुलकर ने अपना पहला टेस्ट शतक 14 अगस्त, 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट मैच में लगाया था। तब वह महज 17 साल 107 दिन के थे। उन्हें एकदिवसीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ने के लिए 78 मैच का इंतजार करना पड़ा, लेकिन जब उन्होंने 9 सितंबर, 1994 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में यह मुकाम हासिल किया, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इस स्टार बल्लेबाज ने अपना 25वां और 50वां अंतरराष्ट्रीय शतक भी टेस्ट मैचों में ही लगाया। उन्होंने 25वां शतक अगस्त, 1997 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो और 50वां शतक जिम्बाब्वे के खिलाफ नवंबर, 2000 में नागपुर में लगाया था। अपना 75वां सैकड़ा तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ ही कुआलालम्पुर में एकदिवसीय मैच में जमाया था।
तेंदुलकर को अपना पहला दोहरा शतक जड़ने के लिए लगभग 10 साल का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने यह उपलब्धि अक्टूबर, 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में हासिल की थी। वह जनवरी, 2010 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा सैकड़ा जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वाधिक 20 शतक लगाए हैं। इसके बाद श्रीलंका (17), दक्षिण अफ्रीका (12), इंग्लैंड और न्यूजीलैंड (दोनों नौ), जिम्बाब्वे (आठ), वेस्टइंडीज और पाकिस्तान (सात), बांग्लादेश (पांच), कीनिया (चार) और नामीबिया (एक) का नंबर आता है।
शतकों के लिहाज से 1998 का साल उनके लिए काफी अच्छा रहा। उस साल तेंदुलकर ने 12 शतक जमाए। इसके अलावा उन्होंने 1996, 1999 और 2010 में आठ-आठ तथा 2001 में सात शतक लगाए थे। इस साल यह उनका चौथा अंतरराष्ट्रीय शतक है। तेंदुलकर ने भारत की तरफ जिन 98 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की, उनमें उन्होंने 13 शतक लगाए, लेकिन सबसे ज्यादा सैकड़े उन्होंने मोहम्मद अजहरूद्दीन के कप्तान रहते हुए ठोके। इस दौरान तेंदुलकर के बल्ले से 33 शतक निकले, जबकि सौरव गांगुली की कप्तानी में उन्होंने 24, महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 19, राहुल द्रविड़ की कप्तानी में आठ, अनिल कुंबले की कप्तानी में दो और वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में एक शतक जमाया है।
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