यह ख़बर 13 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पैंतीस के पार सबसे अधिक चला सचिन का बल्ला

नई दिल्ली:

किसी भी क्रिकेटर का 35 साल की उम्र पार करने के बाद अवसान का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन सचिन तेंदुलकर इस मामले भी अपवाद हैं क्योंकि इस स्टार बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर में सर्वाधिक रन पिछले पांच वर्षों में बनाए, जबकि इस बीच उनके संन्यास को लेकर भी चर्चाएं होती रही।

सोलह साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले तेंदुलकर के करियर को यदि उनकी उम्र के आधार पर प्रत्येक पांच साल के पड़ाव में बांट दिया जाए तो फिर पता चलता है कि 35 साल पूरे करने के बाद उन्होंने सर्वाधिक टेस्ट खेले और तब भी ढेरों रन बनाए।

तेंदुलकर ने 35 बसंत पूरे करने के बाद 51 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 50.06 की औसत से 4055 रन बनाए। इसमें 12 शतक और 18 अर्द्धशतक भी दर्ज हैं। आंकड़ों की इस कहानी से पता चलता है कि तेंदुलकर दुनिया के उन चंद खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं जिन पर उम्र का ज्यादा असर नहीं दिखा। सबसे अहम बात यह रही कि इस दौरान तेंदुलकर कभी शून्य पर आउट नहीं हुए।

वेस्टइंडीज के खिलाफ नवंबर में होने वाले दो टेस्ट मैचों के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर की उम्र को आधार पर मानकर उनके करियर पर गौर किया जाए तो उनके लिए 31 से 35 साल के बीच का दौर सबसे कठिन रहा। यह वही दौर था जब वह टेनिस एल्बो से जूझ रहे थे। इस बीच दो साल तक ग्रेग चैपल भी भारतीय टीम के कोच रहे।

इस दौरान तेंदुलकर ने 24 टेस्ट मैच विदेशी सरजमीं पर खेले और उनमें सात शतकों की मदद से 2109 रन बनाये। यह कहा जा सकता है बांग्लादेश के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में 179.33 की औसत से 538 रन बनाने के कारण इन पांच वषरें में विदेशी दौरों में तेंदुलकर का आंकड़ा आकषर्क बना।

यही वह दौर था जबकि तेंदुलकर ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 11 टेस्ट मैच खेल और उनमें 50.92 की औसत से 662 रन बनाए। तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वश्रेष्ठ औसत 21 से 25 साल और 26 से 30 साल की उम्र के बीच में निकाला। रिकार्डों के बादशाह को 26 साल की उम्र के बाद ही पहली बार टेस्ट खेलने वाले सभी नौ देशों के खिलाफ मैच खेलने का मौका मिला।

इस बीच उन्होंने 44 टेस्ट मैचों में 60.84 की औसत और 15 शतक की मदद से 4259 रन बनाये। यह वही दौर था जबकि उन्होंने घरेलू सरजमीं पर खूब रन बटोरे। तेंदुलकर ने इन पांच वषरें में 21 टेस्ट मैच भारत में खेले और 69.51 की औसत से 2294 रन बनाए।

यह अलग बात है कि इस दौरान उन्होंने जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ 70.80 औसत शानदार कहा जा सकता है।

दिलचस्प आंकड़ा यह है कि 20 साल की उम्र में जब कोई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बारे सोचता है तब तक तेंदुलकर 25 टेस्ट मैच खेल चुके थे। मुंबई के इस बल्लेबाज ने 20 साल की उम्र तक खेले गये इन मैचों में 44.76 की औसत से 1522 रन बनाये और पांच शतक ठोके।

शुरुआती दौर में उनके आंकड़ें बाद के आंकड़ों से इसलिए अधिक प्रभावशाली नहीं दिखते क्योंकि यह वही समय था जबकि भारत ने अपने अधिकतर मैच विदेशी सरजमीं पर खेले थे। तेंदुलकर ने 20 वर्ष पूरे करने तक भारत में केवल पांच टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 75.00 की औसत से 375 रन बनाए थे।

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इस बीच उन्होंने विदेशी सरजमीं पर 20 टेस्ट मैच में 39.55 की औसत से 1147 रन बनाये जिसमें चार शतक शामिल हैं। मैनचेस्टर में 1990 में खेली गयी उनकी 119 रन की पारी और फिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे में दो शतक भला कौन भूल सकता है।
भारत ने इस बीच सात देशों के खिलाफ मैच खेले लेकिन तेंदुलकर को ब्रायन लारा की वेस्टइंडीज टीम का सामना करने का मौका नहीं मिला था।