पूर्व भारतीय कप्तान और मुख्य चयनकर्ता चंदू बोर्डे का मानना है कि 2011 की विश्व चैंपियन टीम के कई खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में भारत का भाग्य काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा कि अनुभवी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी किस तरह से टीम की अगुवाई करते हैं। मौजूदा चैंपियन टीम इस बार युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, हरभजन सिंह और गौतम गंभीर तथा संन्यास ले चुके सचिन तेंदुलकर के बिना खेल रही है जो 2011 विश्वकप के सदस्य थे।
पिछले टूर्नामेंट के केवल चार खिलाड़ी ही वर्तमान टीम के सदस्य हैं। बोर्डे ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारी टीम अनुभवी नहीं है। यह युवा और अनुभव का मिश्रण है लेकिन इस तरह के विश्वकप मैचों और परिस्थितियों में कप्तान की भूमिका अहम होती है। हमारे कप्तान के पास बहुत अधिक अनुभव है। वह शांतचित है और जानता है कि खिलाड़ियों को कैसे प्रेरित कना है। मेरे हिसाब से यह महत्वपूर्ण होगा।’’
विश्वकप 1983 की चैंपियन टीम का चयन करने वाली चयनसमिति के सदस्यों में शामिल 80 वर्षीय बोर्डे चाहते हैं विराट कोहली को 14 फरवरी से शुरू होने वाले टूर्नामेंट में अधिक से अधिक बल्लेबाजी का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोहली जितना संभव हो उतने अधिक ओवर बल्लेबाजी करता है तो इससे टीम को फायदा मिलेगा। परिस्थितियों के हिसाब से कोहली या अजिंक्य रहाणे तीसरे या चौथे नंबर पर उतर सकते हैं। यदि भारत अच्छी स्थिति में हो तो कोहली तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी कर सकता है या फिर रहाणे इस नंबर पर उतर सकते हैं।’’
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