भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि विराट कोहली (Virat Kohli) ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों की कप्तानी छोडकर ‘समझदारी भरा फैसला' किया, जिससे उनकी आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खुद को बेहतर तरीके से पेश करने की राह आसान हो गयी है. भारतीय कोच रहने के दौरान कोहली के नेतृत्व कौशल को करीब से जानने और समझने वाले शास्त्री को हालांकि लगता है कि यह 33 वर्षीय बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में कप्तान बने रह सकता था.
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शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यह (कप्तानी छोड़ना) अप्रत्यक्ष तौर पर फायदेमंद हो सकता है. कप्तानी का दबाव उनके कंधों से उतर गया है. कप्तान से जो उम्मीदें की जाती हैं अब वे नहीं होंगी. अब वह खुद को अच्छी तरह से अभिव्यक्त कर सकते हैं, खुलकर खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि वह ऐसा करना भी चाहेंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उन्होंने कप्तानी छोड़ने का समझदारी भरा फैसला किया. मुझे अच्छा लगता अगर वह भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बने रहते लेकिन यह निजी पसंद है.'' कोहली (Virat Kohli) ने आईपीएल 2021 (IPL 2022) के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की कप्तानी छोड़कर सबको चौंका दिया था. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारत की 1-2 से हार के बाद उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी जबकि इससे पहले उन्होंने पिछले साल विश्व कप के बाद टी20 टीम की कप्तानी से त्यागपत्र दे दिया था. इसी के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया था.
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शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने प्रदर्शन को लेकर चिंता न करे, क्योंकि उसने विश्व क्रिकेट में खुद को साबित करने के लिये पर्याप्त काम किया है.'' इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करने की अपनी चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, ‘‘खेल के तीनों प्रारूपों में एक टीम की कप्तानी करना आसान काम नहीं है, विशेषकर भारत की कप्तानी जहां आपसे बहुत अधिक उम्मीदें लगायी जाती हैं.'' शास्त्री ने कहा, ‘‘भारतीय टीम के कप्तान के मुकाबले किसी अन्य टीम के कप्तान को कम दबाव झेलना पड़ता हैं, क्योंकि यहां एक अरब से अधिक लोगों की उम्मीदें आपसे जुड़ी होती हैं. अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं.''
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