
नई दिल्ली:
पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने आलोचनाओं से घिरे महेंद्र सिंह धोनी का समर्थन करते हुए कहा कि वह एकमात्र व्यक्ति है, जो टेस्ट टीम की अगुवाई करने में सक्षम है, लेकिन उसे ट्वेंटी-20 की कप्तानी छोड़ देनी चाहिए।
द्रविड़ ने कहा, धोनी टेस्ट क्रिकेट में भारत की अगुवाई करने वाला एकमात्र व्यक्ति ही नहीं है, बल्कि वह इस काम को अच्छी तरह करने के योग्य भी है। उससे इसके लिए सिर्फ कप्तानी में सिर्फ एक बदलाव की जरूरत है कि उसे यह पहचानना होगा कि वह हर वक्त सबकुछ नहीं कर सकता और उसे इसके लिए मदद स्वीकारने और इसके लिए पूछने की इच्छा दिखानी चाहिए।
उन्होंने 'ईएसपीएन क्रिकइंफो' के लिए अपने कॉलम में लिखा, धोनी को यह पहचानना होगा कि वह कप्तान बने रहना जारी नहीं रख सकता और हर वक्त नहीं खेल सकता, क्योंकि इससे वह थक जाएगा। इसकी शुरुआत धोनी आसानी से भारत की टी-20 और चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी छोड़कर कर सकता है। उसे कप्तानी, कीपिंग और खेलने के बीच में ब्रेक लेने की जरूरत है।
द्रविड़ ने कहा, उसे निश्चित रूप से भारत के लिए वनडे और टी20 खेलने चाहिए, क्योंकि वह टीम के लिए अहम है। कप्तानी छोड़ने से उसे भारत के लिए मुख्य काम करने का अधिक समय मिलेगा और इससे उसमें खेलने के लिए ताजगी भी बनी रहेगी। इससे भारत को ऐसे खिलाड़ी जैसे (विराट) कोहली को टी-20 कप्तानी सौंपने का मौका मिल जाएगा, जिससे उसे ब्रेक भी मिल जाएगा। फिर वह देखे कि यह कैसा चलता है। भारतीय टीम के इंग्लैंड के खिलाफ हालिया घरेलू टेस्ट शृंखला में लचर प्रदर्शन और इसके बाद चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से वनडे सीरीज में मिली हार से धोनी की कप्तानी की आलोचना हो रही है।
हालांकि वह बल्ले से अच्छी फॉर्म में है, लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों को लगता है कि धोनी में बतौर कप्तान थकान के संकेत दिख रहे हैं। लेकिन द्रविड़ नहीं मानते कि इस विकेटकीपर-बल्लेबाज की जगह भारत के पास कोई और विकल्प है, जिसने 2007 ट्वेंटी-20 विश्वकप खिताबी जीत के अलावा 2011 वनडे विश्वकप की जीत में देश का नेतृत्व किया था।
द्रविड़ ने कहा कि धोनी को अपने में कुछ बदलाव करना चाहिए। उन्होंने कहा, वह अच्छी तरह दौड़ सकता है और वह भारत के सबसे सफल कप्तान के तौर पर देखा जाएगा और उसके पास अब इसे (सफल कप्तानी कार्यकाल को) बढ़ाने का मौका है। उसकी अच्छी नेतृत्व क्षमता के अलावा एक अन्य कारण यह भी है कि इस समय धोनी का कोई विकल्प भी नहीं है।
द्रविड़ ने कहा, धोनी टेस्ट क्रिकेट में भारत की अगुवाई करने वाला एकमात्र व्यक्ति ही नहीं है, बल्कि वह इस काम को अच्छी तरह करने के योग्य भी है। उससे इसके लिए सिर्फ कप्तानी में सिर्फ एक बदलाव की जरूरत है कि उसे यह पहचानना होगा कि वह हर वक्त सबकुछ नहीं कर सकता और उसे इसके लिए मदद स्वीकारने और इसके लिए पूछने की इच्छा दिखानी चाहिए।
उन्होंने 'ईएसपीएन क्रिकइंफो' के लिए अपने कॉलम में लिखा, धोनी को यह पहचानना होगा कि वह कप्तान बने रहना जारी नहीं रख सकता और हर वक्त नहीं खेल सकता, क्योंकि इससे वह थक जाएगा। इसकी शुरुआत धोनी आसानी से भारत की टी-20 और चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी छोड़कर कर सकता है। उसे कप्तानी, कीपिंग और खेलने के बीच में ब्रेक लेने की जरूरत है।
द्रविड़ ने कहा, उसे निश्चित रूप से भारत के लिए वनडे और टी20 खेलने चाहिए, क्योंकि वह टीम के लिए अहम है। कप्तानी छोड़ने से उसे भारत के लिए मुख्य काम करने का अधिक समय मिलेगा और इससे उसमें खेलने के लिए ताजगी भी बनी रहेगी। इससे भारत को ऐसे खिलाड़ी जैसे (विराट) कोहली को टी-20 कप्तानी सौंपने का मौका मिल जाएगा, जिससे उसे ब्रेक भी मिल जाएगा। फिर वह देखे कि यह कैसा चलता है। भारतीय टीम के इंग्लैंड के खिलाफ हालिया घरेलू टेस्ट शृंखला में लचर प्रदर्शन और इसके बाद चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से वनडे सीरीज में मिली हार से धोनी की कप्तानी की आलोचना हो रही है।
हालांकि वह बल्ले से अच्छी फॉर्म में है, लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों को लगता है कि धोनी में बतौर कप्तान थकान के संकेत दिख रहे हैं। लेकिन द्रविड़ नहीं मानते कि इस विकेटकीपर-बल्लेबाज की जगह भारत के पास कोई और विकल्प है, जिसने 2007 ट्वेंटी-20 विश्वकप खिताबी जीत के अलावा 2011 वनडे विश्वकप की जीत में देश का नेतृत्व किया था।
द्रविड़ ने कहा कि धोनी को अपने में कुछ बदलाव करना चाहिए। उन्होंने कहा, वह अच्छी तरह दौड़ सकता है और वह भारत के सबसे सफल कप्तान के तौर पर देखा जाएगा और उसके पास अब इसे (सफल कप्तानी कार्यकाल को) बढ़ाने का मौका है। उसकी अच्छी नेतृत्व क्षमता के अलावा एक अन्य कारण यह भी है कि इस समय धोनी का कोई विकल्प भी नहीं है।
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